ब्रिटिश शैडो विदेश मंत्री की यूएन मानवाधिकार परिषद में चीन का रास्ता रोकने की मांग

उइगरों पर चीनी सरकार के अत्याचारों को देखते हुए ब्रिटेन की छाया विदेश मंंत्री (प्रमुख विपक्षी दल लेबर की विदेश विभाग इंचार्ज) लिजा नेैंडी ने मानवाधिकार परिषद में चीन का रास्ता रोकने की मांग की है। छाया विदेश मंत्री ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को शिनजियांग में मानवता के खिलाफ संभावित अपराधों की जांच करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

बीजिंग के साथ अपने संबंधों को लेकर भ्रम से घिरे होने के आरोपों का सामना कर रही ब्रिटेन की सरकार से परिषद की सीट पर चीन का विरोध करने की मांग करके नैंडी ऐसा कर रहे अन्य संगठनों के समूह में शामिल हो गईं। नैंडी ने मांग की है कि जब तक कि संयुक्त राष्ट्र को उइगरों के हो रहे दमन की स्वतंत्र जांच करने की अनुमति नहीं दी जाती, तब तक चीन को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर रखा जाना चाहिये।

विदेश मंत्री डॉमिनिक रॉब को लिखे पत्र में नैंडी ने संयुक्त राष्ट्र के मार्गदर्शन का हवाला देते हुए लिखा कि देशों को मानवाधिकार परिषद की सदस्यता के लिए मतदान करते समय "मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के लिए उम्मीदवारों के योगदान को ध्यान में रखना चाहिए।"

उन्होंने अपने पत्र में लिखा हैं कि "लेबर पार्टी सरकार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में चीन के चुनाव का विरोध करने के लिए कह रही है … जब तक कि शिनजियांग में दुनिया को पहुंच प्रदान नहीं की जाती है। और चीन ऐसा करने के कारणों को दुनिया के सामने स्पष्ट करें। वर्तमान परिस्थितियों में चीन जरूरी अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा नहीं कर रहा है।"

ब्रिटेन की छाया विदेश मंत्री ने कहा कि शिनजियांग में उइगरों का दमन "पहली नजर में मानवता के खिलाफ एक अपराध है और 1948 के कन्वेंशन के अर्थ में नरसंहार की परिभाषा में भी आता है। आप जानते हैं कि कोई भी अंतर्राष्ट्रीय कानून मायने रखता है और इस तरह की भयावहता के सामने मौन को कुछ लोगों द्वारा सह अपराध के रूप में देखा जाएगा। उइगर लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए यूके को यह आगे बढ़ना चाहिए और दिखाना चाहिए कि दुनिया भर के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अभी भी हम पर भरोसा किया जा सकता है।”

पिछले हफ्ते ही ब्रिटिश विदेश मंत्री रॉब ने कहा था कि अगर उइगर मुसलमानों के साथ दुर्व्यवहार के बारे में सबूत सामने आते हैं तो ब्रिटेन 2022 में बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक का बहिष्कार कर सकता है। उन्होंने कहा कि खेलों में ड्यूक ऑफ कैम्ब्रिज जैसी प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति को भी बहुत ध्यान से देखा जाएगा। शिनजियांग में उइगर लोगों के खिलाफ चीन कुल मिलाकर अहंकारी है और मानवाधिकारों के हनन का दोषी है।

ह्यूमन राइट्स वॉच और चीनी ह्यूमन राइट्स डिफेंडर्स नेटवर्क दोनों ने पहले ही इस हफ्ते परिषद में चीन की सीट को रोकने का आह्वान किया है। परिषद की 15 सीटों पर तीन साल के कार्यकाल के लिये चुनाव होंगे। ब्रिटेन पहले से ही पूरे मामले की स्वतंत्र जांच की मांग के लिए 39 देशों के गठजोड़ का समर्थन कर रहा है, जिसका प्रस्ताव जर्मनी द्वारा रखा गया है।.

डॉ. शफी अयूब खान

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