अंतर्राष्ट्रीय

Nepal में ड्रैगन की नई साजिश! China के लिए संकट बना जिनपिंग BRI का सपना तो खेला ये गेम

चीन (China) इस वक्त कई देशों की अर्थव्यवस्था की चाभी अपने हाथ में ले रखा है। छोटे-मोटे देशों को अपनी लुभावनी चाल में फंसा कर ड्रैगन उनकी जमीनों को हड़प रहा है। चीन की कर्ज जाल में श्रीलंका और पाकिस्तान इसके उदाहरण हैं। इसके साथ ही ड्रैगन अपने BRI यानी बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। यह दुनिया के कई देशों से होकर गुजरता है और इसके में कई देश चीन की जाल में फंस भी चुके हैं। चीन के लिए यह प्रोजेक्ट काफी महत्व रखता है। हाल ही में नेपाल में शी जिनपिंग के बेल्‍ट एंड रोड परियोजना को लेकर चल रहे तनाव के बीच चीन की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी ने अब बीआरआई के तहत ही ‘स‍िल्‍क रोडस्‍टर’ प्‍लेटफार्म लॉन्‍च किया है। वहीं बीते हफ्ते चीन की सत्‍तारूढ़ पार्टी ने कुछ नेपाली दलों की मौजूदगी में भक्‍तापुर में इस परियोजना को शुरू किया। चीन ने कहा कि राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग के बीआरआई परियोजना को शुरू करने के 10 साल पूरे होने पर ‘सिल्‍क रोडस्‍टर’ प्‍लेटफार्म को नेपाल के लिए शुरू किया गया है। आइए जानते हैं क्‍या रोडस्‍टर प्रॉजेक्‍ट…

दरअसल, नेपाल ने साल 2017 में BRI पर हस्‍ताक्षर किया था, मगर अभी तक यह परियोजना शुरू नहीं हो सकी है। काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक चीन का दावा है कि सिल्‍क रोडस्‍टर एक नया मंच है जिसके तहत चीन और दक्षिण पूर्व एशिया तथा दक्षिण एशिया के देशों के बीच व्‍यवहारिक सहयोग और लोगों के बीच आदान-प्रदान को बढ़या जाएगा।

चीन के सिल्‍क रोडस्‍टर में क्या?

चीन नेपाल में स‍िल्‍क रोडस्‍टर प्रॉजेक्‍ट को नेपाल के विभिन्‍न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की मदद से पूरा करेगा। इस कार्यक्रम में चीन से आए कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के दो नेता भी मौजूद थे। केपी ओली की पार्टी के नेता इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उन्‍होंने कहा कि पहले हमें बताया गया था कि बीआरआई बड़े आधारभूत ढांचे से जुड़े प्रॉजेक्‍ट, कनेक्‍टविटी, बंदरगाह, रेलवे, एयरपोर्ट, पावर प्‍लांट आदि से जुड़ा है लेकिन अब इसमें चीन ने छोटे प्रॉजेक्‍ट को भी शामिल किया है। इसमें ट्रेनिंग देना, क्षमता बढ़ाना, स्‍कॉलरशिप और छोटी अवधि के आदान- प्रदान शामिल हैं।

ये भी पढ़े: Nepal ने ड्रैगन को दिखाया आईना! पोखरा एयरपोर्ट नहीं China के BRI का ह‍िस्‍सा

लेकिन, हाल ही में अब ओली की पार्टी के नेता ने कहा कि यह एक तरह से बीआरआई से पीछे हटना हो सकता है। यह नया प्रॉजेक्‍ट अभी शुरुआती चरण में है और इस वजह से इसको लेकर नेपाल के राजनीतिक दलों औ सरकार की क्‍या प्रतिक्रिया होगी, इसकी जानकारी नहीं है। हमें यह भी नहीं पता है कि कहीं चीनी प्रोग्राम और नेपाल सरकार की नीतियों में विरोधाभास तो नहीं है। माना जा रहा है कि चीन इस सिल्‍क रोडस्‍टर प्रॉजेक्‍ट के जरिए पूरे दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के देशों में अपने प्रभाव को बढ़ाना चाहता है।

आईएन ब्यूरो

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