अंतर्राष्ट्रीय

आर्थिक संकट की वजह से दिवालिया हो जाएगा चीन, Jinping की बढ़ी मुसीबत? समझें पूरा माजरा

China Economy: हाल ही में चीन की अर्थव्यवस्था पर संकट गहराने के संकेत मिले हैं। हालांकि यदि विशेषज्ञों की मानें तो इन संकेतों से यह नहीं समझ लेना चाहिए कि चीन की अर्थव्यवस्था दिवालिया होने वाली है। यह इशारे ये बताते हैं कि भविष्य में देश की तरक्‍की धीमी हो सकती है। उनका कहना है कि देश की आर्थिक समस्या अधिक संरचनात्मक है। राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग ने अब उच्च गुणवत्ता वाली आर्थिक वृद्धि की तरफ देश को बढ़ाने की जिम्‍मेदारी ली है। ऐसे में उनका मानना है कि यह दरअसल जिनपिंग का एक टेस्‍ट है।

परेशान करने वाले आंकड़ें

जिनपिंग देश को आर्थिक संकट से उबारने की कोशिश कर रहे हैं ताकि अपनी नई आधारभूत नीति और देश की सुरक्षा को बचा सकें। चीन वह देश है जो उच्च तकनीक विकास की बागडोर संभालता है। आर्थिक संकट के संकेत हर जगह हैं। अधिकांश वित्तीय विश्लेषकों के अनुसार, चीन इस साल के लिए निर्धारित पांच प्रतिशत की आधिकारिक वृद्धि दर से चूक जाएगा। चीनी स्थानीय सरकारों का ऋण स्तर चिंताजनक है।

रियल एस्‍टेट मार्केट डूबा

चीन का सबसे बड़ा रियल एस्टेट डेवलपर एवरग्रांडे के शेयरों में पिछले दिन 80 फीसदी की गिरावट आई। यह कभी चीन में सबसे बड़ा रियल एस्टेट डेवलपर था। अब इस क्षेत्र में सबसे अधिक कर्ज में डूबा है। दूसरा बड़ा रियल एस्टेट डेवलपर, कंट्री गार्डन ने दो डॉलर के बॉन्ड कपॉन जो 22.5 मिलियन डॉलर के थे, उनका भुगतान नहीं किया । कंट्री गार्डन भी किसी भी समय धाराशायी हो सकती है। इन सबके अलावा, चीन ने आधिकारिक रोजगार आंकड़ों को प्रकाशित करना बंद कर दिया है।

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चीन पर आने वाली है मुसीबत

राष्‍ट्रपति जिनपिंग ने एक नया विकास मॉडल पेश करने की कोशिश की है। यह मॉडल उनकी राजनीति शैली पर भारी है। हालांकि इन सभी चिंताजनक घटनाक्रमों के बावजूद, कुछ संकेत हैं जो बताते हैं कि चीनी अर्थव्यवस्था बहुत खराब नहीं हो रही है। साल 2008 के वित्तीय संकट के दौरान, एसएंडपी कंपोजिट 1500 बैंक इंडेक्स लगभग 66 प्रतिशत गिर गया। इसके बाद अमेरिकी निवेश बैंकिंग फर्म लेहमन ब्रदर्स का पतन हुआ।

क्‍या सोचते हैं जिनपिंग

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में चाइना सेंटर के रिसर्च फेलो जॉर्ज मैग्नस ने एक पेपर में लिखा है, ‘हालांकि, शी की वैचारिक छाप और व्यक्तिगत शक्ति, पार्टी के तकनीकी अभिजात वर्ग के वफादारों को नियुक्‍त करना, आर्थिक विकास को मुश्किल बना देता है और वित्तीय अस्थिरता की संभावना को मजबूत बना देता है। पिछले एक दशक में, जिनपिंग ने समझाया है कि वह चीनी अर्थव्यवस्था को कहां ले जाएंगे।

आईएन ब्यूरो

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