Kulbhushan Jadhav Case: इमरान-बाजवा के मुंह पर इस्लामाबाद हाई कोर्ट का तमाचा

कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav Case)को काउंसिल एक्सेस में लगातार बाधा डाल रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और आर्मी चीफ जनरल बाजवा के मुंह पर जोर का तमाचा जड़ा है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि <a href="https://en.wikipedia.org/wiki/Kulbhushan_Jadhav" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><span style="color: #000080;"><strong>कुलभूषण जाधव</strong></span></a> (Kulbhushan Jadhav Case)भारतीय नागरिक जरूर है लेकिन उसके साथ इंसाफ करना हमारी जिम्मेदारी है। हमें उसकी निष्पक्ष सुनवाई करनी है। ध्यान रहे, पाकिस्तान की सरकार ने कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav Case) को भारतीय वकील दिए जाने की अपील ठुकरा दी है। पाकिस्तान सरकार ने कॉमनवेल्थ देशों में क्राउन काउंसिल देने की परंपरा को भी मानने से इंकार कर दिया है।

<span style="color: #000000;">पाकिस्तान की <a href="https://hindi.indianarrative.com/world/pakistan-delisted-thousands-of-terrorists-13578.html" target="_blank" rel="noopener noreferrer"><strong><span style="color: #000080;">इमरान सरकार</span></strong></a></span> और आर्मी चीफ जनरल बाजवा चाहते हैं कि बिना वकील के ही भारत के एक्स नेवी ऑफिसर कुलभूषण जाधव पर थोपे गए मामलों की सुनवाई हो और फांस का आदेश कोर्ट से बहाल करवा लिया जाए। पाकिस्तान सरकार तो मिलिटरी कोर्ट के फैसले के बाद ही कुलभूषण जाधव को फर्जी आरोपों में फांसी चढ़ा देना चाहती थी लेकिन इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के हस्तक्षेप के बाद मामले की समीक्षा सिविल कोर्ट में भेजी गई। इमरान खान और जनरल बाजवा को कुलभूषण जाधव का मामला भारत की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति के दबाव में इस्लामाबाद हाईकोर्ट भेजना पड़ा। अन्यथा, पाकिस्तान में मिलिटरी कोर्ट के फैसलों में इमरान सरकार दखल देने की हिम्मत ही नहीं कर पाती है। जनरल बाजवा अपनी कलम से दर्जनों लोगों को फांसी पर चढ़ा चुके हैं।

इंडियन नेवी के रिटायर्ड अफसर कुलभूषण जाधव को अप्रैल 2017 में आईएसआई के एजेंटों ने ईरान से अगवा कर लिया था। जब कुलभूषण जाधव के परिजनों और भारत सरकार ने खोजबीन की तो पता चला कि कुलभूषण जाधव पाकिस्तान आर्मी की कैद में हैं। पाकिस्तानी आर्मी ने कुलभूषण जाधव पर आतंकवाद के फर्जी केस लाद दिए और उन्हें बिना कोई मौका दिए जनरल बाजवा ने फांसी का हुक्म दे दिया था। आईसीजे और भारत के कूटनीतिक दबाव में कुलभूषण जाधव का मामला मिलिटरी कोर्ट से निकल कर सिविल कोर्ट में पहुंच गया है लेकिन यहां कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस में लगातार बाधा डाली जा रही है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस की सभी बाधाएं खत्म करने और निष्पक्ष सुनवाई के लिए 14 जनवरी अगली तारीख निर्धारित की है।.

सतीश के. सिंह

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