अंतर्राष्ट्रीय

ड्रैगन ने भारत के पड़ोस में बनाया विशाल नौसैनिक अड्डा, अमेरिका-भारत के लिए बड़ा खतरा?

सैटेलाइट इमेजरी के अनुसार, चीन (China) ने कंबोडिया में एक नौसैनिक अड्डे के निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति की है और एक घाट पूरा करने के करीब है, जहां एक विमानवाहक पोत खड़ा किया जा सकता है। अमेरिकी वाणिज्यिक इमेजरी कंपनी ब्लैकस्काई द्वारा ली गई छवियां, जो रीम नेवल बेस पर निर्माण की निगरानी कर रही है, एक लगभग पूरा घाट दिखाती है जो आकार और डिजाइन में उस घाट के समान है जिसे चीनी सेना जिबूती में अपने एकमात्र विदेशी बेस पर उपयोग करती है।

चीन (China) का यह नौसैनिक अड्डा भारत के अंडमान निकोबार द्वीप पर बने सैन्‍य अड्डे से कुछ सौ किलोमीटर की दूरी पर है। चीन के बॉम्‍बर रिआम नेवल बेस से अंडमान तक निशाना साधने की ताकत रखते हैं। चीन और कंबोडिया दोनों ही दावा करते हैं कि चीनी सेना की इस नौसैनिक अड्डे पर कोई भूमिका नहीं है। चीन के पास अमेरिका के मुकाबले बड़ी नौसेना है लेकिन उसके पास दुनियाभर में नौसैनिक अड्डे और लॉजिस्टिक फैसिल‍िटी नहीं है। इसकी वजह से चीन की नौसेना के युद्धपोत आसानी से दुनियाभर में अपनी ताकत का प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं।

यह निर्माण कंबोडिया की क्षमता को मजबूत करने के लिए है

अमेरिका में चीनी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंबोडिया ने कहा था कि उसके संविधान ने अपनी धरती पर विदेशी सैन्य अड्डों पर प्रतिबंध लगा दिया है और यह निर्माण कंबोडिया की क्षमता को मजबूत करने के लिए है। मार्च में, चीन और कंबोडिया ने कंबोडियाई क्षेत्रीय जल में अपना पहला नौसैनिक अभ्यास आयोजित किया। चीन अक्सर यह कहकर आलोचना का जवाब देता है कि अमेरिकी सेना के पास एशिया सहित दुनिया भर में सैकड़ों सैन्य सुविधाएं हैं। वाशिंगटन ने हाल ही में मनीला के साथ एक समझौता किया है जो अमेरिकी सेना को फिलीपींस में चार नए ठिकानों तक पहुंच प्रदान करेगा। लॉयड ऑस्टिन इस सप्ताह पापुआ न्यू गिनी की यात्रा करने वाले पहले अमेरिकी रक्षा सचिव बन जाएंगे, यह यात्रा दोनों देशों द्वारा एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद होगी जो पेंटागन को देश में ठिकानों तक पहुंच प्रदान करेगा।

चीन को नहीं घेर पाएंगे भारत-अमेरिका!

पूर्व अमेरिकी खुफिया अधिकारी ने कहा, ‘अगर अमेरिका और चीन (China) युद्ध की ओर बढ़ते हैं तो अमेरिका दक्षिण चीन सागर में मौजूद नौसैनिक अड्डों को तबाह कर सकता है। लेकिन इस नेवल बेस के मामले में हम कंबोडिया के क्षेत्र में बम गिराएंगे।’ चीनी सेना पर सीआईए के पूर्व व‍िशेषज्ञ डेनिस व‍िल्‍डर कहते हैं कि अगर दक्षिण चीन सागर में तनाव भड़कता है और सैन्‍य संघर्ष में तब्‍दील होता है तो रिआम नेवल बेस का रणनीतिक महत्‍व सबसे ज्‍यादा होगा। इससे चीन की मलक्‍का स्‍ट्रेट तक नौसैनिक ताकत बढ़ जाएगी जो रणनीतिक रूप से चीन की जान है। इसी रास्‍ते से चीन का बहुत बड़े पैमाने पर निर्यात दुनिया को होता है। अगर कोई व‍िवाद होता है तो अमेरिका और भारत दोनों ही ड्रैगन को घेर सकते हैं। भारत का अंडमान बेस भी मलक्‍का स्‍ट्रेट के पास ही है।

यह भी पढ़ें: China के साथ आए भारत के यह दो दोस्त देश, इंडिया को दिया झटका

आईएन ब्यूरो

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