दे दिया India ने ड्रैगन को इतने हजार करोड़ रुपये का झटका, तमतमा उठा China! कहा- इतनी बड़ी रकम कहां से…

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चीन इस वक्त दुनिया के लिए सिर दर्द बना हुआ है। भारत, ताइवान, वियतनाम, टिब्बत, नेपाल, श्रीलंका के अलावा कई और देश हैं जो चीन से परेशान हैं। भारत में तो चीन की दाल नहीं गली उलटा उसे भारतीय जवानों ने ऐसा सबक सिखाया कि वो दूबारा उलझने की सोचेगा नहीं। लेकिन, बाकी के देश इससे कमजोर हैं और ये इसका पूरा फायदा उठाता है। भारत के साथ भी पिछले कुछ समय से चीन के संबंध ठीक नहीं है। गलवान वैली में हुई खुनी संघर्ष के बाद चीन पूरी तरह से बौखलाया हुआ है, क्योंकि, इसमें चीन को भारत के जवानों को करारा झटका दिया था। चीन यहां पर अपना अवैध कब्जा करना चाहता था जिसके चलते दोनों देशों के बीच ऐसे हालात बने। इसी के बाद भारत सरकार ने चीन को करारा झटका देते हुए इसके कई सारे ऐपों को भारत में इस्तेमाल करने पर बैन लगा दिया था। अब एक बार फिर से इंडिया ने चीन को जो झटका दिया है उससे ड्रैगन बौखला उठेगा।</div>
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दरअसल, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने फेमा के तहत श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के 5551.27 करोड़ रुपये जब्त किए हैं। Xiaomi India चीन स्थित Xiaomi समूह की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। यह रकम कंपनी के बैंक खातों से जब्त की गई है, ईडी ने इस साल फरवरी के महीने में कंपनी द्वारा किए गए अवैध लेनदेन को लेकर जांच शुरू की थी। 2014 में भारत में अपना काम शुरू करने वाली इस कंपनी ने 2015 से पैसे भेजने शुरू किये। कंपनी ने तीन विदेश संस्थाओं को 5551.27 करोड़ के बराबर विदेशी मुद्रा भेजी , जिसमें रॉयल्टी की आड़ में एक Xiaomi ग्रुप की कंपनी शामिल है। रॉयल्टी के नाम पर इतनी बड़ी रकम उनके चीनी मूल समूह की संस्थाओं के आदेश पर भेजी गई। अमेरिका की 2  संस्थाओं जो इससे संबंधित नहीं थीं उनको भी पैसा भेजा गया जिससे आखिरकार फायदा भी Xiaomi समूह की संस्थाओं को हुआ।</div>
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Xiaomi India,MI ब्रांड नाम के तहत भारत में मोबाइल फोन कारोबार करती है। शाओमी इंडिया पूरी तरह से भारत में बने मोबाइल सेट और दूसरे प्रोडक्ट भारत में निर्माताओं से खरीदता है। शाओमी इंडिया ने उन तीन विदेशी संस्थाओं से कोई सर्विस नहीं ली जिन्हें पैस ट्रांसपर किया। इस समूह की कंपनियों के बीच फर्जी दस्तावेज बनाकर लेनदेन दिखाकर कंपनी ने विदेश में रॉयल्टी की आड़ में बड़े पैमाने पर पैसा बाहर भेजा,ईडी के अधिकारियों के मुताबिक ये फेमा की धारा 4 का उल्लंघन है।</div>

आईएन ब्यूरो

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