ताइवान (Taiwan) को लेकर अमेरिका और चीन (China) आमने सामने हैं। एक और चीन का कहना है कि, ताइवान उसका हिस्सा है और उसपर कब्जा करने से उसे कोई रोक नहीं सकता। वहीं, दूसरी ओर अमेरिका का कहना है कि, अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो इसका अंजाम बुरा होगा। ताइवान की रक्षा करने के लिए अमेरिका प्रतिबंध है और हर हाल में उसे बचाएगा। अब हाल ही में फिर से चीन ने चेतावनी दी है कि वह ताइवान पर कब्जे के लिए सेना के इस्तेमाल से पीछे नहीं हटेगा। हालांकि उसने दोहराया कि वह ताइवान के शांतिपूर्ण एकीकरण के पक्ष में प्रयास कर रहा है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद यह आशंका तेज हो गई है कि चीन भी इसी तर्ज पर ताइवान पर धावा बोल सकता है। लेकिन अमेरिका ने अपनी नीति बदलते हुए दो टूक लहजे में कहा है कि अगर ताइवान पर हमला हुआ तो अमेरिकी सेना (us Army) सीधे हस्तक्षेप करेगी। इस बात को खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बोल चुके हैं। ऐसे में चीन के लिए ताइवान पर हमला करना आसान नहीं होने वाला है। यही कारण है कि चीन ने ताइवान को तबाह करने और मुख्य भूमि में मिलाने के लिए प्लान बी पर काम करना शुरू कर दिया है।
चीन ने ताइवान के लिए बनाया प्लान बी
मिल रही जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है चीन ताइवान पर सामने से हमला नहीं करेगा। ऐसे में अमेरिका, जापान या क्वाड को ताइवान मामले में हस्तक्षेप का मौका ही नहीं मिलेगा। ऐसे में ताइवान की राजनीतिक स्वायत्तता खत्म करने के लिए चीन के अभियान में ताइवान जलडमरूमध्य को पार करने वाले हजारों सैनिक शामिल नहीं होंगे। बल्कि, समुद्र में फंसे हुए जहाज और रहस्यमय परिस्थितियों में पानी के नीचे ब्लॉकेज वाला तरीका अपनाएगा।
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ताइवान पर चीन का सैन्य हमला
चीन प्रोग्राम के डायरेक्टर युन सन ने बताया कि ताइवान पर एक पूर्ण सैन्य हमला अनिश्चित है। युद्ध लड़ने के लिए, आपको कम से कम कुछ स्तर पर जीत को लेकर विश्वास की आवश्यकता होती है और चीनियों के पास यही नहीं है। सन ने कहा कि रूस के यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से ताइवान में युद्ध के बारे में चीन की चिंताएं बढ़ गई हैं। कई अनुभवी सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि यह ऑपरेशन एक हफ्ते का हो सकता है। इससे ताइवान को इतनी चोट पहुंच सकती है, जिससे कि वह घुटनों पर आ जाए और सैन्य कार्रवाई की कोई जरूरत ही नहीं पड़े।
चीन अपना सकता है नाकाबंदी वाला पैंतरा
ताइवान की अर्थव्यवस्था को अलग-थलग करने और गला घोंटने की रणनीति को आम तौर पर नाकाबंदी के रूप में वर्णित किया जाता है। लेकिन, यह एक ऐसा शब्द है जो कई अलग-अलग कार्रवाइयों को शामिल कर सकता है। चीनी सेना की प्लानिंग डॉक्यूमेंट्स और डॉक्ट्रिन का अध्ययन करने वाले डिफेंस एक्सपर्ट इयान ईस्टन ने कहा कि चीन लंबी नाकाबंदी कर सकता है। इससे चीन अपनी पूर्व निर्धारित शर्तों पर ताइवान सरकार को बातचीत की मेज पर आने के लिए मजबूर करने का प्रयास करेगा।
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