Save Our Sailors: चीन की 'कैद' से हिंदुस्तानियों को निकालने के लिए जिंदल बने मसीहा

उद्योगपति नवीन जिंदल ने चीनी बंदरगाह पर फंसे 39 भारतीय नाविकों को घर वापस लाने में मदद करने के लिए तैयार हैं। जिंदल ने ट्वीट कर लिखा कि यह मानवीय संकट है। महीनों तक चीनी बंदरगाहों पर फंसे 39 भारतीय नाविक, ऑस्ट्रेलिया से चीन के लिए कोयला ले जा रहे थे। हम अपने नाविकों (<a class="css-4rbku5 css-18t94o4 css-901oao css-16my406 r-1n1174f r-1loqt21 r-1qd0xha r-ad9z0x r-bcqeeo r-qvutc0" dir="ltr" role="link" href="https://twitter.com/hashtag/SaveOurSailors?src=hashtag_click" data-focusable="true">#SaveOurSailors</a>) को घर वापस लाने में मदद कर सकते हैं। इस लिहाज से हम इन जहाजों पर लदे कोयला खरीदने के लिए तैयार हैं। आपको बता दें कि करीब दो हफ्ता पहले चीन ने इन भारतीय नाविकों को बदलने की बात भी अनसुनी कर दी थी। जबकि ये नाविक तीन से सात महीनों से चीनी बंदरगाह पर फंसे पड़े हैं।

 
<h3>चीन-ऑस्ट्रेलिया के संबंध बिगड़ने के कारण फंसे हैं भारतीय नाविक</h3>
नेशनल यूनियन ऑफ सेफगार्ड (NSUI) के अनुसार, भारत की दो व्यापारिक जहाज चीनी बंदरगाह पर एक तरीके से बंधक हैं। जिसमें ऑस्ट्रेलिया से कोयला लाया जा रहा है। ये जहाज पिछले <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/emboldened-by-chinas-refusal-inhuman-face-shown-to-india-22219.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer">तीन से सात महीने से चीन में</a> हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण चीन और ऑस्ट्रेलिया के संबंध बिगड़ना है। दोनों देशों के बीच ट्रेड वार छिड़ने का खामियाजा यहां भारतीय नाविकों को चुकाना पड़ रहा है।

<strong>आपको बता दें कि करीब पंद्रह दिन पहले नाविकों के भारतीय संगठन की ओर से उनको जहाज पर से बदलने के लिए चीन से कहा गया था। इस पर चीन के अधिकारियों ने कोरोना का बहाना बनाकर भारतीय नाविकों को मदद करने से अपना हाथ पीछे खिंच लिया था। इस संकट काल में चीन ने अपना क्रूर चेहरा दुनिया को दिखाया दिया है। </strong>

इधर, जिंदल स्टील और पॉवर के चेयरमैन नवीन जिंदल ने साहसिक  और सराहनीय कदम उठाते हुए कहा कि वे उन जहाजों पर लदे कोयला को खरीदने का ऑफर देते हैं। वे भारतीय नाविकों को किसी तरह घर वापस लाने में मदद करना चाहते हैं। हालांकि, उनके इस प्रस्ताव पर ऑस्ट्रेलियन अथॉरिटी को फैसला करना है। ऑस्ट्रेलिया की अथॉरिटी ही इस बात का निर्णय करेगी कि वे जिंदल के ऑफर पर तैयार है या नहीं। वहीं, जिंदल ने अपनी इच्छा भारत के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों तक भी पहुंचा दी है। ताकि भारत सरकार इस मामले में हस्तक्षेप करे।.

रोहित शर्मा

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