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Pakistan में किसी भी समय हो सकता है Sri Lanka जैसा हाल, Experts ने बताया India को उठाने होंगे ये खास कदम तुरंत

चीन के हाथों गिलगिट को बेचने जा रहा है पाकिस्तान!

भारत के इस वक्त दो पड़ोसी देशों की हालत खस्ता है। सबसे पहले श्रीलंका के बारे में बात करते हैं जहां पर आजादी के बाद देश के इतिहास में पहली बार इतनी भारी आर्थिक तबाही देखने को मिल रही है। इन सबसे के पीछे एक ही मुल्क का हाथ है वो है चीन। श्रीलंका की पूर्व सत्ताधारी राजपक्षे परिवार चीन के कर्ज जाल में इस कदर फंसी कि पूरा मुल्क ही बीच संमुद्र में डूब गया। बीते दिनों राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। यहां पर कल प्रदर्शन राष्ट्रपति के घर तक पहुंच गया और प्रदर्शनकारियों ने यहां कब्जा करते हुए जमकर हंगामा मचाया। ऐसे में राजपक्षे को अपना महल छोड़कर भागना पड़ा। चीन के कर्जा जाल में फंस कर डूबे लंका को बचाने में भारत अहम भूमिका निभा रहा है। इंडिया लगातार हर संभव मदद कर रहा है और अब भी पीएम मोदी की सरकार ने मदद का भरोसा दिया है। अब दूसरे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के पास आते हैं जहां पर धीरे-धीरे श्रीलंका वाली आग लगी है।

श्रीलंका की राह पर पाकिस्तान

पाकिस्तान भी अपनी सबसे बूरी मंदी के दौर से गुजर रहा है और दोनों में एक चीज कॉमन है वो है चीन। पाकिस्तान और श्रीलंका दोनों ही देशों को चीन ने अपने कर्ज जाल में फंसाया है। श्रीलंका को तो बर्बाद कर दिया अब पाकिस्तान की बारी है। पाकिस्तान में इस वक्त दौनिक जरूरतों की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। गैस की कमी है। पेट्रोल-डीजल के दाम रिकॉर्ड़ हाई पर है। बिजली की भारी संकट है। पेपर के चलते स्कूलों में परिक्षाएं रद्द हो रही हैं। इसके अलावा भी पाकिस्तान में ढेरों समस्याएं हैं जो मुल्क को जल्द ही श्रीलंका बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि, दक्षिण एशिया की जियोपॉलिटिक्स तेजी से बदल रही है। इसके साथ ही रूस और यूक्रेन का युद्ध कुछ दिन और चला तो पाकिस्तान के हालात श्रीलंका जैसे हो जाएंगे। इसका सबसे बड़ा कारण तेजी से बढ़ रहे क्रूड ऑयल के दाम हैं। क्रूड ऑयल के बढ़ते दाम के कारण श्रीलंका दुनिया से तेल नहीं खरीद सका, क्योंकि उसके विदेशी मुद्रा भंडार में बड़ी कमी आ गई थी। ठीक ऐसे ही हालात पाकिस्तान के हैं। रूस यूक्रेन युद्ध के अलावा भी कई कारण हैं जिनसे पाकिस्तान में दिक्कतें देखने को मिल सकती हैं।

पाकिस्तान का खजाना खाली

आतंकियों को पालने और उनपर हर साल अरबों रुपये खर्च करने वाले पाकिस्तान के पास पैसे खत्म हो रहे हैं। उसके विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी आई है। एक रिपोर्टी में बताया गया है कि, 30 जून को पाक विदेशी मुद्रा भंडार 980 करोड़ डॉलर का बचा है। 24 जून को यह 1000 करोड़ डॉलर से ज्यादा था। इसमें 49 करोड़ डॉलर की कमी आई है। इमरान के जाने और शहबाज शरीफ के आने के बाद भी पाकिस्तान की स्थिति में कोई सुधार नहीं आया। पाकिस्तान कोलेप्स होता है तो उसका असर भारत पर भी पड़ सकता है। 

पाकिस्तान की बर्बादी से भारत पर होगा असर?

श्रीलंका की तरह चीन के कर्ज के जाल में फंसे पाकिस्तान का सबसे ज्यादा असर भारत पर होगा। कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान गिलगिट बालटिस्तान और ग्वादर को चीन के हाथों बेच सकता है। ध्यान रहे 1963 में पाकिस्तान ने अवैध और अनाधिकृत तरीके से गिलगिट बालटिस्तान का एक बड़ा इलाका चीन को सौंप दिया है। हालांकि आजाद भारत के नक्शे में संपूर्ण-गिलगिट बालटिस्तान और पीओके भी शामिल है। भारत ने पाकिस्तान और चीन के इस कब्जे को न माना है और न मानेगा। फिर सच्चाई है  कि उस हिस्से पर चीन का कब्जा है। पाई-पाई को मोहताज पाकिस्तान के सामने चीन से कर्ज लेने के अलावा कोई उपाय नहीं है। इसलिए आशंका है कि पाकिस्तान गिलगिट बालटिस्तान ही चीन को न सौंप दे। ऐसा सुनने में भी आ रहा है कि पाकिस्तान गिलगिट बालटिस्तान को गिरवी रख कर चीन से पैसा ले रहा है। दरअसल, गिलगिट बालटिस्तान भारत का हिस्सा है। इसलिए उसको चीन की गुलामी में सौपने पर उसको कोई फर्क भी नहीं पड़ेगा। फर्क पड़ेगा तो भारत पर ही पड़ेगा। भारत की जमीन पर संकट होगा और चीन भारत के सिर पर आकर खड़ा हो जाएगा। 

इसी तरह से अगर ग्वादर पर चीन का कब्जा हो जाता है तो अरब सागर में चीन भारत के सैन्य और व्यापारिक चुनौतियां खड़ी कर देगा। इसलिए एक्स्पर्ट ने कहा है कि पाकिस्तान कंगाल हो, बर्बाद हो इससे कोई मतलब नहीं लेकिन भारत को  गिलगिट बालटिस्तान की चिंता जरूर करनी चाहिए। इसी के साथ ऐसे कूटनीतिक प्रयास करने चाहिए जिससे चीन ग्वादर पर काबिज न हो सके।