इस्लामिक स्टेट ने ली Kabul गुरुद्वारे Blast की जिम्मेदारी, कहा- अल्लाह के लिए किया यह काम

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अफगानिस्तान में तालिबान के आने के बाद से हमले बढ़ गए हैं। पिछले काफी समय से लगातार मस्जिदों में हमले हो रहे थे लेकिन, अब गुरुद्वारों पर भी हमले तेज हो गए हैं। ताजा मामला काबुल का है जहां पर स्थित सिखों के गुरुद्वारा कर्ते परवान भीषण आतंकी हमला हुआ है। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट ने ली है और इसे पैगंबर के समर्थन मं किया गया कार्य बता रह है। इस हमले में सिख समुदाय के एक सदस्त समेत दो लोगों की मौत हो गई थी। आतंकी समूह की वेबसाइट 'अमाक' पर पोस्ट किए गए बयान में इस्लामिक स्टेट से संबंद्ध इस्लामिक स्टेट-खुरासान प्रोविंस (आईएसकेपी) ने कहा कि शनिवार को किया गया हमला हिंदुओं, सिखों और उन धर्मभ्रष्ट लोगों के खिलाफ है जिन्होंने अल्लाह के दूत का अपमान करने में साथ दिया।</p>
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ISKP ने कहा कि, उसका एक लड़ाका सुरक्षा गार्ड की हत्या करने के बाद हिंदुओं और सिखों के मंदिर में घुसा और अंदर मौजूद श्रद्धालुओं पर अपनी मशीन गन से गोलीबारी की और हथगोले फेंके। शनिवार सुबह काबुल के बाग ए बाला क्षेत्र में कार्ते परवान गुरुद्वारे पर हमला हुआ। हालांकि, अफगान सुरक्षा कर्मियों ने विस्फोटक लदे एक ट्रक को गुरुद्वारा परिसर में घुसने से रोक कर एक बड़े हमले को नाकाम कर दिया। अफगानिस्तान में गुरुद्वारे पर यह एक और लक्षित हमला था। वहीं, तालिबान के सुरक्षा बलों ने तीन हमलावरों को मार गिराया।</p>
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आईएसकेपी ने एक वीडियो संदेश में भाजपा के दो पूर्व पदाधिकारियों की ओर से पैगंबर पर की गई टिप्पणी का बदला लेने के लिए हिंदुओं पर हमला करने की चेतावनी दी थी। इसके कुछ दिनों बाद गुरुद्वारे पर यह हमला हुआ है। इससे पहले भी आईएसकेपी ने अफगानिस्तान में हिंदुओं, सिखों और शिया समुदाय के धार्मिक स्थलों पर हमले कर चुका है।</p>
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इस बीच, काबुल में गुरुद्वारे पर हुए हमले की अफगान नेताओं और संयुक्त राष्ट्र ने कड़ी आलोचना की। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने हमले की निंदा की और इसे 'आतंकवादी घटना' करार दिया। अफगान उच्च शांति परिषद के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी हमले की निंदा की। टोलो न्यूज़ से अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा, मैं कार्ते परवान में हमारे सिख समुदाय के गुरुद्वारे पर हुए जघन्य और कायराना आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता हूं।</p>
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अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने ट्विटर पर कहा कि वह काबुल में एक सिख गुरुद्वारे हमले की कड़ी निंदा करता है। उसने कहा कि आम नागरिकों पर हमला फौरन रुकना चाहिए और अफगानिस्तान में सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आह्वान किया। बता दें कि, अफगानिस्तान में एक समय था जब हजारों हिंदू और सिख रहते थे लेकिन, अब केवल गिनती 20 घर बचे हैं। जो वो भी अब भारत वापस आना चाहते हैं।</p>
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आईएन ब्यूरो

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