इमरान खान नियाजी का बेसुरा कश्मीर राग

यह लगातार दूसरी बार हुआ है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान नियाजी ने संयुक्त राष्ट्र की महासभा में खुद के साथ-साथ पाकिस्तान का मजाक बना दिया है। पिछली बार सितबंर 2019 में भी यही हुआ था। लेकिन तब पाकिस्तान की यूएन की स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी पर सारा इल्जाम मढ़ दिया गया था और उन्हें हटा कर (कश्मीर एक्सपर्ट) मुनीर अकरम को वहां तैनात किया गया। लेकिन इस बार भी इमरान खान का राग कश्मीर सुनने वाला कोई नहीं था।

दूसरी तरफ इंडियन मिशन के नौजवान फर्स्ट सेक्रेटरी मिजितो विनितो ने इमरान खान की बखिया उधेड़ दी। मिजितो विनितो ने कहा कि, "कश्मीर पर अब तक तो इमरान खान को समझ लेना चाहिए था कि बात करने के लिए सिर्फ एक ही मुद्दा है-'पीओके' यानि कश्मीर का वो हिस्सा जिस पर पाकिस्तान कब्जा करके बैठा है। हम पाकिस्तान को आगाह करते हैं कि वह कश्मीर के उन इलाकों को खाली करे, जिस पर उसने अवैध कब्जा कर रखा है।"

अपने करीब 30 मिनट के भाषण में इमरान खान के पास कहने के लिए कुछ भी नहीं था। पूरे भाषण में उनका निशाना भारत और भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही थे। भारत में अल्पसंख्यक मुसलमानों पर अत्याचार, कश्मीर में मानवाधिकारों का हनन और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ उनके बेतुके भाषण में छाये रहे। जबाव देने के अधिकार के अंतर्गत भारत ने इमरान खान को उनके ही अंदाज में जबाव दिया। विनितो ने कहा कि पाकिस्तान शांति, संवाद और कूटनीति जैसे आधुनिक सभ्य समाज के सिद्धांत दूर है। उनके पास न दिखाने के लिए कुछ है, न बोलने के लिए कोई उपलब्धि है और न ही दुनिया को देने के लिए कोई उचित सुझाव है। पिछले 70 वर्षो में दुनिया को जो एकमात्र गौरव उन्होंने दिया है, वह है आतंकवाद, नैतिकता का पतन, कट्टरवाद और अवैध परमाणु व्यापार।

विनीतो ने पाकिस्तान को बांग्लादेश में किए गए नरसंहार का रिकॉर्ड भी याद दिलाया, जिसके लिए उसने आज तक माफी भी नहीं मांगी है। मिजितो विनितो ने पाकिस्तान और इमरान ख़ान को लेकर कहा, "ये वही देश है जो ख़तरनाक और सूचीबद्ध आतंकवादियों को फंड मुहैया कराता है। जिस नेता को हमने आज सुना, ये वही व्यक्ति हैं जिन्होंने ओसामा बिन लादेन को अपनी संसद में एक शहीद कहा था।"

खुद पाकिस्तान के लोग इमरान खान के भाषणों का मजाक उड़ा रहे हैं। एक पत्रकार के मुताबिक, यह भाषण बिलकुल पिछले साल जैसा है, कुछ भी नया नहीं।

दरअसल इमरान खान की बौखलाहट दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। पिछले दो साल में उनके नेतृत्व में पाकिस्तान की हालत बद-से-बदतर हो गई है। आर्थिक बदहाली और बुनियादी समस्याओं की मार से पाकिस्तानी जनता पिसी जा रही है। पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों का जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। पाकिस्तान की ख्वाहिश थी कि मुस्लिम देशों में इकलौता परमाणु शक्ति होने के कारण वो मुस्लिम देशों का नेता बने। लेकिन वो सपना भी टूट गया। खाड़ी देशों में भी उसकी कोई अहमियत नहीं रही। फिलिस्तीनी मुद्दे पर मुस्लिम देशों को एकजुट करने की इमरान खान की कोशिश भी बेकार गई।

यूएई और बहरीन जैसे देशों का इजरायल से संबध बनाना, उनके मंसूबों पर पानी फेर गया। रही सही कसर उसके अन्नदाता सऊदी अरब ने पूरी कर दी। पाकिस्तानी मीडिया द फ्राइडे टाइम्स के मुताबिक पिछले साल सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने इमरान खान की अमेरिका यात्रा के लिए अपना निजी विमान दिया था। पत्रिका के मुताबिक पहले बताया गया था कि तकनीकी खराबी के कारण सऊदी अरब का विमान वापस लौटा दिया गया था, लेकिन पाकिस्तान के मशहूर पत्रकार नज़म सेठी ने अपने एक लेख में दावा किया है कि सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने इमरान के भाषण से नाराज होकर अपना विमान खाली करा लिया था।

इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) का नेतृत्व करने की पाकिस्तान के पीएम की कोशिशें सऊदी अरब को रास नहीं आईं। कश्मीर को लेकर इमरान खान ने तुर्की और मलेशिया को अपने साथ आगे करने की कोशिश की थी, जो सऊदी अरब को पसंद नहीं आई। क्राउन प्रिंस मुहम्मद-बिन-सलमान ने संयुक्त राष्ट्र में इमरान खान के कूटनीतिक तौर-तरीकों से नाराज होकर अपना विमान वापस मंगवा लिया। इमरान खान की हरकतों से तो सऊदी अरब के नेतृत्व वाले ओआईसी संगठन के सदस्य भी खुश नहीं हैं।

इमरान खान को भारत विरोधी मुद्दे पर हर बार झटका लगता रहा है। इस साल सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के चुनाव में भी पाकिस्तान को करारी शिकस्त मिली थी। कुल 193 वोटों में से भारत को 183 वोट मिले थे, जो एक रिकार्ड है। इमरान खान पर चोट करते हुए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुटोटो ने कहा, "भारत यूएनएससी का अस्थायी सदस्य बन गया वो भी इतने वोटों से। कहां है इमरान खान की विदेश नीति, हमारी सरकार की फॉरेन पालिसी पर दुनिया हंस रही है ..क्या इमरान खान जबाव देंगे कि ऐसा क्यों हो रहा है, क्या यही हमारी सफल नीति है जिसके बारे में वो बात करते रहते हैं।"

चीन के सहयोग के बाद भी इमरान खान की विदेश नीति किसी काम की नहीं रही। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा आतंकी संगठनों को फंडिग रोकने में नाकाम होने पर पाकिस्तान का नाम पहले ही ग्रे सूची में है। ब्लैकलिस्ट से बचने के लिए इमरान खान ने दो कानून बनाने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष ने खारिज करवा दिया।

खबरें हैं कि 62 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट 'चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे' के चल रहे काम को लेकर चीन भी इमरान खान से नाराज है। भ्रष्टाचार, आतंकवादी संगठनों द्वारा हमले, चीनी बैंकों द्वारा फंडिंग रोके जाने की वजह से राष्ट्रपति शी जिनपिंग के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट CPEC में काम रुका पड़ा है। इसीलिए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सीनियर नेता नोंग रोंग को पाकिस्तान में नया राजदूत बना कर भेजा है। रोंग चीनी इंटेलिजेंस संस्था यूनाइटेड फ्रंट वर्क्स डिपार्टमेंट (United Front Works Department) के प्रभावशाली नेता हैं।

यह संस्था दूसरे देशों के प्रभावशाली लोगों के साथ मिलकर वहां की आम जनता पर प्रभाव डालने की कोशिश करती है और वहां चीन के पक्ष में हवा बनाने की कोशिश करती है। यह संस्था विदेशों में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विरोधी लोगों की जासूसी भी करती रही है। चीन के उगुइर राज्य में इसी संस्था ने वहां के मुसलमानों पर कहर ढाया हुआ है। चीन की कोशिश है कि नोग रोंग के जरिए पाकिस्तानी आर्मी पर और दबाव डालकर सीपीईसी के काम में तेजी लाई जाए।

इसके अलावा चीन की सलाह पर इमरान खान गिलगिट-बाल्टिस्तान को पाकिस्तान का पांचवा राज्य बनाने की कोशिश में हैं, जो गैरकानूनी है। गौरतलब है कि गिलगिट-बाल्टिस्तान भारत का हिस्सा है, जिस पर पाकिस्तान ने कब्जा किया हुआ है। 1960 से चीन वहां सक्रिय है और सामरिक निर्माण, बिजली, खनन सहित कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है। वहां चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना (BRI) के तहत काम चल रहा है। वहां के स्थानीय निवासियों के विरोध के बावजूद पाकिस्तान ने पूरा इलाका चीन को लीज पर दे रखा है। पाकिस्तानी विशेषज्ञ आयशा सिद्दकी के मुताबिक, "पाकिस्तान के तीन बड़े हाईड्रो-पावर प्रोजेक्ट्स पर चीनी कंपनियां काम कर रही हैं। काराकोरम हाईवे को सीपीईसी से जोड़ा जा रहा है और सबसे बड़ी बात हाईवे का टोल कलेक्शन का ठेका भी चीनी कंपनियों के पास है, तो पाकिस्तान को क्या मिलेगा?"

पाकिस्तानी विशेषज्ञों के मुताबिक सीपीईसी की वजह से लगता है कि चीन ने पूरा पाकिस्तान ही खरीद रखा है और लोगों को या तो इसके खतरनाक नतीजे का अनुमान नहीं या फिर पाकिस्तानी आर्मी के खौफ की वजह से चुप हैं। अगर कोई बोल रहा है तो वो हैं इमरान खान और जब जब वो मुंह खोलते हैं, पाकिस्तान की हमेशा किरकिरी होती है।.

डॉ. शफी अयूब खान

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

7 months ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

7 months ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

7 months ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

7 months ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

7 months ago