Bilawal Bhutto ने कहा, Pakistan ने भारत संग रिश्ते तोड़कर की सबसे बड़ी गलती, पूरी दुनिया में…

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पाकिस्तान कभी भी अपने बात पर खड़ा नहीं रहता है। वो कभी कुछ कहता है तो कभी कुछ। कभी भारत के खिलाफ जाता है तो कभी भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने की बात करने लगता है। हालांकि, पाकिस्तान पर भरोषा करना मुश्किल है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री लगातार भारत के खिलाफ बोलते आए लेकिन, अब जब देश कंगाल होने लगा तो अचानक भारत की याद आने लगी। भारत के संग रिश्ते मजबूत करने की मांग उठने लगी।</p>
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दरअसल, पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने गुरुवार को भारत के साथ रिश्ते रखने को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने भारत संग रिश्ते फिर से मजबूत करने की बात की है। भुट्टो ने कहा कि, पाकिस्तान दुनिया में पहले ही अलग-थलग पड़ा हुआ है, ऐसे में भारत के साथ रिश्ते तोड़ना मुल्क के लिए कहीं से फायदेमंद नहीं होगा। देश की राजधानी इस्लामाबाद में सामरिक अध्ययन संस्थान के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए बिलावल ने कहा कि कुछ हालिया घटनाओं की वजह से भारत के साथ जुड़ाव नामुमकिन भले ही न हो, लेकिन मुश्किल जरूर है। बिलावल भुट्टो ने आगे कहा है क, भारत के साथ हमारे मुद्दे हैं। पाकिस्तान और भारत के बीच जंग और लड़ाई का काफी लंबा इतिहास रहा है। आज, हमारे बीच गंभीर विवाद हैं और अगस्त 2019की घटनाओं को हल्के में नहीं लिया जा सकता है। दरअसल, जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के लिए 5अगस्त 2019को भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370को निरस्त करने की घोषणा की थी। भारत के इस कदम के बाद से पाकिस्तान बौखला उठा और इंडिया संग रिश्ते तोड़ दिया। क्योंकि, आतंकवाद फैलान में अब उसे सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही कश्मीरियों को उसका भड़काना अब काम नहीं आ रहा।</p>
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पाकिस्तान ने इस फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए राजनयिक संबंधों को कमतर किया था और भारतीय दूत को निकाल दिया था। कश्मीर मुद्दे पर बोलते हुए बिलावल ने कहा कि यह मुद्दा, विदेश मंत्री बनने के बाद से मेरी किसी भी बातचीत का आधार बिंदु बन गया है। भारत के साथ संबंध बहाली का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा, मई में, हमारे पास (जम्मू-कश्मीर में) परिसीमन आयोग था और फिर हाल में (बीजेपी के) पदाधिकारियों के 'इस्लामोफोबिया' वाले बयानों ने एक ऐसा माहौल बना दिया है, जिसमें पाकिस्तान के लिए जुड़ाव असंभव नहीं, हालांकि, बहुत मुश्किल है।</p>
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बिलावल ने थिंक टैंक कार्यक्रम में मौजूद लोगों से पूछा कि क्या भारत के साथ संबंध तोड़ने से पाकिस्तान के हितों की पूर्ति हो रही है, चाहे वह कश्मीर पर हो, चाहे वह बढ़ते इस्लामाफोबिया पर हो या भारत में हिंदुत्व की विचारधारा पर जोर देना हो।</p>

आईएन ब्यूरो

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