चीन (China) बीते कुछ समय से दुनिया का ऐसा देश बन गया है, जिसे लेकर पूरी दुनिया ही चिंतित है। चाहे हम भारत की बात करें या फिर अमेरिका या ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की, इस मामले में सभी की राय लगभग समान ही नजर आएगी। अब जो खबर सामने आई है, वो काफी हैरान कर देने वाली है। दरअसल ब्रिटिश नेता और संसद के सदस्य डैविड एल्टन ने चीन की कंपनी हांग्जो हिकविजन डिजिटल टेक्नोलॉजी को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने इसे निगरानी करने वाला बताया है। एल्टन ने कहा कि देश (ब्रिटेन) की हर गली में इस कंपनी के सर्विलांस कैमरा दिख सकते हैं। इंटरनेट प्रोटोकॉल वीडियो मार्केट एक सिक्योरिटी एंड सर्विलांस इंडस्ट्री रिसर्च ग्रुप है। चीन की कंपनी दाहुआ यूरोपीय बाजारों में स्किन कलर एनालिटिक्स फीचर से लैस कैमरे बेच रही है। यह कैमरा इंसानों की त्वचा के रंग के उनकी पहचान कर सकता है। अभी तक इस तरह की टेक्नोलॉजी वाला कैमरा किसी देश में नहीं बेचा गया है। स्किन के रंग से किसी की पहचान करना रंगभेद माना जाता है, जो कई देशों में अपराध की श्रेणी में आता है।
चीनी कंपनी ने बचाव में कही ये बात
वॉयस ऑफ अमेरिका मंदारिन ने 31 जुलाई की आईपीवीएम की रिपोर्ट के आधार पर ये कहा है कि चीनी कंपनी दहुआ ने अपने कैमरे को स्मार्ट सुरक्षा समाधान की बुनियादी विशेषता वाला बताते हुए इसका बचाव किया है। वीओए अमेरिका का राज्य स्वामित्व वाला न्यूज नेटवर्क है और अंतरराष्ट्रीय रेडियो प्रसारक भी है। फरवरी 2021 में आईपीवीएम और लॉस एंजिल्स टाइम्स ने बताया कि दाहुआ ने चीनी पुलिस को रियल टाइम पर उइगर मुस्लिमों के खिलाफ चेतावनी देने वाला एक वीडियो निगरानी प्रणाली प्रदान की थी। यह प्रणाली भौहों के आकार, त्वचा का रंग और जातीयता से उइगर लोगों की पहचान कर सकती थी।
ऐसे करता है इंसानों की पहचान
रिपोर्ट के मुताबिक मानव शरीर की विशेषताओं के लिए दहुआ के आईसीसी ओपन प्लेटफ़ॉर्म गाइड में त्वचा का रंग को शामिल किया है, जिसे दाहुआ डेटा डिक्शनरी कहता है। कंपनी का कहना है कि त्वचा के रंग के प्रकार जिन्हें जिन्हें दाहुआ कैमरे के एनालिटिक्स टारगेट करेंगे, वे पीले, काले और सफेज हैं।
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यूरोप में बढ़ी मानवाधिकार हनन की चिंता
आईपीवीएम की रिपोर्ट में कहा गया है कि दाहुआ तीन यूरोपीय देशों में स्किन कलर एनालिटिक्स फीचर वाले कैमरे बेच रहा है। जर्मनी, फ्रांस और नीदरलैंड्स में से प्रत्येक का हाल ही में नस्लीय तनाव का इतिहास रहा है। दहुआ ने कहा कि इसकी त्वचा टोन विश्लेषण क्षमता निगरानी प्रौद्योगिकी में एक आवश्यक तत्व है। कई पश्चिमी देशों में चेहरे की पहचान के लिए निगरानी प्रौद्योगिकियों में त्वचा के रंग के कारण होने वाली गलतियों पर लंबे समय से विवाद रहा है।
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