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सिखों के पवित्र गुरुद्वारा Damdama Sahib में बूचड़खाना, पाकिस्तान में गुरुस्थानों का घोर अपमान, लाचार है PGPC

पाकिस्तान के गुरुद्वारों में खुले बूचड़खाने

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर कितना जुल्म होता है यह बात किसी से छुपी नहीं है। लेकिन, फिर भी इस्लामिक देश इसपर छुप्पी साधे रहते हैं लेकिन, भारत में जब कुछ होता है तो इसमें उन्हें इतनी मिर्ची लग जाती है कि वो इसपर ज्ञान बांटने लग जाते हैं। पाकिस्तान में आजादी के बाद जितनी सिख, हिंदू और अन्य जाती की जनसंख्या थी आज वो कुछ ही रह गए हैं। आए दिन यहां अल्पसंख्यकों को लेकर अत्याचार, अपहण, रेप होते रहते हैं। कुछ दिनों पहले भारत में नूपुर शर्मा द्वारा प्रोफेट मोहम्मद पर दिए गए बयान को लेकर जमकर हो हल्ला मचा। अब पाकिस्तान में गुरुद्वारों का अपमान हो रहा है। गुरुद्वारों को स्लाटरहाउस और मांस की दुकानों में तबदील किया जा रहा है, लेकिन इस बारे में सबने मौन धारण कर लिया है। पाकिस्तान की गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी लाचार है। वो न आवाज उठा सकती है और न पाकिस्तान सरकार पर दबाव डाल सकती है। 

पाकिस्तान में सिख समुदाय से जुड़ी ऐतिहासिक महत्व की सैकड़ों ऐसी इमारतें हैं जिन्हें बर्बाद और अपवित्र किया जा रहा है। जबकि, पाकिस्तान सरकार देश में केवल कुछ ही गुरुद्वारों का रखरखाव करके सिखों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गुमराह कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करते हुए स्थानीय प्रशासन उनके पूजा स्थलों को अपवित्र कर रहा है और उन पर अवैध रूप से कब्जा कर रहा है। स्थानीय अधिकारियों की ओर से पाकिस्तान में गुरुद्वारों की खुलेआम उपेक्षा की जा रही है। कई गुरुद्वारों की हालत खस्ता है। ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं जिन्हें लेकर सिख काफी चिंतित हैं।

ऐसा ही एक गुरुद्वारा ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री दमदमा साहिब है जो रावलपिंडी के राजा बाजार में स्थित है। इसे 1876में बाबा खेम सिंह बेदी ने बनवाया था। स्थानीय लोग इस पूजा स्थल को बूचड़खाने और मांस की दुकान के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। गुरुद्वारे के मुख्य द्वार पर पिछले कई सालों से मीट की दुकानें हैं। गुरुद्वारा परिसर से मीट की दुकानों के अलावा एक दर्जन से अधिक दुकानें चलाई जा रही हैं।

स्थानीय लोगों का गुरुद्वारे की संपत्तियों पर कब्जा

इस गुरुद्वारे में एक विशाल सराय (यात्रियों के लिए आवास) है जिसमें लगभग 70-75कमरे हैं। भूतल में एक विशाल लंगर भवन (सामुदायिक रसोई), प्रकाश स्नान (गर्भगृह), सुखासन स्थान (पवित्र पुस्तक के लिए स्थल) और जोड़ा घर (जूते के लिए जगह है) ऐसी सभी संपत्तियों पर स्थानीय दुकानदारों के परिवारों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।

सिर्फ इतना ही नहीं गुरुद्वारे में तो पुलिस स्टेशन भी खोल दिया गया है। पंजाब प्रांत के गलहा मंडी में स्थित गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा की इमारत बहुत बड़ी है और इसपर स्थानीय प्रशासन ने कब्जा कर लिया है और इसे सिटी पुलिस स्टेशन में बदल दिया है। गुरुद्वारा किला साहिब भी इसी सूची में शामिल है, जिसे गुरु हरगोबिंद सिंह की याद में बनाया गया था। यह हाफिजाबाद के गुरु नानकपुरा मोहल्ला में स्थित हैं। इसे कब्र में बदल दिया गया है।