अंतर्राष्ट्रीय

China को चित्त करने के लिए भारत के साथ आया ये देश! ड्रैगन पर नकेल कसने के लिए बनाया ये महाप्‍लान

हिंद महासागर में फुंफकार रहे चीनी ड्रैगन पर नकेल कसने के लिए भारत और ऑस्‍ट्रेलिया ने कमर कस ली है। जी हां, भारतीय नौसेना (Indian Navy) का विमान ऑस्‍ट्रेलिया के कोकोज द्वीप समूह पहुंचा है। ऑस्‍ट्रेलिया का यह द्वीप समूह रणनीतिक लिहाज से बेहद महत्‍वपूर्ण है और यहां से हिंद महासागर में चीन की हर हरकत पर पूरी नजर रखी जा सकती है। विश्‍लेषकों के अनुसार नौसेना के विमान का कोकोज द्वीप पहुंचना भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच बढ़ती दोस्‍ती का प्रतीक है। साल 2022 से लगातार भारतीय नौसेना और ऑस्‍ट्रेलियाई नौसेना दोनों के विमानों का एक-दूसरे के यहां आना-जाना लगा हुआ है। इससे पहले साल 2020 में लॉजिस्टिक सपोर्ट को लेकर दोनों देशों के बीच समझौता हुआ था। भारत की ओर से चीनी सबमरीन का काल कहे जाने वाले पी8 आई समुद्री निगरानी विमान डार्विन पहुंचे थे।

चीन की हर एक हरकत पर रहेगी नजर

विश्‍लेषकों लंबे समय से मांग कर रहे थे कि भारत को ऑस्‍ट्रेलिया के कोकोज द्वीप समूह तक पहुंच दी जाए। यह द्वीप समूह सुंडा स्‍ट्रेट और मलक्‍का स्‍ट्रेट के पास है। इस द्वीप के रनवे को बढ़ाया गया है ताकि पी8 विमान इस पर उतर सकें। इस द्वीप का इस्‍तेमाल साल 2021 से भारत के स्‍पेस मिशन की मदद के लिए भी किया जा रहा है। इसी सप्‍ताह के भारतीय नौसेना (Indian Navy) के ड्रोर्नियर और वायुसेना के सी-130 हरक्‍यूलिस विमान भी कोकोज द्वीप समूह पर पहुंचे हैं। इस तरह से यह द्वीप भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के लिए हिंद महासागर में निगरानी का बड़ा अड्डा बन गया है।

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दरअसल, चीन का अरबों डॉलर का व्‍यापार मलक्‍का स्‍ट्रेट के रास्‍ते होता है। यहां भारतीय नौसेना अंडमान निकोबार से उसे आसानी से घेर सकती है। वहीं सुंडा स्‍ट्रेट के पास ही कोकोज द्वीप है जहां से ऑस्‍ट्रेलिया चीन को घेर सकता है। ये दोनों ही रास्‍ते प्रशांत महासागर से हिंद महासागर में घुसने के रास्‍ते हैं। ऑस्‍ट्रेलिया भारत ही नहीं बल्कि हिंद महासागर के अन्‍य देशों जैसे श्रीलंका, बांग्‍लादेश और मालदीव के साथ भी रिश्‍ते मजबूत कर रहा है। ऑस्‍ट्रेलिया अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए अमेरिका पर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहना चाहता है। हिंद महासागर में निगरानी करना किसी एक देश के बस की बात नहीं है। इसी वजह से ऑस्‍ट्रेलिया भारत, फ्रांस और क्षेत्र के अन्‍य देशों के साथ रिश्‍ते मजबूत कर रहा है।

आईएन ब्यूरो

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