भारतीय सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर उन बिंदुओं पर कांटेदार तार लगा दिए हैं, जिन जगहों पर चीनी सैनिक अपनी पोजीशन से कुछ मीटर हटकर आगे आ गए थे। इसके साथ ही भारतीय सैनिकों ने मध्ययुगीन हथियारों से लैस चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों को भारत के क्षेत्र में प्रवेश न करने की चेतावनी दी है।
एलएसी पर चीनी सैनिकों को आगे बढ़ने से रोकने का इंतजाम करने के अलावा भारत ने चेतावनी दी है कि अगर चीनी सैनिकों ने घुसपैठ के प्रयास जारी रखे तो वह जवाबी कार्रवाई करेगा। सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों ने बुधवार को पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव को कम करने के लिए मुलाकात की। हालांकि, बैठक "अनिर्णायक" रही और आगे भी बातचीत जारी रहेगी।
बता दें कि सोमवार को पीएलए के सैनिकों ने एलएसी पर भारतीय सैनिकों को उनकी पोजीशन से हटाने का प्रयास किया था और चेतावनी देने के लिए कुछ राउंड फायर भी किए थे।
बैठक को लेकर सूत्रों ने यह भी कहा कि भारत ने स्पष्ट रूप से कह दिया है कि यदि चीनी सैनिक उकसाऊ सैन्य आंदोलन करेंगे तो भारतीय सैनिक जवाबी कार्रवाई करेंगे। भारत ने देखा था कि चीन ने पैंगोंग सो (झील) के उत्तर में नए सिरे से तैनाती शुरू की है। इतना ही नहीं मंगलवार की शाम से पीएलए सैनिकों की तैनाती भी बढ़ गई और वे ज्यादा मात्रा में रसद समेत अन्य वस्तुएं ला रहे हैं।
अब दोनों पक्षों के सैनिक एक-दूसरे से बहुत कम दूरी पर हैं। एक सरकारी सूत्र ने कहा, "उन्हें स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता है और भारतीय सैनिक चीन की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहे हैं।"
मंगलवार को करीब 40-50 चीनी सैनिक बंदूक के अलावा धारदार हथियारों के साथ रेजांग ला के उत्तर में ऊंचाई पर भारतीय सेना से कुछ ही मीटर की दूरी तक पहुंच गए थे। ऐसा लगता है कि वे फिर से नई कोशिश करने के लिए तैयार हैं। ऐसा 7 सितंबर को दक्षिणी बैंक में हुई झड़प के चलते हुआ है जहां भारतीय सेना प्रमुख स्थितियों पर है।
बता दें कि भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के आसपास के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण ऊंचाइयों पर कब्जा कर लिया है और चीनियों ने इन जगहों को हथियाने के लिए कई प्रयास किए हैं।
दरअसल, भारतीय सेना की सबसे महत्वपूर्ण ऊंचाइयों में से एक है रेचिन ला, जिसका चीनी विरोध कर रहे हैं। यहां से भारतीय सेना न केवल पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर चीनी सैन्य ठिकानों पर आसानी से नजर रख सकती है, बल्कि झील के उत्तर में फिंगर 4 क्षेत्र भी इसकी रेंज में आ सकते हैं।
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चार महीने से गतिरोध जारी है। कई स्तरों पर संवाद होने के बावजूद अब तक कोई सफलता नहीं मिली है।.
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