भारत का अफगानिस्तान से वादा संकट में अकेला नहीं छोड़ेगा, चीन-पाक को मिलेगा जवाब

अफगानिस्तान एक बार फिर आशा भरी नजरों से भारत  की ओर देख रहा है। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अतमार ने भारत से मदद का आग्रह किया है। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत दोस्त को संकट के समय में अकेला नहीं छोड़ेगा। भारत अफगानिस्तान में सैन्य मदद और बढ़ाएगा। यह सैन्य अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के मद्देनजर की जाएगी।। तालिबान की ओर शांति वार्ता की रफ्तार धीमी होने से अफगानिस्तान परेशान हो चुका है। इ

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अफगानिस्तान का कहना है- दोहा वार्ता दिशाहीन हो गई है। इस बीच अफगनिस्तान के लिए भारत आगे आया है और सैन्य सहायता देने के लिए विश्वास जताया है। भारत ने पहले भी कई मौकों पर अफगानिस्तान को सैन्य सहायता देने की बात कही है। जिसको लेकर अफगानिस्तान आश्वस्त रहता था।

पिछले कुछ महीनों से अफगानिस्तान की असरफ गनी सरकार इस बात से बेहद नाराज है कि शांति वार्ता को लेकर तालिबान की गतिरोध जारी रहती है। उनका साफ मानना है कि तालिबानी शांति वार्ता को सफल नहीं होने देना चाहते। इस लिहाज से अफगानिस्तान ने भारत से सैन्य मदद की बात दुहराई है। क्योंकि अफगानिस्तन के भीतर चल रहे तालिबानी आतंक को रोकने और विकास कार्यों को गति देने के लिए सैन्य सहायता जरूरी है। जिसको देखते हुए भारत ने सैन्य सहायता देने का विश्वास जताया है।

अफगानिस्तना एशिया के चौराहे पर स्थित देश है जो सामरिक रुप से बेहद महत्वपूर्ण देश है। इसकी भू-राजनैतिक स्थिति भारत के लिए मायने रखती है। वहीं, अफगानिस्तान में तालिबान के जरिए पाकिस्तान की दखल की कोशिश और जासूसों के जरिए चीन अपना पैर पसारने के प्रयास में लगा है। ऐसे में भारत की ओर से सैन्य सहायता मुहैया कराकर अफगानिस्तान को क्षेत्रिय सहयोगी के नाते मजबूती प्रदान करने का काम किया जाएगा। साथ ही भारत, चीन और पाकिस्तान दोनों को काउंटर भी कर सकेगा।

बता दें कि भारत की ओर से अफगानिस्तान में अपनी मजबूती हर मोर्चे पर लाया जा रहा है। अफगानिस्तान में चल रहे विकास और सामाजिक कार्यों में भारत बहुत बड़ा योगदान कर रहा है। तापी गैस पाइपलाइन एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है जिसमें अफगानिस्तान भी शामिल है। जो भारत के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। वहीं,  कंधार में राष्ट्रीय कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (ANASTU) की  स्थापना, अफगानिस्तान में करीब तीन हजार मील से अधिक सड़कों का निर्माण,  200 से अधिक सार्वजनिक और निजी स्कूलों का निर्माण, 1000 से अधिक छात्रों को छात्रवृत्ति और 16,000 से अधिक अफगान छात्र भारत में अध्ययन दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को दिखाता है। भारत की कई कंपनियां अफगानिस्तान में निवेश कर रही हैं जो तभी सफलता से काम कर पाएंगी जब वहां शांति बहाल हो जाए।.

रोहित शर्मा

Guest Author

Recent Posts

खून से सना है चंद किमी लंबे गाजा पट्टी का इतिहास, जानिए 41 किमी लंबे ‘खूनी’ पथ का अतीत!

ऑटोमन साम्राज्य से लेकर इजरायल तक खून से सना है सिर्फ 41 किमी लंबे गजा…

1 year ago

Israel हमास की लड़ाई से Apple और Google जैसी कंपनियों की अटकी सांसे! भारत शिफ्ट हो सकती हैं ये कंपरनियां।

मौजूदा दौर में Israelको टेक्नोलॉजी का गढ़ माना जाता है, इस देश में 500 से…

1 year ago

हमास को कहाँ से मिले Israel किलर हथियार? हुआ खुलासा! जंग तेज

हमास और इजरायल के बीच जारी युद्ध और तेज हो गया है और इजरायली सेना…

1 year ago

Israel-हमास युद्ध में साथ आए दो दुश्‍मन, सऊदी प्रिंस ने ईरानी राष्‍ट्रपति से 45 मिनट तक की फोन पर बात

इजरायल (Israel) और फिलिस्‍तीन के आतंकी संगठन हमास, भू-राजनीति को बदलने वाला घटनाक्रम साबित हो…

1 year ago

इजरायल में भारत की इन 10 कंपनियों का बड़ा कारोबार, हमास के साथ युद्ध से व्यापार पर बुरा असर

Israel और हमास के बीच चल रही लड़ाई के कारण हिन्दुस्तान की कई कंपनियों का…

1 year ago