पाकिस्तान पर हमला कर सकता है भारत, कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों की हरकतें ठीक नहीं!

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पाकिस्तान में निजाम भले ही बदल जाए लेकिन उसकी नीतियां नहीं बदलतीं। वैसे भी इस समय पाकिस्तान की खिचड़ी सरकार में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की हैसियत एक रबर स्टैंप से ज्यादा की नहीं है। क्यों कि उन्हें वही करना पड़ रहा है, जो पीडीएम के नेता कहते हैं या फिर लंदन से उनके बड़े भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ हुक्मनामा भेजते हैं।</p>
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एक बात और वो यह कि आर्मी सामने से कोई हस्तक्षेप नहीं कर रही लेकिन शहबाज शरीफ को वो भी करना पड़ रहा है जिसका इशारतन हुक्म पिंडी जीएचक्यू से आ रहा है। शहबाज शरीफ के नियंत्रण में न मुल्क है न मुल्क की मशीनरी। ऐसे हालातों में आतंकी गिरोहों को खुली छूट मिल गई है। ये आतंकी गिरोह जनरल बाजवा के खिलाफ पाक आर्मी में काम कर रहे सीनियर अफसर खास तौर पर फैज हामिद की शह पर भारत के कश्मीर में और पंजाब में आतंकी वारदातों को अंजाम देने की फिराक में हैं। पाकिस्तान की मौजूदा हालात और आतंकियों के बढ़ते हौंसलों पर रोक लगाने के लिए भारत सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कदम फिर उठा सकता है।</p>
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इस बात की आशंका, जितनी भारती थिंक टैंक को है, उससे कहीं ज्यादा अमेरिकी थिंक टैंक को है। यूनाइटेड स्टेट्स इंटेलिजेंस कम्युनिटीने एक रिपोर्ट तैयार की है और कहा है कि भारत और पाकिस्तान के आतंकी वारदातें चिंता का विषय है।  पाकिस्तान का भारत विरोधी आतंकवादी संगठनों का सहयोग करने का एक लंबा इतिहास रहा है।'भारत अब पहले से ज्यादा आक्रामक और मजबूत है। इसलिए आशंका है कि पाकिस्तान की ओर से की गई किसी भी उकसावे की कार्रवाई पर भारत करारा सबक सिखा सकता है।</p>
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हालांकि,इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि  भारतऔर चीनके संबंधों में भी जल्द सुधार की संभावना भी नहीं है। ‘यूनाइटेड स्टेट्स इंटेलिजेंस कम्युनिटी' ने सांसदों से कहा है कि 2020में ‘‘हिंसक झड़प'' के मद्देनजर भारत-चीन संबंध ‘तनावपूर्ण' रह सकते हैं।</p>
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‘यूनाइटेड स्टेट्स इंटेलिजेंस कम्युनिटी' ने कांग्रेस की एक सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के समक्ष खतरों के संबंध में अपना वार्षिक आकलन पेश करते हुए कहा कि भारत और चीन दोनों के विवादित सीमा पर सैन्य मौजूदगी बढ़ाने से दोनों परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र टकराव का खतरा बढ़ा है, जो संभवत: अमेरिकी नागरिकों एवं हितों के लिए सीधे तौर पर खतरनाक हो सकता है। उसने इस संबंध में अमेरिका से हस्तक्षेप का आह्वान भी किया।</p>
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इस रिपोर्ट के इतर यह भी कहा जा रहा है कि भारत और चीन के रिश्तों में तल्खी भले ही बनी रहे लेकिन दोनों के बीच सशस्त्र संघर्ष की संभावना नहीं है। इतना ही नहीं, अगर पाकिस्तान के उकसावे की कार्रवाई पर भारत पाकिस्तान पर आक्रमण करता है या फिर सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कदम उठाता है तो भी चीन तटस्थ रुख ही अपनाएगा। क्यों कि चीन पाकिस्तान में अरबों डॉलर निवेश कर चुका है लेकिन पाकिस्तान में चीनी नागरिकों और वर्कर्स को लगातार नफरत और खतरों का सामना करना पड़ रहा है।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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