अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि चीन ने भारत सहित अपने पड़ोसियों के प्रति और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अचानक ‘घोर आक्रमक’ रुख अपनाया है। चीन का यह रुख केवल पड़ोसियों के लिए ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरनाक और गंभीर समस्या है।
ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी ने तोक्यो में क्वाड मंत्रियों की बैठक के बाद कहा कि चीन की हिमाकत को रोकने के लिए क्वाड के नेताओं ने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र की शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने में समन्वय का प्रण लिया। 'क्वाड' चार देशों का समूह है जिसमें अमेरिका और भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया व जापान भी शामिल हैं।
क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने मंगलवार को तोक्यो में मुलाकात की। कोरोना वायरस संक्रमण के बाद यह पहली आमने सामने की बातचीत थी। यह बैठक हिंद-प्रशांत, दक्षिण चीन सागर और पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी)पर चीन के आक्रामक सैन्य रवैए की पृष्ठभूमि में हुई।
जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सु मोतेगी, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री मॉरिस पायने ने मुक्त, खुले और नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय प्रणाली को मजबूत करने की बात दोहराई। पोम्पियो के साथ मौजूद एक वरिष्ठ अधिकारी ने संवाददताओं से कहा कि चीन की आक्रमकता चिंता का विषय है।
अधिकारी ने कहा,‘‘यह चिंता की बात है। मेरा मतलब है, यदि आप चीन और भारत के बीच हिमालय में संघर्ष को देखते हैं, तो अतीत में ऐसा हुआ है और स्थिति को नियंत्रण से बाहर जाने से रोकने के लिए ऐसे तरीके अपनाए गए जो न कहीं लिखे हैं और जो न कहीं कहे गए हैं। और फिर आप उसे देखिए जो यहां हाल ही में हुआ। यहां लोगों ने एक दूसरे से मारपीट करके उन्हें मौत के घाट उतार दिया।’’.
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