अंतर्राष्ट्रीय

भारत-US के मिडिल ईस्‍ट कॉरिडोर से चीत हुआ ड्रैगन! अरब देशों पर डाल रहा डोरे, जानें BRI प्‍लान

भारत, अमेरिका, सऊदी अरब और यूएई के मिडिल ईस्‍ट कॉरिडोर के ऐलान के बाद अब चीन (China) भी ऐक्‍शन में आ गया है। चीन ने अरब देशों के बीच में बीआरआई को लेकर सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है। चीन ने बीआरआई के सदस्‍य अरब देशों के साथ ट्रेड फेयर का आयोजन किया है जिसमें 23 अरब डॉलर से ज्‍यादा की डील हुई है। इस ट्रेड फेयर में मिस्र, सऊदी अरब और कतर समेत 60 देशों ने हिस्‍सा लिया। चीन ने पिछले कुछ समय से खाड़ी देशों के साथ अपनी दोस्‍ती को काफी बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन की कोशिश है कि अमेरिका का इस इलाके पर प्रभाव कम हो रहा है और उसका फायदा उठाया जा सकता है। चीन की नजर मिडिल ईस्‍ट कॉरिडोर पर भी है और इसी वजह से वह बीआरआई को अब तेजी से आगे बढ़ाना चाहता है। चीन ने व्‍यापार के साथ-साथ खाड़ी के दो बड़े दुश्‍मनों ईरान और सऊदी अरब के बीच शांति डील कराई थी। इस ट्रेड फेयर में आए अरब देशों ने कृषि के क्षेत्र में आदान-प्रदान बढ़ाने पर सहमति जताई है।

चीन के व‍िशेषज्ञ अब BRI को टक्‍कर देने के लिए डिजाइन किए गए इस भारतीय कॉरिडोर की कमियां निकालने में जुट गए हैं और वे इसे केवल ‘कल्‍पना’ करार दे रहे हैं। चीनी व‍िशेषज्ञ वांग शियाओयू कहते हैं कि यह कहना कठिन है कि भारतीय कॉरिडोर चीन के बीआरआई को टक्‍कर दे पाएगा। उन्‍होंने कहा कि अमेरिका, कुछ यूरोपीय देश और भारत कैसे इसे क्रियान्वित करेंगे या कैसे इसके लिए पैसा जुटाएंगे, यह देखना होगा। उन्‍होंने कहा कि क्‍या इन देशों के पास इतना इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर क्षमता है कि वे इस प्रॉजेक्‍ट को पूरा कर पाएं। वांग ने कहा कि इसमें एक अन्‍य बाधा चीन और अरब देशों के बीच संबंध है। उन्‍होंने दावा किया कि चीन और अरब देशों के बीच रिश्‍ते बहुत मजबूत हैं और इस कॉरिडोर का बहुत ज्‍यादा असर नहीं पड़ेगा।

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शी जिनपिंग के राष्‍ट्रपति बनने के बाद अब खाड़ी देशों के साथ चीन का व्‍यापार 300 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। चीन का अरब देशों में सीधा निवेश 23 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। चीन ने खाड़ी देशों में बीआरआई के 200 प्रॉजेक्‍ट को पूरा किया है। इसका दोनों ही देशों के करीब दो अरब लोगों को फायदा हुआ है। चीन अरब लीग और जीसीसी तथा ओआईसी के जरिए अरब देशों के साथ अपनी दोस्‍ती को मजबूत कर रहा है। चीन के ईरान और सऊदी के बीच दोस्‍ती कराने को ऐतिहासिक घटना करार दिया जा रहा है। अब चीन की कोशिश है कि इन देशों को जीएसआई में शामिल किया जाए जो चीन नाटो देशों से निपटने के लिए सैन्‍य गठबंधन बना रहा है। अरब लीग आज चीन को सबसे ज्‍यादा तेल की आपूर्ति कर रहे हैं। चीन बढ़े पैमाने पर आधारभूत ढांचा, साइबर सुरक्षा, बिग डेटा, एआई और ई कॉमर्स के क्षेत्र में खाड़ी देशों को सहयोग दे रहा है।

आईएन ब्यूरो

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