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PM Modi का मुरीद हुआ America, CIA चीफो बले- उन्होंने ही रोक दी वैश्विक तबाही

CIA Chief On PM Modi And Putin

CIA Chief On Modi And Russia: यूक्रेन पर रूस को हमला बोले 10 महीने हो चुके हैं और यह जंग लगातार और भी ज्यादा आक्रामक होती जा रही है। इस जंग में यूक्रेन को भारी नुकसान हुआ है, यूक्रेन के साथ ही पश्चिमी देशों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा रहा है। साथ ही दुनिया पर भी इस जंग का असर है। पश्चिमी देशों के यूक्रेन समर्थन के चलते पुतिन कई बार परमाणु हमले की चेतावनी दे चुके हैं। इस बीच अमेरिका ने भारत (CIA Chief On Modi And Russia) का लोहा माना है। अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए (CIA) के चीफ विलियम बर्न्स का कहना है कि, पीएम मोदी (CIA Chief On Modi And Russia) के चलते वैश्विक तबाही मचने से रुक गई है। अगर पीएम मोदी नहीं होते तो आज दुनिया में भारी तबाही देखने को मिलता।

CIA चीफ बोले- दुनिया को बचाने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं
दरअसल, भारत शुरुआत से ही इस युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत और कुटनीति के इस्तेमाल का आह्वान करता रहा है। 16 दिसंबर को पुतिन संग फोन पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के बीच बातचीत और कूटनीति के अपने आह्वान को दोहराया था। समरकंद में भी पुतिन से मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने आज का युग युद्ध का नहीं है की बात कही थी। उनके इस बता पर पुतिन ने जवाब दिया था कि मैं यूक्रेन संघर्ष पर आपकी स्थिति के बारे में जानता हूं। मैं आपकी चिंताओं के बारे में जानता हूं। हम चाहते हैं कि यह सब जल्द खत्म हो। अब अमेरिका का कहना है कि, पीएम मोदी के ही चलते आज दुनिया में शांति है।

पीएम मोदी के चलते ही वैश्विक आपदा से बच गई दुनिया
अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के डायरेक्टर विलियम बर्न्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विचारों का रूस पर प्रभाव पड़ा। इससे यूक्रेन युद्ध के दौरान एक वैश्विक आपदा को टाला जा सका है। अमेरिकी मीडिया पीबीएस को दिए इंटरव्यू में विलियम बर्न्स ने कहा कि मुझे लगता है यह काफी उपयोगी रहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग ने परमाणु हथियारों के उपयोग के बारे में अपनी चिंताओं को उठाया है। मुझे लगता है कि इसका रूस पर प्रभाव पड़ रहा है।

जंग और लंबा चलने वाली है
CIA प्रमुख के बयान से पहले ही पुतिन ने 3 दिसंबर को स्वीकार किया था कि इस संघर्ष में थोड़ा और समय लगने वाला है। यानी की यूक्रेन अभी और तबाही देखेगा। उन्होंने परमाणु युद्ध के खतरे के बढ़ने की भी चेतावनी दी थी। क्रेमलिन में रूसी मानवाधिकार परिषद की बैठक में पुतिन ने कहा था कि रूस सभी उपलब्ध संसाधनों के साथ लड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि वह रूस के परमाणु शस्त्रागार को उकसावे के बजाए बचाव का उपाय मानते हैं। इस बैठक में पुतिन ने रूस के परमाणु हथियारों के इस्तेमाल करने के सिद्धांत की भी व्याख्या की।

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