सीपेक बना पाकिस्तान की बर्बादी का कारण, सियासी दलों ने इमरान सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

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पाकिस्तान में पाकिस्तान-चीन इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर घामासान मचा हुआ है। विरोधी पार्टियां इस परियोजना को लेकर काफी सवाल खड़ी कर रही हैं। विपक्षी दलों ने शुक्रवार के दिन सीनेट सत्र से वॉकआउट कर दिया। उन्होंने इमरान सरकार पर इल्जाम लगया कि सरकार ने चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरि़डोर पर अधुरी जानकारी दी। विरोधी दल ने रिटायर्ड जनरल आसिम सलीम बाजवा का चाइना के राजदूत से मुलाकात पर भी सवाल खड़े किए।</p>
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पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता मोहम्मद जावेद ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि, क्या आसिम सलीम बाजवा अभी भी सीपेक के चैयरमैन हैं? क्या उन्हें अभी भी सैलरी दी जा रही है। वहीं जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर मुश्ताक अहमद ने सवाल उठाया कि रिटायर्ड जनरल आसिम सलीम बाजवा किस हक से इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं और चीनी राजदूत से मिल रहे हैं।</p>
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अहमद ने कहा कि बाजवा एक विवादित शख्स हैं। उनपर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं। फिर भी उन्हें सीपेक का चेयरमैन नियुक्त किया गया। इसके पहले पाकिस्तान की मीडिया में सलीम बाजवा और उनके परिवार के बडे़ आर्थिक खेल का खुलासा हुआ था। बाजवा पाकिस्‍तानी सेना के प्रवक्‍ता थे और बाद में रिटायर होने पर चीन से करीबी को देखते हुए सीपीईसी के चेयरमैन बना दिए गए। बाजवा के परिवार ने उनके सेना में रहने के दौरान और उसके बाद अब तक 99 कंपनियां और 133 रेस्टोरेंट बना लिए।</p>
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2019 में पीएम इमरान खान अपने चाइना दौरे से पहले रिटायर्ड जनरल आसिम सलीम बाजवा को चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का चेयरमैन नियुक्त किया। इमरान खान का यह फैसला चाइना के दवाब में लिया गया था। चाइना सीपेक प्रोजेक्ट में आर्मी की मौजूदगी चाहता था। साथ ही चीन पर इस प्रोजेक्ट में तेजी लाने के लिए आंखे तरेरी थी। इमरान के कुछ मंत्रियों ने तो सीधे तौर पर सीपेक को लेकर सवाल उठाए थे। चीन की नाराजगी को देखते हुए इमरान ने यात्रा से पहले एक ऑर्डिनेंस पास कराया और चेयरमैन एक ऐसे आर्मी जनरल को बनाया गया है जिसे सामान्य प्रशासन और निर्माण कार्य का कोई अनुभव नहीं है। </p>
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इन सब गंभीर मुद्दों को लेकर अपोजिशन पार्टी ने सवाल उठाए और सरकार से जवाब की मांग की थी। जिसका जवाब इमरान सरकार के पास नहीं था। जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने सीनेट से वॉकआउट करने का फैसला लिया।</p>

Gyanendra Kumar

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