चीनी विदेश मंत्री के बयान पर अमेरिका और नाटो ने कहा- PM Modi ने ऐसा कौन सा जादू चलाया कि चीन उनकी हर बात मानने के लिए तैयार हो गया!

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रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग पर दुनिया भर की नजर है। खासकर पश्चिमी देश तो एक ओर जोर-शोर से इस जंग को रुकवाने में लगे हुए हैं, लेकिन एक और यह भी कहा जा रहा है कि अमेरिका नाटो इस जंगा और लंबा खिंचवाना चाहते हैं। क्योंकि, अमेरिका और नाटो के लिए सबसे बड़ा खतरा रूस है और अगर पुतिन हमला करना जारी रखते हैं तो अमेरिका और भी आर्थिक प्रतिबंध लगाकर रूस को कमजोर करने की कोशिश करेगा। इन सबके बीच दुनिया की नजर भारत और चीन पर भी है कि ये दोनों देश रूस के खिलाफ जाते हैं या इनके साथ। खैर चीन एक तरह से रूस के साथ है और भारत भी रूस के खिलाफ जाएगा नहीं। जंग के बीच चीन के विदेश मंत्री का भारत दौरा पूरे यूरोप देशों अलर्ट मोड पर ला दिया है। इस बीच चीन के विदेश मंत्री ने अपना बयान दिया है।</p>
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भारत दौरे पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने दक्षिण एशिया में चीन प्लस भारत सहयोग तंत्र का प्रस्ताव दिया है। इसमें कहा गया है कि, बीजिंग इस क्षेत्र में नई दिल्ली की पारंपरिक भूमिका का सम्मान करता है और पारस्परिक लाभ की व्यापक श्रेणी प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि, इसमें दोनों पक्ष का भला है। वांग यी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से बातचीत के दौरान कहा है कि चीन भारत के विकास और पुनरोद्धार का स्वागत करता है और अंतर्राष्ट्रीय मामलों में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में भारत का समर्थन करता है। चीन तथाकथित 'एकध्रुवीय एशिया' का अनुसरण नहीं करता है और इस क्षेत्र में भारत की पारंपरिक भूमिका का सम्मान करता है।</p>
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इसके आगे उन्होंने कहा कि, चीन और भारत एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं हैं, दोनों एक-दूसरे को अवसर प्रदान करते हैं। सीमा पर मतभेदों को लेकर उन्होंने कहा कि, भारत और चीन को सीमा मुद्दे पर मतभेदों को द्विपक्षीय संबंधों में उचित स्थिति में रखना चाहिए और द्विपक्षीय संबंधों को सही दिशा में आगे बढ़ाना चाहिए।</p>
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इसके साथ ही चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने यहा भी कहा कि, अगर चीन और भारत एक साथ बोलेंगे तो पूरी दुनिया सुनेगी। दुनिया चीन और भारत के बीच सहयोग पर ध्यान देगी। उन्होंने आगे कहा है कि दोनों पक्षों को संचार और समन्वय को मजबूत करना चाहिए और एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा है कि बहुपक्षवाद को बनाए रखने के लिए और अधिक सकारात्मक संकेत जारी करना चाहिए और वैश्विक शासन में सुधार के लिए अधिक सकारात्मक ऊर्जा का इंजेक्शन लगाना चाहिए।</p>
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आईएन ब्यूरो

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