PM मोदी अमेरिका के सबसे अहम दौरे पर जा रहे हैं। अमेरिका (America) और भारत के सम्बन्ध काफी पुराने हैं , ऐसे में बाइडेन ने भारत को एक बड़ा ऑफर दे दिया है। बाइडन प्रशासन चाहता है कि भारत अपने लालफीताशाही को कम करे और अमेरिका में बने दर्जनभर ड्रोन विमान खरीद ले। भारत लंबे समय से अमेरिका से विशाल हथियारबंद ड्रोन विमान सी गार्डियन खरीदना चाहता है लेकिन यह डील लटकी हुई है। अमेरिकी वार्ताकार अब यह उम्मीद कर रहे हैं कि पीएम मोदी की 22 जून होने वाली यात्रा में यह गतिरोध टूट सकता है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक चूंकि पीएम मोदी की यात्रा तय हो गई है, ऐसे में अमेरिका (America) के विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय पेंटागन और राष्ट्रपति कार्यालय वाइट हाउस ने भारत से कहा है कि वह 30 MQ-9 प्रिडिएटर हथियारबंद ड्रोन के मामले में प्रगति ‘दिखाए।’ इस ड्रोन विमान को जनरल एटामिक कंपनी बनाती है। पीएम मोदी और बाइडन के बीच विस्फोटकों के सह उत्पादन और हथियारबंद वाहनों के उत्पादन के बारे में बात हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन के बढ़ते प्रभाव को करारा जवाब देने के लिए बाइडन चाहते हैं कि भारत के साथ रिश्ते मजबूत किए जाएं।
बाइडन अब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के साथ सैन्य तकनीक पर सहयोग बढ़ाना चाहते हैं। वह भी तब जब भारत और अमेरिका (America) के बीच कोई औपचारिक सुरक्षा गठबंधन नहीं है। भारत ने यूक्रेन युद्ध में रूस की आलोचना नहीं की है जो अमेरिका को काफी नागवार गुजरा है। इसके अलावा अभी भी भारत रूस के साथ अपने रक्षा संबंध मजबूत बनाए हुए है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि MQ-9 ड्रोन को खरीदने का फैसला अब भारत के हाथ में है।
इस बीच न्यूज9लाइव की रिपोर्ट के मुताबिक भारत और अमेरिका के बीच पीएम मोदी की यात्रा के दौरान कई बड़े रक्षा समझौते हो सकते हैं। इसमें 18 MQ-9 प्रिडिएटर ड्रोन शामिल है। इस डील की कुल कीमत 1.8 अरब डॉलर है। इससे भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक भागीदारी बढ़ेगी। इसके अलावा दोनों देश अमेरिकी कंपनी जीई के F 414 फाइटर जेट इंजन को भारत में बनाने पर बड़ा समझौता कर सकते हैं। इसके अलावा 2 MQ-9 सी गार्डियन ड्रोन को भारतीय नौसेना लीज पर लेगी। इस पर 800 करोड़ का खर्च आने का अनुमान है।
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बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुल्लिवन इस समय भारत में हैं और उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की है। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री की यात्रा की तैयारियों पर बात की है। भारत पहले 30 MQ-9 प्रिडिएटर ड्रोन लेना चाहता था लेकिन अब इसे घटाकर 18 कर दिया गया है। भारत चाहता है कि इस ड्रोन के कलपुर्जों को भारत में ही बनाने का अधिकार दिया जाए। माना जा रहा है कि इसके लिए अमेरिका का तैयार होना मुश्किल है। चीन के खिलाफ बने क्वॉड में शामिल सभी देश सी गार्डियन ड्रोन का या तो इस्तेमाल करते हैं या कर चुके हैं।
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