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FATF: ब्लैकलिस्ट होने के डर से कांपे इमरान खान, चिट्ठी में लिखी ये बड़ी बात

पाकिस्तान ने ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए FATF में गुहार लगाई है। (फाईल फोटो)

पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों में फंडिंग करने के मामले में विश्व समुदाय के सामने बेनकाब होने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति डवाडोल हो गई है। इसको लेकर वह भारत को कोसना शुरू कर दिया है। अब बार-बार पाकिस्तान आतंकवादियों को मुहैया कराए जाने वाले धन की निगरानी करने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था- वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) से खुद को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने की अपील कर रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान ने भारत पर आरोप लगाते हुए इस बात का दावा भी किया कि वह पाकिस्तान के खिलाफ प्रोपेगैंडा चला रहा है। जबकि पूरी दुनिया जानता है कि आतंकवाद का पनाहगाह कौन है। भारत तो कई बार इसके सबूत भी दे चुका है। इस समय पाकिस्तान अपने बचाव में यूरोपीय संघ का सहारा ले रहा है।

इस संबंध में सीनेटर अब्दुल रहमान मलिक ने FATF के अध्यक्ष मार्कस प्लेयेर को एक पत्र भी लिखा है और पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान की स्थिति को भारत अपने प्रोपेगैंडा से बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है और यूरोपीय संघ ने इसका खुलासा भी किया है। अपने पत्र में मलिक ने FATF अध्यक्ष से इस बात की भी अपील की है कि या तो पाकिस्तान को स्थायी रूप से ग्रे लिस्ट से हटा दिया जाए, या फिर उसके लिए मोहलत और बढ़ा दी जाए ताकि पाकिस्तान FATF द्वारा निर्देशित सभी 21 बिंदुओं को क्रियान्वित कर सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण पाकिस्तान की प्रगति प्रभावित हुई है, इसलिए उसे FATF की ओर से थोड़ा वक्त और मिलना चाहिए, ताकि कोरोना काल से उपजी चुनौतियों से वह पूरी तरह उबर सके।