20 हजार साल पहले भी धरती पर तबाही मचा चुका है कोरोना, लोगों के डीएनए में मिले वायरस के अवशेष, देखें रिपोर्ट

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कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तबाही मचा रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि 20 हजार साल पहले भी कोरोना वायरस अपना कहर बरपा चुका है। इसका खुलासा ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के यासिने सौइल्मी और रे टॉब्लर ने किया। उन्होंने बताया कि इस खतरनाक वायरस के अवशेष आधुनिक चीन, जापाना और वियतनाम के लोगों के डीएनए में पाए गए है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि  वायरस हजारों साल पुराना है। आपको बता दं कि कोरोना महामारी दुनियाभर में 40 लाख से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। यही नहीं, इसके चलते दुनिया भर में अरबों-डॉलर का नुकसान भी हुआ है।  </p>
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कोरोना वायरस को लेकर वैज्ञानिकों की रिसर्च जारी है। इस रिसर्च में वैज्ञानिकों का दावा है कि चीन समेत कई देशों में 20 हजार पहले भी कोरोना वायरल फैल चुका है। वैज्ञानिकों को पूर्वी एशिया के लोगों के डीएमए में कोरोना वायरस के अवशेष पाए गए। ऐसे में माना जा रहा है कि भविष्य में महामारियों के बारे में जानकारियां मिल सकती है। जिसके इलाज खोजने में मदद मिलेगी। 20वीं शताब्दी में, इन्फ्लूएंजा वायरस के तीन प्रकारों- 1918-20 का 'स्पैनिश फ्लू', 1957-58 का 'एशियन फ्लू', और 1968-69 का 'हांगकांग फ्लू' में तबाही मचाते हुए लाखों लोगों की जान ली थी।</p>
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वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस सरल जीव हैं, जिनका एक उद्देश्य है स्वयं की अधिक प्रतियां बनाना। वायरस अन्य जीवों की कोशिकाओं पर आक्रमण करते है और कोशिका से पैदा हुए विशिष्ट प्रोटीन के साथ संपर्क करते है। जिसे विज्ञान की भाषा में वायरल इंटरेक्टिंग प्रोटीन (वीआईपी) कहा जाता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने दुनिया भर की 26 देशों के 2,500 से अधिक लोगों के जीनोम में अत्याधुनिक कम्प्यूटेशनल विश्लेषण लागू किए गए। मनुष्य के 42 अलग-अलग जीन में अनुकूलन के प्रमाण मिले जो वीआईपी के बारे में बताते है।</p>
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ये वीआईपी संकेत केवल पांच स्थानों की आबादी में मौजूद थे और ये सभी स्थान पूर्वी एशिया से थे, कोरोना वायरस परिवार के पूर्व में सामने आए वायरस की उत्पत्ति संभवत: इन्हीं स्थानों पर हुई। इसका अर्थ यह है कि आधुनिक पूर्वी एशियाई देशों के पूर्वज करीब 25,000 साल पहले कोरोना वायरस के संपर्क में आ चुके हैं। इसके बाद, और परीक्षण से पता चला कि 42 वीआईपी मुख्य रूप से फेफड़ों में पाए जाते है, जो कि कोविड-19 से सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। हमने इस बात की भी पुष्टि की है कि ये वीआईपी मौजूदा महामारी के लिए जिम्मेदार सार्स-सीओवी-2 वायरस से सीधे संपर्क करते हैं।</p>

आईएन ब्यूरो

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