भारत को रूस (Russia) से भारी डिस्काउंट पर कच्चा तेल मिल रहा था। एक समय यह छूट 25 से 30 डॉलर तक थी। रूस से रोजाना 20 लाख बैरल कच्चा तेल आ रहा है। भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 40 परसेंट पहुंच गई है जो यूक्रेन युद्ध से पहले महज एक परसेंट थी। लेकिन हाल के दिनों में रूस के तेल पर मिल रहा डिस्काउंट मात्र चार डॉलर रह गया है। इस तरह इसमें 87 फीसदी गिरावट आई है। डिस्काउंट के साथ-साथ रूस को पेमेंट में भी दिक्कत आ रही है। रूस रुपये में पेमेंट नहीं ले रहा है और हाल में भारत को उसे चीन की करेंसी युआन में भुगतान करना पड़ा है। ऐसे में देश की रिफाइनिंग कंपनियों ने अपने पुराने सप्लायर्स से बात करना शुरू कर दिया है। वे खासकर इराक से खरीद बढ़ाने की तैयारी में है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारत में सबसे ज्यादा कच्चा तेल इराक से ही आता था।
सरकारी रिफाइनर इराक से तेल आपूर्ति बढ़ाने को लेकर बातचीत कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि रूस के कच्चे तेल यूराल की कीमत बढ़ती जा रही है और यह पश्चिमी देशों की तरफ से रूसी तेल पर लगाए गए प्राइस कैप 60 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बिक रहा है। हाल के हफ्तों में रूसी कच्चे तेल पर छूट में भारी गिरावट आई है। अगर रूस सरकारी रिफाइनर्स को प्राइस कैप से अधिक कीमत पर तेल बेचेगा तो वो रूस से तेल खरीदना नहीं चाहेंगे।
भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी 40 परसेंट पहुंच गई है जो यूक्रेन युद्ध से पहले महज एक परसेंट थी। पश्चिमी देशों ने रूस (Russia) पर पाबंदी लगाई तो उसने सस्ते में तेल बेचना शुरू कर दिया। भारतीय रिफाइनर्स ने इस मौके को हाथोंहाथ लिया। लेकिन अब यह डिस्काउंट सिकुड़कर चार डॉलर रह गया है। साथ ही रूस तेल के ट्रांसपोर्टेशन के लिए 11 से 19 डॉलर प्रति बैरल की कीमत वसूल रहा है। यह बाल्टिक और काला सागर से पश्चिमी तट तक डिलिवरी के लिए सामान्य शुल्क का दोगुना है। अधिकारी ने कहा कि आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल ने अब तक 60 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर कोई खरीद नहीं की है। इस हफ्ते पहली बार रूसी तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर चली गई।
अधिकारी ने बताया कि भारत ने इराक से कहा है कि वो तेल की भुगतान के लिए कुछ शर्तों में बदलाव करने पर विचार करे। जैसे भारत के सरकारी रिफाइनर्स इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL) इराक से भारी मात्रा में तेल खरीदेंगे जिसके बदले में वो तेल की मौजूदा क्रेडिट अवधि को 60 दिन से बढ़ाकर 90 दिन कर दे। अधिकारी ने इराक जैसे भारत के पारंपरिक आपूर्तिकर्ताओं से तेल खरीदने का जिक्र करते हुए कहा, ‘यह सबसे साफ सौदा है। इराक हमारा सहयोगी और एक अच्छा व्यापारिक भागीदार रहा है।
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