दुनिया के कुछ ही ऐसे देश होंगे जो चीन (China) से परेशान न हो। सिर्फ वही देश जिनकी चीन के साथ अच्छी बनती है। जिसमें दो-तीन देश ही शामिल हैं। चीन वो देश है जो अपने दोस्तों तक को नहीं छोड़ता। चीन से सीमा साझा करने वाले देश तो परेशान हैं ही साथ ही वो भी जो इससे सीमा साझा नहीं करते। अमेरिका और चीन की दुश्मनी काफी पुरानी है। ऐसे में चीन की बढ़ती ताकत को लेकर अमेरिका ने दुनिया को डराने वाली चेतावनी दी है। अमेरिका की ताजा खुफिया रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन वॉशिंटन के प्रभाव को खत्म करके खुद को बड़ी वैश्विक ताकत बनाना चाहता है। इसी वजह चीन रूस के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करना चाहता है।
इसी रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी है कि दो परमाणु हथियार संपन्न देशों चीन और भारत के बीच विवादित सीमा की वजह से सशस्त्र संघर्ष हो सकता है। इस बीच अमेरिकी संसद में देश एक शीर्ष सैन्य कमांडर ने खुलासा किया है कि चीन के पास अमेरिका से ज्यादा अंतरमहाद्वीपीय लॉन्चर है और उसके मिसाइलों की संख्या भी 1000 को पार कर गई है। जनरल कॉटन ने कहा कि चीन का एच-6एन बॉम्बर नई परमाणु बम ले जाने वाली क्रूज मिसाइलों से लैस है। इसके अलावा उसमें हवा से दागे जाने वाली बलिस्टिक मिसाइल भी लगी है जिससे परमाणु बम को भी गिराया जा सकता है।
चीन के पास 1000 से ज्यादा मिसाइलें
जनरल कॉटन ने कहा कि चीन के पास 1000 से ज्यादा मध्य और अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलें हैं। साल 2022 में अमेरिका ने अनुमान लगाया था कि चीन के पास 750 से ज्यादा मिसाइलें हैं। बताया जा रहा है कि चीन ने अपनी डीएफ-26 मिसाइलों की संख्या में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी की है। यह मिसाइल चीन ने अमेरिका के एयरक्राफ्ट कैरियर को ध्यान में रखकर बनाया है।
खुफिया तंत्र के अनुसार, ऐसी आशंका है कि पाकिस्तानी उकसावों की स्थिति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत पहले की तुलना में अधिक सैन्य बल के साथ जवाब देगा। यह मूल्यांकन अमेरिकी खुफिया तंत्र के वार्षिक खतरे के आकलन का हिस्सा है, जिसे राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के कार्यालय द्वारा अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष प्रस्तुत किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, भारत-चीन द्विपक्षीय सीमा विवाद को बातचीत के जरिये सुलझाने में लगे हुए हैं, लेकिन 2020 में देशों की सेनाओं के बीच हुए संघर्ष के मद्देनजर संबंध तनावपूर्ण ही रहेंगे। इस घटना के बाद से दोनों के बीच संबंध गंभीर स्तर पर हैं।
‘पाकिस्तान को करारा जवाब देगा भारत’
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘विवादित सीमा पर भारत और चीन दोनों द्वारा सेना का विस्तार दो परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र टकराव के जोखिम को बढ़ाता है, जिससे अमेरिकी लोगों तथा हितों को सीधा खतरा हो सकता है। इसमें अमेरिकी हस्तक्षेप की मांग की जाती है। पिछले गतिरोधों से स्पष्ट है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लगातार निम्न-स्तर के संघर्ष तेजी से बढ़ सकते हैं।’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव विशेष रूप से चिंता का विषय है। हालांकि दोनों देश संभवत: 2021 की शुरुआत में नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों के फिर से संघर्ष विराम पर राजी होने के बाद से अपने संबंधों को मजबूत करने के इच्छुक हैं।
रिपोर्ट में कहा गया, हालांकि पाकिस्तान का आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने का लंबा इतिहास रहा है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कथित या वास्तविक पाकिस्तानी उकसावों का जवाब अब भारत द्वारा पहले से कहीं अधिक सैन्य बल के जरिये देने की आशंका है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका-पाकिस्तान आतंकवाद-रोधी वार्ता ‘अमेरिका को पाकिस्तान के साथ काम करने की हमारी इच्छा को व्यक्त करने का अवसर प्रदान करती है’, ताकि आतंकवादी खतरों, हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने, क्षेत्र में मौजूद खतरों आदि से निपटा जा सके।
ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…
मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…
हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…
इजरायल (Israel) और फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…
Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…
The Kashmir Files के डायरेक्टर पर बॉलीवुड अदाकारा आशा पारेख बुरी तरह बिफर गई। विवेक…