अंतर्राष्ट्रीय

दुनिया के लिए कर्ज का जाल बना BRI! अब ये साजिश रच रहा China, पुतिन भी फंस रहे?

चीन (China) के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट बेल्‍ट एंड रोड परियोजना के 10 साल पूरे हो गए हैं और अब ड्रैगन इस मौके पर अक्‍टूबर में एक भव्‍य सम्‍मेलन करने जा रहा है। चीन की सरकार ने ऐलान किया है कि 90 देशों ने बीआरआई सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने की स्‍वीकृति दी है। इस बैठक में रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी भाग लेंगे जो भारत में हुए जी 20 कार्यक्रम और दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्‍स श‍िखर सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने नहीं गए थे। चीन जहां बीआरआई को दुनिया को जोड़ने का प्रॉजेक्‍ट बता रहा है, वहीं व‍िशेषज्ञों का मानना है कि यह दुनिया को ‘कर्ज के जाल में फंसाने की कूटनीति’ है। इसके जरिए चीन को अन्‍य देशों पर बढ़त मिल जाती है और उसे वहां के आधारभूत ढांचे तथा प्राकृतिक संसाधनों को कब्‍जा करने का मौका मिल जाता है।

फॉरेन अफेयर्स पत्रिका में व‍िदेश नीति के अमेरिकी व‍िशेषज्ञ माइकल बेनोन और फ्रांसिस फुकयामा ने अपने लेख में कहा कि चीन के कर्जजाल का उदाहरण श्रीलंका है। वे भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका का उदाहरण देते हैं जहां चीन ने साल 2017 में हंबनटोटा बंदरगाह को लोन नहीं चुकाने पर 99 साल के लिए अपने ‘कब्‍जे’ में लिया। इस डील के बाद अमेरिका से लेकर पश्चिमी देशों की राजधानियों में खलबली मच गई और चीन का असली इरादा दुनिया के सामने आ गया।

दुनियाभर में फेल साबित हुआ BRI

अमेरिकी व‍िशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में बीआरआई की एक अलग ही तस्‍वीर सामने आई है। दुनिया में चीन के व‍ित्‍तपोषण वाले कई प्रॉजेक्‍ट फेल साबित हो रहे हैं। उनसे कोई लाभ उस देश को नहीं हो रहा है। वहीं ये देश चीन के भारी ब्‍याज वाले कर्ज जाल में फंस गए हैं। वे भव‍िष्‍य के न‍िवेश को तो छोड़‍िये वर्तमान में जो कर्ज है, उसका ब्‍याज तक नहीं दे पा रहे हैं। चीन के कर्ज का यह संकट केवल श्रीलंका तक नहीं है। इसके लपेटे में आर्जेंटीना, केन्‍या, मलेशिया, मोंटेनेग्रो, पाकिस्‍तान, तंजानिया और कई ऐसे देश हैं। चीन की इस चाल से बंदरगाह ही नहीं बल्कि एक और विकट समस्‍या से अमेरिका और पश्चिमी देशों को जूझना पड़ रहा है। ये व‍िकासशील देश अब चीन के कर्ज को चुकाने के लिए पश्चिमी देशों के संगठन आईएमएफ और व‍िश्‍व बैंक से कर्ज मांग रहे हैं। चीन ने बीआरआई के तहत पिछले 10 साल में 1 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज 100 देशों को दिया है।

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चीन की यात्रा पर जा रहे पुतिन

अब यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों में फंसा भारत का दोस्‍त रूस भी चीन के साथ बीआरआई पर सहयोग बढ़ाने जा रहा है। पुतिन न केवल बीआरआई के सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेंगे बल्कि चीन रूस में अपना न‍िवेश बढ़ा रहा है। चीन का रूस के साथ व्‍यापार भी बहुत तेजी से बढ़ रहा है। कमजोर होता रूस बड़े पैमाने पर आयात के लिए चीन पर निर्भर हो गया है। यह भारत के लिए भी खतरे की घंटी है जो हथियारों के लिए 70 फीसदी रूस पर निर्भर है।

आईएन ब्यूरो

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