ताईवान को हड़पने के लिए चीन ने तैयार किया चक्रव्यूह, युद्धाभ्यास तेज कर अमेरिका को दे रहा चेतावनी

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अमेरिकी प्रतिनिधि मण्डल के ताईवान दौरे से नाराज चीन ने ताईवान सीमा के पास फौज का जमावड़ा बढ़ा दिया है। चीन ने इसके अलावा नई वॉर ड्रिल शुरु की है। यह वॉर ड्रिल अब तक की गई वॉर ड्रिलों से सबसे ज्यादा घातक बताई जा रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि चीन ने ताईवान पर कब्जे के लिए अधिकतम 48 घण्टे की समयसीमा तय की है। इसका मतलब यह है कि चीन किसी भी समय ताईवान पर हमला कर उसको हड़पने की साजिश रच चुका है। चीन ताईवान पर जमीन, समुद्र और आसमान तीनों ओर से एक साथ हमला करेगा। चीन, ताईवान को संभलने का मौका भी नहीं देना चाहता।</p>
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रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच चीन की इस चाल से दुनिया पर नया संकट खड़ा हो गया है। अगर चीन ताईवान को हड़पता है तो रूस चीन का विरोध नहीं करेगा। क्यों कि यूक्रेन मामले पर चीन अकेला ऐसा देश है जो रूस के साथ कंधे-कंधे से मिलाकर खड़ा है। चीन और रूस के बीच इस दौरान व्यापार भी बेतहाशा बढ़ा है। इसके अलावा यूक्रेन को मदद का आश्वासन देने वाला अमेरिका अभी तक दूर खड़ा है। अमेरिका ने हथियार तो दिए हैं लेकिन उन हथियारों को इस्तेमाल करने के लिए फौज की जरूरत है जो यूक्रेन के पास नहीं है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की बार-बार कहते रहे हैं कि नाटो-यूरोप या अमेरिका से उन्हें वो हथियार नहीं मिल रहे हैं जिनसे रूस का मुकाबला किया जा सके या उसे पीछे धकेला जा सके। इसलिए यह भी माना जा रहा है कि अमेरिका चीन-ताईवान युद्ध में भी अमेरिका चीन से सीधे मोर्चा नहीं लेगा।   </p>
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हालांकि, इंटरनेशल विचारकों का कहना है कि यूक्रेन और अमेरिका के बीच कोई एग्रीमेंट नहीं था, लेकिन ताईवान और अमेरिका के डिफेंस ट्रीटी है। यह ट्रीटी 1980 में हुई थी और कुछ वर्ष पहले ही इस ट्रीटी को अमेरिका और चीन ने रिन्यू किया है। मतलब यह है कि अगर चीन ताईवान पर हमला करता है तो अमेरिका उसका प्रतिरोध ही नहीं बल्कि ताईवान को बचाने के लिए सारे उपक्रम भी करेगा। ट्रीटी की शर्तों के अनुसार अमेरिका ताईवान की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगा। अपनी फौजों को ताईवान में उतारेगा। इसीलिए ताईवान स्ट्रेट में अमेरिकी जंगी जलपोत लगातार गश्त लगा रहे हैं। ये पोत चीन की हरकतों पर निगाह रख रहे हैं। ताईवान पर चीन के किसी भी हमले को नाकाम करने के लिए तत्पर है।  </p>
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चीन की वॉर ड्रिल के बारे में कहा जा रहा है कि चीन ताईवान को डराने के लिए इतने बड़े स्केल पर अभियान नहीं चलाता। चीन का निशाना अमेरिका है। चीन अमेरिका को बताना चाहता है कि इस क्षेत्र में वो किसी की मौजूदगी बर्दाश्त नहीं करेगा। चीन अमेरिका पर वन चाईना पॉलिसी का अनुसरण करने के लिए भी दबाव बनाने के लिए भी यह वॉर ड्रिल कर रहा है।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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