अंतर्राष्ट्रीय

खालिस्तानी कार्यकर्ता और इंदिरा गांधी के हत्यारे का भतीजा ड्रग तस्करी के आरोप में न्यूज़ीलैंड में गिरफ़्तार

न्यूजीलैंड पुलिस ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह के भतीजे बलतेज सिंह को ड्रग तस्करी के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया है।

ऑकलैंड में पुलिस अधिकारियों ने मनुकाऊ में एक स्थानीय संपत्ति पर छापे के बाद हाल ही में एक ड्रग रैकेट का भंडाफोड़ किया था। छापेमारी के दौरान बीयर के केन में छिपाकर रखी गयी भारी मात्रा में मेथामफेटामाइन बरामद हुआ।

बाद की जांच में बलतेज सिंह को गिरफ़्तार कर लिया गया, जो कि सतवंत सिंह का भतीजा है। सतवंत और उसके साथी अंगरक्षक बेअंत सिंह ने अक्टूबर 1984 में ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी थी।

सतवंत सिंह के रिश्तेदार होने के कारण बलतेज सिंह को हाल ही में स्थानीय गुरुद्वारों में सम्मानित किया गया था।

सतवंत सिंह के भाई और उनका परिवार 1980 के दशक में न्यूज़ीलैंड चला गया था और ऑकलैंड में एक छोटी सी किराने की दुकान चला रहा था।

हालांकि, हाल के महीनों में उनकी संपत्ति में अचानक बढ़ोत्तरी देखी गयाी थी। बलतेज सिंह के पिता रे व्हाइट नाम की एक रियल एस्टेट फ़र्म के मालिक बन गये और यहां तक कि उन्होंने 100 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य का एक घर भी ख़रीद लिया।

ग़ौरतलब है कि बलतेज सिंह को न्यूज़ीलैंड में आयोजित भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनों के प्राथमिक मास्टरमाइंड और फ़ंड जुटाने वाले के रूप में जाना जाता है। वह इस समय क़ैद में है और ड्रग पेडलिंग के आरोप में उस पर मुकदमा चल रहा है।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”>Khalistani advises New Zealand Sikhs to declare themselves a separate ethnic group in the next census. Instructions are being given to Sikhs in gurudwaras to not identify as &quot;Indian&quot; in the census forms. He should be arrested on sedition charges. <a href=”https://twitter.com/HMOIndia?ref_src=twsrc%5Etfw”>@HMOIndia</a> <a href=”https://t.co/K0RI7Now3q”>pic.twitter.com/K0RI7Now3q</a></p>&mdash; Rakesh Krishnan Simha (@ByRakeshSimha) <a href=”https://twitter.com/ByRakeshSimha/status/1597807878647447552?ref_src=twsrc%5Etfw”>November 30, 2022</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

यह घटना एक बार फिर से खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों की आपराधिक पृष्ठभूमि और संदिग्ध प्रेरणाओं और बढ़ते नए भारत की छवि को धूमिल करने के प्रयासों में विदेशी समर्थन की भूमिका को रेखांकित करती है।

देखें: सैन फ़्रांसिस्को में प्रवासी भारतीयों का खालिस्तानी ग़ुंडों को करारा जवाब

आईएन ब्यूरो

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