अंतर्राष्ट्रीय

नेपाल में China ने चली नई चाल! बढ़ेगा ड्रैगन का दबदबा, भारत के लिए बड़ा खतरा

Nepal China BRI : नेपाल में शेर बहादुर देउबा की जब तक सरकार थी तब तक लोगों ने चैन की नींद सोई। चीन की चाल को सबसे अच्छे से परखने वाले नेपाल के नेता देउबा ही थे। लेकिन, राजनीतिक उठापठक के बीच उनकी सरकार गिर गई और चीन के सबसे तगड़े समर्थक केपी शर्मा ओली अपनी चाल में सक्सेस हो गये। केपी ओली की पार्टी और पुष्पकमल दाहाल प्रचंड की पार्टी ने हाथ मिलाते हुए प्रचंड ने प्रधानमंत्री की कुर्सी पर अपना कब्जा जमा दिया है। नेपाल को श्रीलंका और पाकिस्तान से सिखना चाहिए कि चीन की कर्जा जाल में फंस कर उनका क्या हाल हुआ। लेकिन, केपी ओली को जनता से ज्यादा चीन की पड़ी है। चीन इस वक्त नेपाल को पूरी तरह से अपने गिरफ्त में लेना चाहता है। जिसके चलते उसने नेपाल के लिए बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत भारी मात्रा में निवेश करने का ऐलान किया है। जब तक देउबा थे तब तक BRI वाली जाल में नेपाल नहीं फंसा था। BRI को लेकर नेपाल का जो रुख था उसे देखते हुए ड्रैगन ने नई चाल चल दी है।

भारत के बढ़ते साफ्ट पावर से परेशान चीन ने भारत के पड़ोसी देश नेपाल और आसियान के दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में ‘सिल्‍क रोडस्‍टर’ प्रॉजेक्‍ट को लॉन्‍च किया है। यह प्रॉजेक्‍ट चीन के बेल्‍ट एंड रोड परियोजना का हिस्‍सा है जिससे अभी हाल ही में इटली ने किनारा किया है। जिनपिंग के ड्रीम प्रॉजेक्‍ट बीआरआई के 10 साल पूरे होने पर चीन ने इस परियोजना को लॉन्‍च किया है। काठमांडू पोस्‍ट की र‍िपोर्ट के मुताबिक सिल्‍क रोडस्‍टर प्‍लेटफार्म के तहत कई नए प्रॉजेक्‍ट को शुरू किया जा रहा है। चीन इन प्रॉजेक्‍ट को विभ‍िन्‍न नेपाली दलों और सामाजिक संगठनों के जरिए पूरा करना चाहता है। चीन का दावा है कि सिल्‍क रोडस्‍टर प्‍लेटफार्म को इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि व्‍यवहारिक सहयोग और लोगों के बीच आदान प्रदान को बढ़ाया जा सके।

चीन और नेपाल में BRI पर विवाद

इसके तहत चीन की कोशिश है कि स्किल ट्रेनिंग, पढ़ाई और लोगों को कुछ समय के लिए आने की अनुमति देकर अपने प्रभाव को बढ़ाया जाए। इसके अलावा युवाओं को जोड़ने और उन्‍हें चीनी संस्‍कृति से परिचय कराने की कोशिश की जाएगी। चीन और दक्षिण एशियाई देशों के साथ सांस्‍कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ाया जाएगा। चीन इस नीति के जरिए अपनी परंपरागत बीआरआई नीति से पीछे हटकर पूरे क्षेत्र में साफ्ट पावर कूटनीति को बढ़ाने पर फोकस कर रहा है। नेपाल ने साल 2017 में बीआरआई पर हस्‍ताक्षर किया था लेकिन अभी तक इस परियोजना के तहत एक भी प्रॉजेक्‍ट शुरू नहीं हो सका है। इससे चीन बुरी तरह से नेपाल सरकार पर भड़का हुआ है। पिछले दिनों पोखरा एयरपोर्ट को लेकर चीन और नेपाल के बीच विवाद खुलकर सामने आ गया था।

ये भी पढ़े: BRI के तहत एयरपोर्ट बनाने के चीनी दावे को फिर नेपाल ने किया खारिज!

चीन के कर्ज के तले दब रहा नेपाल

इससे चीन के दावे की पोल खुल गई थी। नेपाल को अब सबसे ज्‍यादा लोन देने वाला देश चीन बन गया है। चीन की योजना बीआरआई के तहत नेपाल तक रेल दौड़ाने की है। हालांकि इसमें आने वाले अरबों डॉलर के खर्च से नेपाल सहमा हुआ है। चीन ने पोखरा एयरपोर्ट के लिए नेपाल को 21 करोड़ डॉलर का लोन दिया है जो काफी ज्‍यादा ब्‍याज दर पर है और इस एयरपोर्ट से उसे कोई कमाई नहीं हो रही है। इससे नेपाल के श्रीलंका की तरह से चीन के कर्ज जाल में फंसने का खतरा पैदा हो गया है।

आईएन ब्यूरो

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago