अंतर्राष्ट्रीय

बहुत देख ली दोस्ती अब दुश्मनी शुरू! तालिबान को पालने वाले चीन-पाकिस्तान अब धमकी क्यों दे रहे?

अफगानिस्तान पर तालिबान (Taliban) के कब्जा में सबसे बड़ा हाथ पाकिस्तान का रहा। पाकिस्तान ने ही हर तरह से तालिबानियों की मदद की जिसकी वजह से वो देश पर कब्जा करने में कामयाब रहे। पाकिस्तान ने तो पूरी दुनिया के सामने तालिबान का जमकर गुणगान किया, सबसे पहले अपना समर्थन दिया और गला फाड़-फाड़ कर दुनिया को उसके साथ आने के लिए कहा। लेकिन, पाकिस्तान यहां अपना स्वार्थ देख रहा था। उसके इसी स्वार्थ के चक्कर में आज तालिबान और पाकिस्तान एक दूसरे के खून के प्यासे बने हुए हैं। पाकिस्तान ने तालिबान के सत्ता में आते ही डूरंड लाइन पर बाड़ का काम शुरु कर दिया, उसे लगा कि तालिबान कुछ नहीं बोलेगा। लेकिन, उसे क्या पता था कि तालिबान उसके ही खिलाफ बगावत कर बैठेगा। तालिबान ने बाड़ लगाने के काम को रोकने के लिए कहा और इसी के बाद से दोनों देशों में भिड़ंत शुरू हो गया।

चीन ने अब कहा कि अफगानिस्तान में आतंकवाद बद से बदतर हो गया है और तालिबान शासकों को पड़ोसी देशों-खासकर पाकिस्तान के लिए समस्याएं खड़ी कर रहे आतंकी समूहों पर नकेल कसने के अपने संकल्प को पूरा करना चाहिए। आतंकवादी समूह टीटीपी (TTP) द्वारा लगातार किए जा रहे हमलों से पाकिस्तान परेशान है। इस्लामाबाद का आरोप है कि यह समूह अफगान धरती से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है। चीन अगस्त 2021 में अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से ही तालिबान का समर्थन करता आया है। चीन को उम्मीद है कि तालिबान की मदद से वह शिनजियांग प्रांत में सक्रिय आतंकवादियों पर नकेल कस सकता है।

अफगानिस्तान में हालात बद से बदतर

चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने गुरुवार को उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के सम्मेलन की अध्यक्षता करने के बाद कहा कि अफगानिस्तान में आतंकवाद बद से बदतर हो गया है। अफगान आतंकी समूहों की संख्या आज बढ़कर 20 से अधिक हो गई है। इस सम्मेलन में चीन, रूस, पाकिस्तान और ईरान शामिल हुए।

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चीन-पाकिस्तान को सता रहा आतंकवाद का डर

चीन और पाकिस्तान दोनों अफगानिस्तान में बढ़ते आतंकवाद से डरे हुए हैं। दोनों देशों को आशंका है कि अगर अफगानिस्तान में आतंकवाद बढ़ता है तो इसका सीधा असर उनके देश पर पड़ सकता है। चीन शिनजियांग में ईस्ट तुर्कमेनिस्तान नाम के आतंकी संगठन से परेशान हैं, वहीं पाकिस्तान तो खुद में आतंकवाद की फैक्ट्री है।

आईएन ब्यूरो

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