कोरोना वायरस पर चीनी प्रोपेगंडा फैलाने के लिए अमेरिकन मीडिया ने खाई करोड़ों डॉलर की घूस!

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कोरोना वायरस और वन चाईना पॉलिसी का प्रोपेगण्डा दुनिया भर में फैलाने के लिए चीन की कम्युनिस्ट सरकार न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट और टाइम्स  जैसे अमेरिकी मीडिया संस्थानों को करोड़ों डॉलर की घूस दी है। इस घूस के बदले अमेरिकी मीडिया में शी जिनपिंग के नैरेटिव को ऐसे छापा गया जैसे कि वो वाकई में सीरियस न्यूज हों। ये खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के आधार पर एक स्वतंत्र विश्लेषक ने किया है।  </p>
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कुछ समय पहले की बात है कि दुनिया भर का मीडिया वाशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क पोस्ट को अपना आदर्श मानता था, लेकिन यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट की रिपोर्ट्स के खुलासे से अमेरिकी मीडिया की छवि शीशे की तरह चूर-चूर हो गई है। यूएस जस्टिस रिपोर्ट के हवाले से एक स्वतंत्र विश्लेषक ने दावा किया है कि चीन ने अपने विभिन्न एजेंटों के मार्फत अमेरिकी और पश्चिमी मीडिय को करोड़ों डालर की घूस दी है। इस घूस के बदले अमेरिकी और पश्चिमी देशों की मीडिया ने शी जिनपिंग और चीन के प्रोपेगंडा को न्यूज की तरह चलाया</p>
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दुनिया का सुपर पावर बनने का सपना संजोने वाला चीन अपने प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाने के लिए वैश्विक मीडिया को लगातार पैसे खिला रहा है। चीन का प्रोपेगेंडा आउटलेट चाइना डेली ने मीडिया प्रभाव बढ़ाने के लिए पिछले छह महीनों में प्रमुख अमेरिकी समाचार पत्रों और पत्रिकाओं को लाखों डॉलर की फंडिंग की है। यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट में दायर दस्तावेजों के हवाले से एक स्वतंत्र विश्लेषक ने इस बात का खुलासा किया है।</p>
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जस्टिस डिपार्टमेंट के खुलासे के अनुसार, चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी के मुख पृष्ठ चाइना डेली ने टाइम मैगज़ीन, फॉरेन पॉलिसी मैगज़ीन, फाइनेंशियल टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट समेत कई प्रमुख अमेरिकी प्रकाशनों को करोड़ों अमेरिकी डॉलर की फंडिंग की है।</p>
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, टाइम मैगज़ीन को 7,00,000अमेरिकी डॉलर, फाइनेंशियल टाइम्स को 3,71,577अमेरिकी डॉलर, फॉरेन पॉलिसी मैगजीन को 2,91,000अमेरिकी डॉलर, लॉस एंजिलिस टाइम्स को 2,72,000अमेरिकी डॉलर दिया गया है। इसके अलावा, कई दूसरे संस्थानों को दस लाख डॉलर से अधिक की फंडिंग की गई है।</p>
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जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, चाइना डेली ने इन पब्लिकेशंस को विज्ञापन के लिए भी भुगतान किया है। इसके तहत, न्यूयॉर्क टाइम्स को 50,000अमेरिकी डॉलर, फॉरेन पॉलिसी को 2,40,000अमेरिकी डॉलर, डेस मोइनेस रजिस्टर को 34,600अमेरिकी डॉलर और सीक्यू-रोल कॉल को 76,000अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया गया।</p>
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चाइना डेली ने अमेरिकी समाचार पत्रों में विज्ञापन पर कुल 1,10,02,628अमेरिकी डॉलर (81.72करोड़ रुपए) खर्च किया है। इसके अलावा, चीन सोशल मीडिया पर बैन होने के बावजूद चीन ने ट्विटर पर विज्ञापन के लिए 2,65,822अमेरिकी डॉलर खर्च किए।</p>
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इसके अलावा, द लॉस एंजिल्स टाइम्स, द सिएटल टाइम्स, द अटलांटा-जर्नल कॉन्स्टिट्यूशन, द शिकागो ट्रिब्यून, द ह्यूस्टन क्रॉनिकल और द बोस्टन ग्लोब भी चाइना डेली के क्लाइंट के रूप में सूचीबद्ध हैं।</p>
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पिछले महीने 1जून 2021को चीन ने अमेरिकी मीडिया आउटलेट्स को भुगतान का पहला विस्तृत लेखा-जोखा पेश किया था, जिसके बाद ये खुलासा हुआ था। कथित तौर पर यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने सालों पहले चाइना डेली को विदेशी एजेंट पंजीकरण अधिनियम (एफएआरए) के तहत अपनी गतिविधियों का खुलासा करने के लिए कहा था। इसके बाद आउटलेट ने नवंबर 2016और अप्रैल 2020के बीच की अवधि के लिए किए गए खर्चों का खुलासा किया था।</p>
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द डेली कॉलर ने पिछले महीने एक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि चाइना डेली ने नवंबर 2016से द वाशिंगटन पोस्ट को $4.6मिलियन अमेरिकी डॉलर (34.17करोड़ रुपया) और वॉल स्ट्रीट जर्नल को लगभग $6मिलियन अमेरिकी डॉलर (44.57करोड़ रुपए) से अधिक की फंडिंग की है। इन दोनों संस्थानों ने ‘चाइना वॉच’ नाम से कथित तौर पर चाइना डेली द्वारा उपलब्ध कराए गए पेड कटेंट चलाए। ये कंटेंट ऐसे रखे जाते थे जैसे न्यूज हों, लेकिन वास्तव में इसमें समसामयिक विषयों पर चीन के पक्ष में विचार रखे गए होते थे।</p>
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1जुलाई 2021को ‘द हिंदू’ अखबार ने भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की शताब्दी वर्षगाँठ के मौके पर ऐडवरटोरियल के नाम पर फुल पेज का ऐड छापा था। खास बात यह है कि ‘द हिंदू’ ने चीन के पेड कंटेंट को इस तरीके से प्रकाशित किया था कि यह रुटीन खबरों की तरह ही दिखे। ‘द हिंदू’ ने दो दिनों से भी कम समय में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और उसके सर्वोच्च नेता शी जिनपिंग की प्रशंसा वाले दो संपादकीय प्रकाशित किए गए।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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