Pakistan छोड़ कर भाग रहे चीन नागरिक, ड्रैगन ने कहा- तुंरत वापस आओ देश- देखें वजह

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पाकिस्तान और चीन की दोस्ती आज से नहीं बल्कि काफी पुरानी है। लेकिन, ये दोस्ती मतलब की दोस्ती है। पाकिस्तान के सहारे चीन भारत पर अशांति फैलाने की कोशिश करता है। इसके साथ ही पाकिस्तान में इस वक्त ड्रैगन अपने कई सारे प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है जिसमें से एक है CPEC जिसका अब आगे बढ़ना मुश्किल नजर आ रहा है। दरअसल, पाकिस्तान में जितने भी चीन के नागरिक काम कर रहे हैं उनके जान का कोई ठिकाना नहीं है कि कब चली जाए। चीन और पाकिस्तान की मिलीभगत के चक्कर में बलूचिस्तान और ग्वादर के लोगों की जिंदगी तहस-नहस हुई पड़ी है। ग्वादर में चीन पोर्ट बना रहा है और बलूच में रेल नेटवर्क बढ़ा रहा है। ऐसे में आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसके बाद यहां के लोगों ने चीन के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है।</p>
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इसके साथ ही चीन पाकिस्कान में सांस्कृतिक प्रभाव फैला रहा था जिसे लेकर ड्रैगन को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि, कराची शहर में 3 चीनी शिक्षकों की बलूच विद्रिहियों के आत्मघाती हमले में हत्या करने के बाद अब चीन ने अपने सभी शिक्षकों को पाकिस्तान से वापस बुला लिया है। चीन के ये शिक्षक पाकिस्‍तान के कई शहरों में खुले कन्फ्यूशियस इंस्‍टीट्यूट में पढ़ा रहे थे। विशेषज्ञों के मुताबिक चीन ने दुनियाभर में जासूसी और सांस्‍कृतिक प्रभाव बढ़ाने के लिए कन्फ्यूशियस इंस्‍टीट्यूट खोल रखे हैं।</p>
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यूनिवर्सिटी ऑफ कराची में कन्फ्यूशियस इंस्‍टीट्यूट के डायरेक्‍टर नसीरउद्दीन ने जिओ न्‍यूज को बताया कि चीनी शिक्षक अपने देश लौट गए हैं। उन्‍होंने कहा कि, कराची के साथ ही पूरे पाकिस्तान में प्रत्येक कन्फ्यूशियस इंस्‍टीट्यूट से चीनी शिक्षक वापस बुला लिए गए हैं। उन्‍होंने आश्‍वासन दिया कि चीनी टीचर चले भले गए हैं लेकिन इंस्‍टीट्यूट को बंद नहीं किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि मंदारिन भाषा पढ़ाने के लिए पाकिस्‍तानी शिक्षकों से मदद मांगी गई है। इसके आगे उन्होंने कहा कि, इस इंस्टीट्यूट में 500 स्टूडेंट चीनी भाषा की पढ़ाई कर रहे हैं। इस इंस्‍टीट्यूट को साल 2013 में कराची इंस्‍टीट्यूट और चीन के सिचुआन नार्मल यूनिवर्सिटी ने संयुक्‍त रूप से स्‍थापित किया था। इंस्‍टीट्यूट का दावा है कि वह एक गैर लाभकारी शैक्षिक संस्‍था है जिसमें मंदारिन भाषा की पढ़ाई होती है। साथ ही चीनी संस्‍कृति और चीन तथा पाकिस्‍तान के लोगों के बीच संपर्क को बढ़ावा दिया जाता है।</p>
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इधर इससे जुड़े जानकारों का कहना है कि, ड्रैगन कन्फ्यूशियस इंस्‍टीट्यूट के जरिए दुनियाभर में सांस्कृतिक प्रभाव बढ़ाने के साथ ही जासूसी करना चाहता है। चीन उस देश के चर्चित विश्वविद्यालय में हो रहे शोध और अन्य तकनीकों के विकास पर नजर रखता है। इसके जरिए ड्रैगन जासूसी करवाना चाहता है। यही वजह है कि भारत ने चीनी इंस्टीट्यूट को लेकर बहुत सख्त नियम बना दिया है।</p>
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आईएन ब्यूरो

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