चंद्रमा पर अड्डा बनाने को लेकर चीन (China) की बढ़ती तैयारी को मात देने के लिए अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी कमर कस ली है। नासा एक के बाद एक लॉन्च किए जाने वाले अपने आर्टेमिस मिशनों के जरिए इंसान को चांद पर फिर से उतारने जा रही है। नासा के उप प्रशासक पाम मेलरोय ने अजरबैजान में आयोजित इंटरनैशनल एस्ट्रोनॉटिकल कांग्रेस की बैठक में अपनी इस तैयारी पर बड़ा अपडेट दिया। उन्होंने कहा कि आर्टेमिस-2, आर्टेमिस-3 और आर्टेमिस-4 के हार्डवेयर पर बहुत तेजी से काम चल रहा है। यही नहीं आर्टेमिस-2 के लिए जाने वाले रॉकेट में इंजन को जोड़ दिया गया है।
इस बैठक में भारत, चीन और जापान समेत दुनिया के कई देशों के प्रमुख वैज्ञानिक और स्पेस एजेंसियों के अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। नासा पदाधिकारी ने बताया कि एसएलएस रॉकेट की मदद से आर्टेमिस-2 मिशन को लॉन्च किया जाएगा। इसके अलावा इस मिशन में शामिल दल ने हाल ही में कई अभ्यास को अंजाम दिया है। नासा के अधिकारी ने बताया कि जर्मनी के ब्रेमेन में अर्तेमिस मिशन के लिए हार्डवेयर पर काम चल रहा है। नासा एक बार फिर से चांद पर फतह के लिए अर्तेमिस मिशनों की एक पूरी लाइन लगाने जा रही है।
नासा का आर्टेमिस 1 मिशन पहले ही पूरा हो गया है। इसके तहत साल 2022 में बिना चालक दल के स्पेसक्राफ्ट ने उड़ान भरी थी। इसने चक्कर लगाया था और चांद के आगे तक का सफर किया था। अब नासा अगले मिशन की तैयारी में जुट गई है। आर्टेमिस-2 मिशन के तहत चालक दल के साथ यह रॉकेट उड़ान भरेगा और अंतरिक्ष में उस स्थान तक इंसान को ले जाएगा जहां तक वे अभी गए नहीं हैं। आर्टेमिस-3 मिशन के तहत साल 1972 में उतरे अपोलो 17 के बाद पहली बार चांद पर लैंडिंग होगी।
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नासा का इरादा चांद पर पहली महिला अंतरिक्ष यात्री को उतारने का है। एक अश्वेत अंतरिक्ष यात्री भी इस दौरान मिशन का हिस्सा होगा। ये सभी अंतरिक्षयात्री एक सप्ताह तक चांद की सतह पर रहेंगे और वहां विभिन्न तरीके अध्ययन करेंगे। इसके बाद वे धरती पर लौट आएंगे। आर्टेमिस-4 के तहत चांद पर स्पेस स्टेशन गेटवे बनाने के लिए एक मुख्य हिस्सा भेजा जाएगा। साथ ही दो और अंतरिक्षयात्रियों को वहां पर लैंड कराया जाएगा। इसके बाद आर्टेमिस-5 मिशन शुरू होगा जिसके जरिए अंतरिक्ष स्टेशन गेटवे के लिए एक और महत्वपूर्ण हिस्से को भेजा जाएगा। इस दौरान एक तीसरा अंतरिक्ष यात्री भी चांद पर भेजा जाएगा।
इस बीच चीन (China) ने भी चांद पर एक के बाद एक कई मिशन भेजने का ऐलान किया है। चीन का इरादा पहले चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक जाने का है। इसके बाद चीन भी चंद्रमा पर अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना रखता है। चीन ने इसके लिए रूस समेत दुनिया के कई देशों से हाथ मिलाया है। चीन की कोशिश है कि चांद पर मौजूद बर्फ की खोज की जाए। चीन का चांग ई 6 स्पेसक्राफ्ट अगले साल लॉन्च होगा जो चंद्रमा के अंधेरे वाले हिस्से से नमूने लेकर आएगा। इसके बाद साल 2026 में चांग ई 7 और साल 2028 में चांग ई 8 मिशन लॉन्च करने की योजना है। चीन ने साल 2030 तक चांद पर अड्डा बनाने की योजना बनाई है। इससे पहले वह अंतरिक्ष यात्री चांद पर भेजेगा।
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