यूरोप के हाहाकारी दौरे के बाद अब नेपाल जाएंगे पीएम मोदी, लुंबिनी की गुगली से चीन में बढ़ी बेचैनी

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यूरोप के तीन दिवसीय हाहाकारी दौरे के बाद पीएम मोदी भारत लौटते ही नेपाल जाने की तैयारी में हैं। यूक्रेन रूस जंग के बीच यूरोप के दौरे को दुनिया के सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष और कूटनीतिज्ञ बड़े ही कौतुहल से देख रहे हैं। अब पीएम मोदी का नेपाल दौरा एक बार फिर चीन को चौंकाने वाला हो सकता है। ध्यान रहे, भारतीय खुफिया एजेंसियों की इत्तला पर नेपाल की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में 20 ऐसे चाईनीज को गिरफ्तार किया है जो नेपाल में अराजकता फैलाने की साजिशों में शामिल थे। इनको नेपाल की सरकार ने चाईनीज जासूस मान कर कार्रवाई भी की है।</p>
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बहरहाल, भारत और नेपाल के विदेश मंत्रालयों से मिली जानकारी के अनुसार पीएम नरेंद्र मोदी 16 मई को नेपाल जा सकते हैं। पीएम मोदी पहले लुंबिनी जाएंगे। लुंबिनी भगवान बुद्ध की जन्म स्थली है। भगवान बुद्ध का जन्मस्थली यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट में से एक है। दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों की रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएम मोदी के साथ नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा भी मोदी के साथ लुंबिनी जा सकते हैं।</p>
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16 मई को इस बार बुद्ध पूर्णिमा है। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर नेपाल, भारत, तिब्बत, भूटान, जापान, कोरिया और अन्य देशों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं। लुंबिनी में हर बार विशेष कार्यक्रम होता ही है। इस बार तो पीएम मोदी और पीएम देऊबा लुंबिनी में होंगे, इसलिए यह कार्यक्रम अपने आप में विशिष्ट हो जाता है। चीन की कोशिश रहती है कि नेपाल और भारत के रिश्तों में तनाव बना रहे और वो उसका फायदा उठाकर नेपाल कीस जमीन को हड़प ले। लुंबिनी की यात्रा के बाद पीएम मोदी काठमाण्डू भी जाएंगे या नहीं अभी तक तय नहीं है।</p>
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पीएम मोदी मौजूदा वक्त में यूरोप के दौरे पर हैं। जर्मनी का दौरा करने के बाद वह डेनमार्क में हैं। डेनमार्क के बाद उनका अगला पड़ाव फ्रांस है। मई में पीएम मोदी क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जापान जा सकते हैं। 2019में दोबारा पीएम बनने के बाद से पीएम मोदी की यह पहली नेपाल यात्रा होगी। आखिरी बार मोदी मई 2018में नेपाल दौरे पर गए थे। इस दौरे पर वह काठमांडू के साथ ही जनकपुर की यात्रा भी की थी।</p>
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पीएम मोदी लुंबिनी के बौद्ध मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन समारोह में भाग ले सकते हैं। विदेश मंत्रालय और सुरक्षा अधिकारियों ने यात्रा व्यवस्था की टोह ली है। पीएम मोदी नई दिल्ली से कुशीनगर के उड़ान भरेंगे और उसके बाद वहां से लुंबिनी जाएंगे। पीएम मोदी के लुंबिनी दौरे की योजना कई बार बनी है लेकिन कई कारणों से उसे स्थगित किया गया है। ओली शासनकाल में नेपाल और भारत के संबंधों में तल्खी पैदा हो गई थी। हालांकि, बाद में ओली ने तल्खी को खत्म करने की कोशिशें भी की थीं। किंतु शेर बहादुर देऊबा के पीएम बनने के बाद नेपाल-भारत के संबंधों में फिर से ताजगी आने लगी है।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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