अंतर्राष्ट्रीय

मुस्लिम देशों का बुरा हाल, यहां मीट हुआ सपना… लोगों की थाली से गायब हुआ रोटी-चावल

Inflation in Egypt: इस वक्त कई इस्लामिक देशों में जमकर आर्थिक भूचाल आया है। पाकिस्तान आज अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। कंगाली के हाल में दुनिया के सामने कटोरा लेकर खड़ा है। कभी चीन से भीख मांग रहा तो कभी, सऊदी से तो कभी UAE में जाकर रो रहा है। इस बीच एक और इस्लामिक देश (Inflation in Egypt) है जहां पर आर्थिक भूचाल आ गया है। देश में खाने के लिए लाले पड़ गये हैं। रोटी-रोटी के लिए लोग तरस रहे हैं। ये कोई और नहीं बल्कि, पिरामिड और ममी के लिए मशहूर मिस्र (Inflation in Egypt) है। मिस्र की करेंसी अब सबसे निचले स्तर पर है। महंगाई से त्रस्त जनता अब बाजारों में जाना पसंद नहीं कर रही। किराने की कीमतें आसामान छू रही है। अंडा अब एक लग्जरी आइटम बन गया है। मीट तो सपना हो गया है। कई लोगों की तालियों से इस तरह के आइटम गाय ही होने लगे हैं।

हर एक चीजों का दाम आसमान छू रहा
मीडिया में आ रही खबरों की माने तो, देश का मिडिल क्लास वर्ग स्कूल फीस और मेडिकल खर्चों के नीचे दबा हुआ है। काहिरा की 30 वर्षीय कम्युनिकेशन ऑफिसर माई अब्दुलघानी ने कहा कि, फिलहाल, हमें दूर-दूर तक कुछ नहीं दिख रहा है। उनके पति एक डिजाइन इंजीनियर हैं लेकिन जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें चार नौकरियां करनी पड़ रही हैं। महिला ने कहा कि मैं यह सोचती हूं कि हम अपने बजट पर कैसे जीवित रहेंगे। हर बार जब हम सुपरमार्केट जाते हैं, तो मेरा खून खौलता है।

इस्लामिक देशों तक ने छोड़ दिया साथ
मिस्र का यह हाल रूस-यूक्रेन जंग के बाद हुआ है। यही हाल मिडिल ईस्ट के कई और देशों का है जो पूरी तरह से उखड़ गये हैं। जो एक समय पर मिस्र के कुल पर्यटकों का एक-तिहाई हिस्सा थे वो जंग के चलते बड़े पैमाने पर कम हो गये। इसके साथ ही गेहूं की सप्लाई बधित होने के चलते इसकी कमी आ गई। ज्यादा आबादी रूस-यूक्रेन के गेहूं पर निर्भर है। विदेशी निवेशक भी मिस्र छोड़कर चले गये और अपना साथ 20 अरब डॉलर भी ले गये। हाल यह है कि, संकट की इस घड़ी में मिस्र का साथ बड़े इस्लामिक देश सऊदी अरब, यूएई तक ने छोड़ दिया है।

भारत कर रहा मदद
जब मुस्लिम देशों ने मिस्र का साथ छोड़ दिया तो ऐसे में उसके मदद के लिए भारत खड़ा है। भारत की ओर से मिस्र में गेहूं की सप्लाई हो रही है। इसके साथ ही मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे। उनकी यह भारत यात्रा दिल्ली और काहिरा को और करीब लाएगी।

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आईएन ब्यूरो

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