New Mobile Towers in Tawang: चीन भारत के अरुणाचल प्रदेश के तवांग इलाके में जबरन घुस आया था जिसके बाद भारतीय सैनिकों से झड़प में उसे मुंह की खानी पड़ी और भारतीय जवानों ने उसे बाहर खदेड़ दिया। अब इस झड़प के बाद भारत सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए चीन की हर चाल पर नजर रखने के लिए टॉवर लगाने जा रही है। वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास संपर्क सुविधा सुधारने के लिए सरकार ने क्षेत्र में और मोबाइल टावर (New Mobile Towers in Tawang) लगाने का फैसला किया है। तवांग के उपायुक्त के. एन. दामो ने कहा है कि, बीएसएनएल और भारती एयरटेल कनेक्टिविटी में सुधार के लिए 23 नए मोबाइल टावर (New Mobile Towers in Tawang) लगाएंगे। सरकार के इस फैसले से सेना को चीन की हर हरकतों पर नजर रखने में आसानी होगी। किसी भी तरह की सीमा पर चीन की ओर से हलचल होती है तो इसकी सेना को तुरंत जानकारी मिल जाएगी जिससे वो अलर्ट हो जाएगी।
तवांग के चप्पे-चप्पे से होगी चीन पर नजर
तवांग के उपायुक्त के. एन. दामो ने कहा कि, मौजूदा टावर वांछित सेवाएं नहीं दे पा रहे हैं, जिससे न केवल रक्षा बलों बल्कि सीमा पर रहने वाले नागरिकों को भी परेशानी हो रही है, पहले सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल नेटवर्क नहीं थे, लेकिन अब स्थिति बदल गई है और बुम-ला तथा वाई-जंक्शन पर भी लोग इंटरनेट व मोबाइल सेवाओं का आनंद ले रहे हैं, लेकिन इसमें और सुधार की आवश्यकता है। इसके आगे उन्होंने बताया कि, इसमें (टावर लगाने के काम में) रक्षा क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई है। मागो, चूना और निलिया (जेमिथांग के पास) जैसे नागरिक क्षेत्रों को भी नजरअंदाज नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने 43 नए टावर लगाने का अनुरोध किया था।
LAC पर भारत बनाएगा पहला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट
उन्होंने बताया कि, नए टावर लगाने के लिए सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। इस बीच सर्दी का मौसम एख चुनौती बन हया है जिसके चलते थोड़ी देरी हो सकतील है। जिले के पहाड़ी इलाकों में पहले ही बर्फबारी हो रही थी। इसके साथ ही LAC पर भारत अपना पहला हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट बना रहा है। इस प्रोजेक्ट से चीन घबरा रहा है। जानकारी के अनुसार इस प्रोजेक्ट को बनाने में 47 करोड़ की लागत आएंगी। इस प्रोजेक्ट का लाभ भारत चीन बॉर्डर के आखिरी गांव टी गोम्पा को मिलेगा, जहां 24 घंटे लाइट मिलेगी।