अंतर्राष्ट्रीय

Tomahawk Missile के नाम से ही थर थर कांपते हैं दुश्मन, अब यह देश खरीदने जा रहा है यह विनाशकारी हथियार

ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका से लंबी दूरी तक मार करने वाले कई हथियारों को खरीदने वाले समझौते को मंजूरी दे दी है। इसमें 200 से अधिक(Tomahawk Missile) टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें भी शामिल हैं। इसकी अनुमानित कीमत 800 मिलियन डॉलर होने की उम्मीद है। ऑस्ट्रेलिया दावा है कि टॉमहॉक मिसाइल के शामिल होने से उनकी सैन्य ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा।

चीन से मुकाबले के लिए टॉमहॉक की कर रहा खरीद

ऑस्ट्रेलिया वर्तमान में लंबी दूरी की मारक क्षमता बढ़ाने की दिशा में रणनीतिक बदलाव के साथ अपनी सैन्य क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन कर रहा है। रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने एक बयान में कहा कि हम उन क्षमताओं में निवेश कर रहे हैं जिनकी हमारे रक्षा बल को हमारे तटों से दूर अपने विरोधियों को खतरे से निपटने में मदद मिलेगी। टॉमहॉक मिसाइलों को ऐतिहासिक AUKUS संधि के तहत अमेरिका से हासिल की गई परमाणु संचालित पनडुब्बियों पर भी तैनात करने की योजना है। वर्तमान में AUKUS के सहयोगी अमेरिका और ब्रिटेन के पास ही ऐसी ताकत है।

जाने कितनी ताक़तवर है यह मिसाइल

टॉमहॉक (Tomahawk Missile) एक लंबी दूरी की सभी मौसम में मार करने वाली सबसोनिक क्रूज मिसाइल है। यह मिसाइल मुख्य रूप से अमेरिकी नौसेना और रॉयल नेवी के युद्धपोतों र पनडुब्बी से जमीनी लक्ष्यों पर हमला करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। टॉमहॉक क्रूज मिसाइल दूर से किसी लक्ष्य पर हमला करने के लिए सबसे सटीक हथियार है। इस मिसाइल की रेंज 1250 किलोमीटर से 2500 किलोमीटर के बीच है। क्रूज मिसाइल होने के कारण यह मिसाइल सतह से काफी नजदीक उड़ान भरती है। इस कारण दुश्मन के रडार टॉमहॉक मिसाइल को जल्दी से डिटेक्ट नहीं कर पाते हैं।

टॉमहॉक मिसाइल को अडवांस नैविगेशन सिस्टम के जरिए गाइड किया जाता है। इस मिसाइल की लंबाई 18 फीट 3 इंच (5.56 मीटर) होती है, बूस्टर के साथ लंबाई 5 फीट होती है। टॉमहॉक मिसाइल की स्पीड 885.139 किलोमीटर प्रति घंटे से 1416.22 किलोमीटर प्रति घंटे तक हो सकती है। टॉमहॉक मिसाइल को पनडुब्बी या युद्धपोत से भी लॉन्च किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें: इस देश से Arrow-3 Missile Defence सिस्टम खरीदेगा Germany! 35 हजार करोड़ रुपये में खरीद रहा ‘हवाई योद्धा’

टॉमहॉक मिसाइल (Tomahawk Missile) अपने लक्ष्य तक सीधी रेखा में नहीं जाती है। इस कारण टॉमहॉक को किसी एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम के जरिए बीच रास्ते में गिराया नहीं जा सकता है। अमेरिका ने टॉमहॉक मिसाइल का सबसे पहला इस्तेमाल ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म में किया था। टॉमहॉक मिसाइल अपने साथ 450 किलोग्राम तक पारंपरिक विस्फोटक लेकर जा सकती है।

आईएन ब्यूरो

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