कुछ साल पहले देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत ने जिस थिएटर कमांड (China-Pakistan) का सपना देखा था, वह अब आकार लेता दिख रहा है। तीनों सेनाओं में तालमेल बेहतर करने के साथ ही थिएटर कमांड पाकिस्तान और चीन (China-Pakistan) के किसी भी दुस्साहस का माकूल जवाब देने में अहम भूमिका निभाएगा। दरअसल, भारत को जमीन के साथ ही समंदर में भी दुश्मन के खिलाफ चौकन्ना रहना है। ऐसे में जंग के समय की मिलकर तैयारी और कम खर्च में बेहतर रिजल्ट वाले महाप्लान पर सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच आम सहमति बन गई है। हां, मूल प्लान में सभी की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए थोड़ा बदलाव किया गया है।
यह प्लान मुख्य रूप से तीन एकीकृत थिएटर कमांड बनाने का है। टॉप रक्षा सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इसका नेतृत्व तीन-स्टार वाले वरिष्ठ अधिकारी जनरल यानी लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल करेंगे। ये कमांड उत्तरी सीमा पर चीन, पश्चिमी मोर्चे पर पाकिस्तान और प्रायद्वीपीय भारत में समुद्र से मिलने वाली चुनौतियों से निपटने में सक्षम होगी।
एयर डिफेंस कमांड का प्रस्ताव रद्द कर दिया गया है। वायुसेना की तरफ से इसका विरोध किया जा रहा था। पिछले साल एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा था कि एयर डिफेंस और युद्धक मिशन आपस में जुड़े हैं। अलग किया गया तो संयुक्त रणनीति में वे प्रभावी नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा था कि पांचवीं पीढ़ी के प्लेन की क्षमता व्यापक है। अगर इन्हें एक भूमिका में सीमित किया जाएगा तो अपेक्षित इस्तेमाल नहीं हो सकेगा।
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एयर डिफेंस कमांड यानी ADC पर एयरफोर्स का कहना है कि यह उतना प्रभावशाली नहीं होगा क्योंकि एयर डिफेंस और ऑफेंसिव एयर मिशन एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। तनाव के समय इसे अलग-अलग लागू नहीं किया जा सकता है। यह भी कहा जा रहा था कि सीमित एयर एसेट को को बांटना ठीक नहीं होगा। सूत्रों ने बताया है कि तीन थिएटर कमांड बनाया जाना है और यह अगले साल शुरू हो सकता है।
2021 में सीडीएस जनरल बिपिन रावत की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत के बाद एकीकृत कमांड का गठन ठंडे बस्ते में चला गया था। पिछले साल जनरल अनिल चौहान नए सीडीएस बने। सरकार ने इसी साल मार्च में संसद में इंटर-सर्विसेज ऑर्गनाइजेशन्स (कमांड, कंट्रोल और डिस्प्लीन) बिल पेश किया। इस अप्रोच के तहत सेना, नौसेना और वायुसेना के बीच साथ मिलकर काम करने की स्थिति तैयार करना है। इसके तहत मेजर और लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के 102 अधिकारियों की पहली टीम (सेना 40, वायुसेना 32 और नेवी 30) की हाल में दूसरी सेवाओं में क्रॉस-पोस्टिंग की गई। एक अधिकारी ने बताया कि तीनों सेनाओं के बीच यूएवी, ब्रह्मोस मिसाइल आदि जैसे रक्षा उपकरणों को लेकर भागीदारी वाले क्षेत्रों में क्रॉस-स्टाफिंग की गई है। 3-4 महीने में इस बात काम आगे बढ़ सकता है।
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