अंतर्राष्ट्रीय

Tension में China: Dalai Lama ने मंगोलिया के 8 साल के बालक को आध्यात्मिक नेता के रूप में दी मान्यता  

कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस साल मार्च में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा द्वारा अमेरिका में जन्मे एक 8 वर्षीय मंगोलियाई लड़के को बौद्ध धर्म के सर्वोच्च आध्यात्मिक नेताओं में से एक के रूप में मान्यता दिये जाने के बाद मंगोलिया के बौद्ध नेतृत्व में तत्काल बदलाव देखा गया था।

मॉडर्न डिप्लोमेसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसके परिणामस्वरूप बौद्ध नेतृत्व में यह बदलाव जो दिखायी देने लगा है,उसमें चीन के साथ मंगोलिया के संबंधों की दिशा को बदलने की क्षमता है।

मॉडर्न डिप्लोमेसी में एक विचारात्मक लेख में लंदन स्थित एक अंतर्राष्ट्रीय नीति मूल्यांकन समूह, एशिया-पैसिफ़िक फ़ाउंडेशन में सीनियर रिसर्च फ़ेलो, विक्टोरिया जोन्स लिखती हैं कि यह लड़का मंगोलिया के प्रमुख धर्म, तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रतिनिधि के रूप में काम करेगा, और यदि मौजूदा दलाई लामा का अप्रत्याशित रूप से निधन हो जाता है तो यह एक और अधिक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन जायेगा।

वह लिखती हैं,”यह क़दम बड़े पैमाने पर तिब्बती बौद्ध धर्म के भविष्य के संदर्भ में अधिक व्यापक रूप से प्रतिध्वनित होता है, ख़ासकर जब अगले दलाई लामा के चयन की बात आती है। यह बीजिंग के लिए एक और याद दिलाने वाली बात है कि तिब्बती प्रतिरोध आंदोलन अब भी बना हुआ है और अच्छी तरह से चल रहा है – और अब तो इसके पास एक नया नया मुखिया है, जो सार्थक धार्मिक अधिकार रखता है।”

जोन्स ने कहा, “मंगोलियाई सरकार ने ख़ुद अभी तक इस नवीनतम घोषणा पर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं की है, ऐसा शायद चीन को परेशान करने से बचना है, क्योंकि बीजिंग ने दलाई लामा की मेज़बानी करने के लिए मंगोलिया को बार-बार दंडित किया है।”

आध्यात्मिक नेता की 2002 की यात्रा के बाद चीन ने अपने पड़ोसी देशों के साथ एक सीमा पार की आवाजाही बंद कर दी थी और 2006 के अपने दौरे के दौरान चीनी राजधानी से मंगोलिया के लिए उड़ानें रोक दी गयी थीं।

दलाई लामा की यात्रा के लिए मंगोलिया के ख़िलाफ़ चीन का सबसे हालिया और गंभीर प्रतिशोध 2016 में हुआ था। दलाई लामा ने कथित तौर पर उस वर्ष 10वें खलका जेट्सन धम्पा रिनपोछे को मान्यता दी थी, लेकिन उनकी युवावस्था के कारण उन्होंने कथित तौर पर महसूस किया था कि आधुनिक कूटनीति के हिसाब से दुनिया के सामने उन्हें ठीक से प्रस्तुत करना जल्दबाजी होगी।

जोन्स लिखती हैं,”बीजिंग ने न केवल मंगोलिया को झिड़की दी, बल्कि इसके वास्तविक और व्यावहारिक परिणाम भी सामने आये। दलाई लामा की यात्रा के एक सप्ताह बाद चीन ने मंगोलियाई वस्तुओं के आयात पर शुल्क लगा दिया और भीतरी मंगोलिया में आने वाले उत्पादों पर अतिरिक्त पारगमन टैक्स लगा दी। इसके अलावा, बीजिंग ने मंगोलिया के साथ एक प्रमुख सीमा को बंद कर दिया, जिससे भीड़भाड़ और गंभीर ट्रैफिक जाम हो गया और ट्रक चालकों को कई दिनों तक कंपकपाती ठंड में फंसना पड़ा।”

इसके अलावा, बीजिंग उस राष्ट्र पर अपने आर्थिक प्रभाव का उपयोग करने के अलावा मंगोलिया के धार्मिक मुद्दों में भी सक्रिय रूप से दखल देता है। चीन अपनी पकड़ मज़बूत करने के साधन के रूप में मंगोलियाई बौद्ध पादरियों के साथ बातचीत को प्रोत्साहित करता है; विशेष रूप से दलाई लामा के विरोधी संप्रदायों पर ध्यान केंद्रित करके और उनका समर्थन करके ऐसा करता है।

मंगोलिया की जातीय संरचना पर चीन की चिंताओं को ध्यान में रखना भी महत्वपूर्ण है। वास्तव में, बीजिंग को अतिरिक्त परेशानियों का सामना करना पड़ता है ,क्योंकि मंगोलिया की तुलना में चीन के अंदर कहीं अधिक मंगोल रहते हैं।

जोन्स मॉडर्न डिप्लोमेसी में लिखती हैं, “इस कथित समस्या के प्रति सीसीपी की प्रतिक्रिया आंतरिक मंगोलिया में मंगोल संस्कृति पर नकेल कसने की रही है, उदाहरण के लिए, 2020 में एक क़ानून पारित करके शिक्षकों को मंगोलियाई भाषा का उपयोग करने से रोकना।यह एक ऐसी नीति रही है, जो तथाकथित रातोंरात थोपी गयी उस नीति की याद दिलाती है,जो तिब्बत के स्कूल में थोपी गयी थी,इसे  हान चीनी और मंगोल संस्कृति को अप्रभेद्य बनाने के प्रयास के हिस्से के रूप में देखा जाता है।”

इस कार्रवाई से भीतरी मंगोलिया में विरोध शुरू हो गया था, क्योंकि चीन की कार्रवाई को मंगोलियाई लोगों ने ख़ारिज कर दिया था।

जोन्स ने कहा,तिब्बती बौद्ध धर्म के संदर्भ में ऐतिहासिक और वर्तमान दोनों ही दृष्टि से मंगोलिया का अत्यधिक महत्व है। “दलाई” शब्द वास्तव में मंगोलियाई भाषा से आया हुआ शब्द ही है और इसका अर्थ होता है- “महासागर”, “विशाल” या “महान”।

दलाई लामा ने 2016 में कुछ साल पहले अपनी मंगोलिया यात्रा के दौरान 8 वर्षीय खलखा जेट्सन धम्पा रिनपोचे के पुनर्जन्म के रूप में स्वीकार किया था।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>.<a href=”https://twitter.com/DalaiLama?ref_src=twsrc%5Etfw”>@DalaiLama</a>’s Visit to Gandan Tegchenling Monastery – <a href=”https://twitter.com/hashtag/Ulaanbaatar?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#Ulaanbaatar</a>, <a href=”https://twitter.com/hashtag/Mongolia?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#Mongolia</a> – 19 November 2016 | November 22 <a href=”https://t.co/TgTD8wt2aV”>https://t.co/TgTD8wt2aV</a> <a href=”https://t.co/um0ggMyMQz”>pic.twitter.com/um0ggMyMQz</a></p>&mdash; Cover Mongolia (@CoverMongolia) <a href=”https://twitter.com/CoverMongolia/status/801057105360752641?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 22, 2016</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

इस वर्ष 8-9 मार्च को 10वें खलखा जेटसन धम्पा रिनपोछे नाम के मंगोलियाई लड़के ने मंगोलियाई भक्तों के एक समूह के साथ धर्मशाला का दौरा किया था और दलाई लामा की शिक्षाओं और प्रारंभिक चक्रसंवर अभिषेक में भाग लिया था।

इसी साल के मार्च की शुरुआत में दलाई लामा के कार्यालय ने इस बालक लामा की एक तस्वीर भी जारी की गयी थी, जिसमें लिखा था, “मंगोलिया के खलखा जेट्सन धम्पा रिनपोछे का पुनर्जन्म प्रारंभिक चक्रसंवर की शुरुआत में परम पावन दलाई लामा को धर्मशाला में मुख्य तिब्बती मंदिर में अभिषेक के रूप में पारंपरिक भेंट प्रस्तुत करता है। ।”

इसके अलावा, 8 मार्च को प्रवचनों के दौरान एक पेपर/पत्र पढ़ते हुए दलाई लामा ने कहा था, “खलखा जेट्सन रिनपोछे आज यहां हमारे साथ हैं। वे यहां चक्रसंवर अभिषेक प्राप्त करने के लिए आये थे, पिछले जेटसन धाम मुख्य रूप से चक्रसंवर का ही अभ्यास करते थे और यह एक शुभ अवसर है।”

आईएन ब्यूरो

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