France’s Anti Radicalism Bill: फ्रांस में कट्टरपंथियों के खिलाफ कानून से पाकिस्तान परेशान क्यों?

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फ्रांस में कट्टरपंथियों के खिलाफ एक कानून लाया जा रहा है जिससे उन धर्म स्थानों पर से नकेल कसी जाएगी जहां से नफरत फैलाई जाती है साथ ही सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वालों पर नजर भी रखी जाएगी।इस कानून में ऐसे लोगों को सजा देने का प्रावधान है जो कि धार्मिक कट्टरपंथ फैलाते हैं और समाज में नफरत का बीज बोते हो बहते हैं। फ्रांस में इस कानून का विरोध कम और पाकिस्तान में ज्यादा हो रहा है। इस कानून में कहीं पर भी धर्म का  नाम नहीं लिया गया लेकिन पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को यह बात बखूबी पता है कि कौन सा धर्म नफरत फैलाता है।</p>
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<strong>आतंकी घटना कहीं भी हो सिरा पाकिस्तान में </strong></p>
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खास बात यह है कि अभी फ्रांस में इस्लामी कट्टरवाद के खिलाफ कानून बनाने के कोशिश है, कानून बना नहीं है और पाकिस्तानी संतरी-मंत्री और राष्ट्रपति ने चीखना चिल्लाना शुरू कर दिया है। अच्छा, सवाल यह है कि फ्रांस के कानून से पाकिस्तान को परेशानी क्यों है? फ्रांस के कट्टरपंथियों से पाकिस्तान का क्या रिश्ता है? वैसे एक बात तो है, वो यह कि दुनिया में कहीं भी आतंकी घटना हो उसका एक सिरा पाकिस्तान में जरूर मिलता है। तो क्या फ्रांस के कानून का पाकिस्तान में विरोध का यही कारण है? पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा है फ्रांस का यह कानून भेदभाव पूर्ण है और यह भी कहा कि यह कानून मुसलमानों के खिलाफ है।अल्वी साहब यहीं पर नहीं रुके उन्होंने कहा कि यह यूनाइटेड नेशंस चार्टर के खिलाफ है और यह बिल सामाजिक सद्भाव के उस जज्बे के खिलाफ है जो कि यूरोप में शुरुआत से रहा है।पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने चेतावनी भी दी कि आने वाले 10सालों में इस कानून के गंभीर परिणाम सामने आएंगे।फ्रांस ने राष्ट्रपति के इस बयान पर पाकिस्तान के राजदूत को तलब कर लिया और कहा कि यह बिल किसी एक धर्म के खिलाफ नहीं है और फ्रांस में सारे धर्मों को पूरी आजादी है।</p>
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<strong>गिरहबान में झांकें पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी</strong></p>
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खुशी की बात यह है कि कि पाकिस्तान में किसी ने तो यूनाइटेड नेशंस का चार्टर पढ़ा। हैरानी की बात यह की अल्वी साहब यह भूल गए कि वह कौन से देश के राष्ट्रपति हैं।  वो एक ऐसे देश के राष्ट्रपति हैं जिस देश में बिना किसी सबूत के अल्पसंख्यकों को जेल में डाल दिया जाता है और बिना सबूत के फांसी की सजा दे दी जाती है। आसिया बीबी का उदाहरण सबके सामने है जिसमें बिना किसी सबूत के फांसी की सुना दी गई उसके बाद सुप्रीम कोर्ट से आसिया बीवी को बरी किया गया। बरी होने के बाद भी वह पाकिस्तान में नहीं रह पाई और उन्हें कनाडा में शरण लेनी पड़ी। दरअसल पाकिस्तान का कानून ही कुछ ऐसा है की उस कानून के तहत किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकता है अगर उस पर यह आरोप लगा दिया जाए कि उसने इस्लाम या पैगंबर मोहम्मद की शाम के बारे में अपशब्द कहे हैं।  हाल ही में एक स्थाई नर्स के साथ जो दिल दहलाने वाला हादसा हुआ वह पूरी दुनिया ने देखा।  नज़ीर गिल नाम की इस नर्स के खिलाफ आरोप था कि उसने पैगंबर मोहम्मद के बारे में अपशब्द कहे।  मामला पुलिस के पास गया और पुलिस को इस आरोप में कोई तथ्य नहीं दिखा। पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से मना किया और नर्स को अपने घर भेज दिया लेकिन कट्टरपंथी कहां मानने वाले थे।उन्होंने नर्स को वापस बुलाया और उसके साथ मारपीट की यहां तक की नर्स के कपड़े भी फाड़ दिए गए।</p>
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<strong>पाकिस्तान में अहमदिया और शियाओं की दुर्गति</strong></p>
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पाकिस्तान मेंअहमदिया समुदाय के खिलाफ एक कानून है जिसके अनुसार अगर कोई अहमदी अपने आप को मुस्लिम बताता है तो उस को 3साल की सजा की जा सकती है।हिंदू, सिख, ईसाई और दूसरे धर्म के अनुयाई कानून से बंधे हैं इन धर्मों के अनुयायियों को पाकिस्तान में कोई हक नहीं है।  इन धर्मों की लड़कियों को जबरन अगवा कर धर्म परिवर्तन कर दिया जाता है और पुलिस एफ आई आर भी दर्ज नहीं करती।जिस देश का कानून अपने एक नागरिक और दूसरे नागरिक में फर्क समझे उस देश का राष्ट्रपति एक ऐसे देश के राष्ट्रपति को सलाह दे रहा है जिसने इस नई दुनिया के लिबर्टी, इक्वलिटी और जस्टिस जैसे नियमों की शुरुआत की थी।</p>
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<strong>विरोध मुस्लिम उम्मा के लिए या आतंकी गिरोहों के लिए</strong></p>
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दरअसल इमरान खान के पाकिस्तान को एक नया नशा चढ़ा है यह नशा है इस्लामी दुनिया का नेता बनने का।  क्या हुआ अगर कोई और आपको नेता ना माने तो, आप खुद तो अपने आप को नेता बता ही सकते हैं।  जहां भी कहीं कट्टरपंथी इस्लाम के नाम पर नफरत फैलाने की बात आती है तो बस शुरू हो जाता है सांपों के मुंह से जहर निकलना।  इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ बयान और नए कानून को इस्लाम के खिलाफ बताना,   यह एक कोशिश है इस्लामी देशों के सामने ट्रांस को फ्रांस को इस्लाम का दुश्मन करार देने की । किसी भी सेकुलर देश के खिलाफ ऐसा जहर उगलने की आजादी इस्लामी देशों का संगठन (OIC)  के 57सदस्यों में से सिर्फ पाकिस्तान के पास ही तो है।इस स्वयंभू के साथ भले ही कोई और इस्लामी देश खड़ा न, हो भले ही मुस्लिम देश पाकिस्तान के वीसा रोक रहे हो, भले ही पाकिस्तान से अपना कर्ज़ वापस मांग रहे हो लेकिन पाकिस्तान को यह जरूर यकीन होता है कि वह जो कर रहा है वह सारे मुस्लिम उम्मा के लिए जरूरी है या आतंकी गिरोहों के लिए?</p>
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<strong>पाकिस्तान में खुलेआम घूमते हैं आतंकी</strong></p>
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आपको जानकर हैरानी होगी कि पाकिस्तान में एक एंटी टेरर डिपार्टमेंट यानी आतंकवाद विरोधी विभाग भी है।न जाने यह विभाग अपनी सालाना रिपोर्ट में पाकिस्तान सरकार को क्या बताता है कि उसने पूरे साल क्या किया जबकि लखवी अजर मसूद और हाफिज सईद जैसे आतंकवादी पाकिस्तान में खुलेआम घूमते हैं।कहा जाता है कि यह विभाग आईएसआई के पाले हुए इन आतंकवादियों को सूफी संत का दर्जा देने में मशरूफ रहता है। पाकिस्तान में दूसरे धर्मोंको तो छोड़ ही दोअहमदिया और शियाओं के खिलाफ खुलेआम नफरत फैलाई जाती है और पाकिस्तान की पास ऐसा कोई ठोस कानून नहीं जिससे इन पर नकेल लगाई जा सके। जो मौजूदा कानून है अभी उनको अमल में लाया नहीं जाता।  लिहाजा हजारों का खुलेआम कत्ल, कराची में शिया काफिर नारे लगाए जाते हैं, सिखों और हिंदुओं का धर्म परिवर्तन किया जाता है और लड़कियों को अगवा कर उनकी जबरन शादी और धर्म परिवर्तन खुलेआम चल रहा है लेकिन पुलिस, प्रशासन, सेना और नेता सब ही आंखें मूंदे बैठे रहते हैं। हाल ही में कटक में एक हिंदू मंदिर को तोड़े जाने के पीछे भी एक कट्टरपंथी मौलाना ही था।लेकिन पाकिस्तान में कानून नाम की चीज होती तो ऐसे लोगों पर नकेल लगती।पाकिस्तान अब वह देश बन चुका है जिसमें मलाला यूसफजई को स्कूल जाने के लिए गोली मारी जाती है और हमलावर एहसान उल एहसान हाई सिक्योरिटी जेल से भाग जाता है और इन कट्टरपंथियों का हौसला तो देखिए दोबारा मलाला को धमकी देता है कि अब के हमारा निशाना नहीं चूकेगा।</p>
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<strong>औरों को नसीहत आप मियां फजीहत</strong></p>
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यह सब लिखने, बताने और सुनाने का मतलब यह है कि जिस पाकिस्तान में कानून नाम की चीज न हो, जो पाकिस्तान ‘फेल स्टेट’ की कैटेगरी में पहुंच चुका हो, जहां सबसे ज्यादा इस्लाम के नाम पर हिंसा होती हो, जहां इस्लाम के नाम पर अल्पसंख्यकों का सबसे ज्यादा शोषण और अत्याचार होता हो, जहां इस्लाम के नाम पर आतंकवाद की फसल उगाई जाती हो, उस पाकिस्तान के राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी फ्रांस के खिलाफ जहर उगल रहे हैं। इसी को कहते हैं ‘औरों को नसीहत आप मियां फजीहत।‘</p>

रोहित शर्मा

Guest Author

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