ताइवान (Taiwan) को लेकर चीन लगातार आक्रामक रवैया अपनाया हुआ है। वैसे अगर चीन (china) ने ताइवान पर हमला किया तो इसका अंजाम पूरी दुनिया भुगतेगी और सबसे ज्यादा असर ड्रैगन पर पड़ेगा। क्योंकि, ताइवान के साथ कई देशों ने अपना समर्थन दिया है। रूस और यूक्रेन जंग के चलते दुनिया बुरी तरह से महंगाई का मार झेल रही है।इसके बाद एक और जंग अब दुनिया नहीं देखना चाहती है। ताइवान के प्रति बढ़ते समर्थन के साथ ही आसियान देशों ने चीन से अधिकतम संयम बरतने की अपील की है, क्योंकि सैन्य टकराव का भयावह अंजाम हो सकता है। ऐसे में अब चीन ने ताइवान को लेकर अमेरिका को दो टूक चेतावनी दी है। चीन ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो हम फौज उतारने से भी पीछे नहीं हटेंगे। इस बयान को अमेरिका के लिए सीधी चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है।
वन चाइना पॉलिसी को लेकर अमेरिका को सुनाया
वहीं कुछ कुछ दिन पहले ही अमेरिकी वायु सेना के एयर मोबिलिटी कमांड के प्रमुख जनरल माइक मिन्हान ने कहा था कि मुझे लगता है कि 2025 में अमेरिका और चीन के बीच युद्ध हो सकता है। उनके इस बयान का अमेरिकी कांग्रेस के वरिष्ठ रिपब्लिकन सांसद माइकल मैककॉल ने भी समर्थन किया था। उन्होंने कहा था कि ताइवान के मुद्दे पर चीन से संघर्ष की आशंका काफी ज्यादा है। अमेरिकी अधिकारियों के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीन विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वह वन चाइना पॉलिसी को काफी गंभीरता से ले और दोनों देशों की ओर से जारी साझा बयानों को माने। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग (Mao Ning) ने कहा कि नए विवाद की जड़ दो बाते हैं। पहली यह कि ताइवान (Taiwan) की डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी आजादी के लिए अमेरिका पर निर्भर हो रही है। दूसरा यह कि अमेरिका में कुछ लोग चीन को काबू में करने के लिए ताइवान का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।
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ताइवान के साथ सैन्य संबंध तोड़ने के लिए कहा
निंग ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें अपने नेतृत्व के किए गए वादों को निभाते हुए ताइवान के मामले में जबरन घुसने का काम नहीं करना चाहिए। अमेरिका को ताइवान के साथ सैन्य संबंधों पर भी रोक लगानी चाहिए। उन्होंने यह भी दोहराया कि ताइवान चीन का हिस्सा है और हम शांतिपूर्वक और पूरी ईमानदारी के साथ इसका अधिग्रहण करना चाहते हैं। निंग ने कहा कि हालांकि हम ऐसा कोई वादा नहीं कर रहे कि ची सेना का का इस्तेमाल नहीं करेगा।
चीनी चिप के बहिष्कार का लगाया आरोप
चीन ने आरोप लगाया कि अमेरिका अपने सहयोगियों पर चीन की चिप तकनीक का बहिष्कार करने के लिए दबाव बना रहा है। इसका लक्ष्य अमेरिका के अपने हितों को साधना है। चीनी प्रवक्ता ने दावा किया कि अमेरिका के इस कदम से दुनियाभर में उद्योगों को नुकसान होगा। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिकी सांसद वन चाइना पॉलिसी का पालन करें और ऐसी कोई भी चीज न करें जिससे दोनों देशों के संबंध, शांति और स्थायित्व को खतरा पैदा हो।
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