Corona की जांच, चीन को चोरी पकड़े जाने का डर, WHO की टीम पहले वुहान में लॉक डाउन

कोरोना की जांच के लिए डब्ल्यूएचओ की टीम के वुहान पहुंचने से पहले ही चीन की कम्युनिस्ट सरकार को पसीने आने लगे हैं। टीम ने अभी तक सिंगापुर से लिए उड़ान भरी भी नहीं है कि वुहान में लॉक डाउन का ऐलान कर दिया गया है। यह भी बताया जा रहा है कि शी जिनपिंग ने डब्ल्यूएचओ की टीम को कम से कम 14 दिन क्वारंटीन करने के हुक्म दे दिए हैं। हालांकि इन आदेशों की अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। दरअसल, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने मिल कर चीन पर 27 खरब डॉलर का दावा किया है। अगर डब्ल्यूएचओ की टीम को वुहान से वायरस पैदा होने के सुबूत मिल जाते हैं तो चीन को न केवल शर्मिंदगी उठानी पड़ेगी बल्कि 27 खरब डॉलर का भुगतान करने पर चीन कंगाल भी हो जाएगा।

डब्ल्यूएचओ के 10 सदस्यीय दल गुरुवार को सिंगापुर से वुहान के लिए उड़ान भरने वाला है। 1 साल बाद इस वैश्विक महामारी की जांच के लिए डब्लूएचओ की टीम के वुहान जाने पर कई लोगों ने सवाल भी उठाए हैं। लोगों को संदेह है कि इस दौरे का कोई सार्थक परिणाम निकलेगा। उधर चीन, शुरू से ही वुहान से कोरोना की उत्पत्ति की आशंकाओं को निराधार बताता रहा है। चीन इन वैज्ञानिकों को 14 दिन के लिए क्वारंटीन भी कर सकता है।

ब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञों की यात्रा की पुष्टि करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाऊ लिज़ान ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि चीन वायरस की उत्पत्ति और उसके फैलने के मार्ग का पता लगाने के विश्वभर के विशेषज्ञों के अध्ययन का समर्थन करता है। झाऊ ने हालांकि यात्रा से जुड़ी विस्तृत जानकारियां और उन्हें वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (डब्ल्यूआईवी) में जाने की अनुमति होगी या नहीं, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित कई अन्य विशेषज्ञों ने आरोप लगाया था कि कोरोना की उत्पति वुहान इंस्टीट्यूट से ही हुई थी।

इससे पहले, राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के उप प्रमुख जेंग यिशिन ने नौ जनवरी को मीडिया से कहा था कि वुहान में टीम के आने के वक्त पर अभी विचार किया जा रहा है। जेंग ने बताया कि चीन और डब्ल्यूएचओ के बीच चार वीडियो कॉन्फ्रेंस में जांच के विशेष बंदोबस्त को लेकर सहमति बनी है। जांच करने आ रहे दल के साथ चीन के विशेषज्ञ भी वुहान जाएंगे। हालांकि, उनके जांच पर चीनी सरकार के दखल की संभावनाएं भी जताई जा रही हैं।

इससे पहले डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अधानोम गेब्रेयेसस ने विशेषज्ञों के दल को आवश्यक अनुमतियां नहीं देने पर बीजिंग की आलोचना की थी। इस विशेषज्ञ दल के वहां 14 दिनों तक क्वारंटीन में रहने की भी संभावना है। अभी तक इस घातक वायरस से दुनियाभर में 1,944,711 लोगों की मौत हो चुकी है सबकि संक्रमितों की तादात 90,768,716 पहुंच गई है। फिर भी लोगों को पुख्ता तौर पर यह नहीं पता है कि कोरोना वायरस का संक्रमण कहां से फैला है।

डब्लूएचओ पर आरोप लगते रहे हैं कि वह चीन की गोद में खेल रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जो टीम वुहान का दौरा करेगी, उसके चुनाव में भी चीन ने हस्तक्षेप करने का प्रयास किया था। डब्लूएचओ ने विशेषज्ञों की एक सूची चीन को सौंपी थी, जिसमें उन लोगों के नाम शामिल थे जो इस मामले की जांच करेंगे। संयुक्त राष्ट्र के इस संगठन को अब चीन की मंजूरी मिल चुकी है।.

सतीश के. सिंह

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