यही वो साल जब 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन (Ukraine) पर हमला किया तो कई लोगों को लगा था कि यूक्रेन कहां रूस के सामने टिक पाएगा। करीब 8 महीने के बाद तस्वीर कुछ अलग ही देखने को प्रतीत हो रही है यही नहीं अब तो ऐसा लग रहा है कि जंग यूक्रेनी सेना के पक्ष में जाएगी। विशेषज्ञों के मुताबिक इस युद्ध को एक ऐसी क्रांति के तौर पर भी देखा जाना चाहिए जिसने हथियारों के क्षेत्र में भी एक भूचाल ला दिया है। जहां रूस के कई हथियार फिसड्डी साबित हुए तो यूक्रेनी मिलिट्री के कई वेपन सिस्टम दुश्मन पर भारी पड़े। कई हथियारों के बीच ही अमेरिका HIMARS सिस्टम, वह खिलाड़ी साबित हुआ जिसने जंग की पूरी तस्वीर ही बदलकर रख दी।
जून से ही हमले कर रही
अमेरिका की तरफ से मिले एम14 हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम HIMARS को यूक्रेन के सैनिक जून से ही ऑपरेट कर रहे हैं। ये बहुत खतरनाक हथियार साबित हो रहा है और रूस पर भारी पड़ता नजर आ रहा है। HIMARS वह सिस्टम है जो काफी हल्का है और जिसमें ऐसे हथियार हैं जो पूरी सटीकता के साथ दुश्मन को तबाह कर सकते हैं। इस सिस्टम में ड्रोन के साथ जैवलिन एंटी टैंक रॉकेट्स, स्टिंगर एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल जो जीपीएस से लैस हैं और कई एडवांस्ड माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स लगे हुए हैं।
18 और HIMARS मिलेंगी
यूक्रेन (Ukraine) के पास 16 HIMARS हैं और इस सिस्टम की मदद से ही पिछले महीने यूक्रेनी सेना ने अपनी जमीन पर फिर से कब्जा किया है। अब अमेरिका ने यूक्रेन को 18 और HIMARS देने का वादा किया है। हिमर्स की रेंज, इसकी हमला करने की क्षमता और कहीं भी आसानी लाने ले जाने की सुविधा इसे और खतरनाक बनाती है। रॉबर्ट स्केल्स जो यूएस आर्मी से मेजर जनरल की रैंक से रिटायर हुए हैं, उनकी मानें तो हिमर्स वह हथियार साबित हुआ है जिसे रूस के सोवियत दौर के जमाने के हथियारों की कमर तोड़ दी है। सन् 1970 के दशक में HIMARS को सेना में शामिल करने का श्रेय जनरल स्केल्स को ही जाता है।
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भारी पड़ा यह सिस्टम
HIMARS को लंबी दूरी वाले रॉकेट्स से लैस किया गया है। यह सिस्टम इन रॉकेट्स को करीब 300 किलोमीटर तक फायर कर सकता है। यूक्रेन के पास सोवियत संघ के जमाने के हथियारों का भंडार है। पहले यूक्रेन को इन हथियारों की जगह 155 एमएम की हॉवित्जर गन देने के बारे में सोचा गया था। लेकिन बाद में HIMARS देने का फैसला किया गया।
कैसे हुआ फायदा
2 साल के यूक्रेनी लेफ्टिनेंट वैलेंटाइन कोवल की यूनिट में तैनात HIMARS ने 20 से ज्यादा रूसी एंटी-एयरक्राफ्ट बैटरी को पूरी तरह से तबाह कर दिया था। इस सिस्टम ने कोवल की मानें तो यह सिस्टम उनके लिए बड़ा फायदेमंद साबित हुआ है। अमेरिका ने 800 मिलियन डॉलर के मदद पैकेज के तहत यूक्रेन (Ukraine) को HIMARS देने का फैसला किया था। खुद राष्ट्रपति बाइडेन ने इसका ऐलान किया था। लंदन स्थित रॉयल यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूट में रिसर्च एनालिस्ट सैम क्रैनी इवान्स के मुताबिक HIMARS रूस के किसी भी सिस्टम को कहीं भी निशान बना सकती हैं। उनकी मानें तो HIMARS रूस के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया है।
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