म्यांमार में सैन्य नियंत्रित सरकार शासन कर रही है। वहीं, लोकतंत्र में विश्वास रखने वाले सेनानियों की ओर से लगातार कोशिशें की जा रही है कि म्यांमार में लोकतंत्र स्थापित हो। लेकिन इस बीच सैन्य नियंत्रित सरकार ने लोकतंत्र समर्थकों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि लोकतंत्र समर्थकों ने देश के अशांत क्षेत्र में रात के समय हमला कर 15 आम नागरिकों की हत्या कर दी है।
मौजूदा सरकार का कहना है कि लोकतंत्र समर्थकों ने रात के अंधेरे में मोर्टार हमले कर 15 नागरिकों की हत्या कर दी। असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स के मुताबिक सेना द्वारा सत्ता पर कब्जा करने के बाद से सुरक्षा बलों द्वारा 3750 नागरिक मारे गए हैं।
हालांकि म्यांमार के लोकतंत्र समर्थकों ने सैन्य सरकार के आरोपों का खंडन किया है। लोकतंत्र समर्थकों ने इन आरोपों से इनकार किया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक तथाकथित पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज ने बुधवार सुबह 4 बजे सागांग क्षेत्र के दक्षिणी हिस्से के न्गवे ट्विन गांव पर मोर्टार से हमला किया। इस हमले में करीब 15 लोगों की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए।
1 फरवरी, 2021 को लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई आंग सान सू की से सैना ने सत्ता छीन लिया,जिसके बाद देश भर में संगठित सशस्त्र पीडीएफ समूह उभरे हैं। यह समूह लोकतंत्र समर्थक राष्ट्रीय एकता सरकार का पुरजोर समर्थन करता है साथ ही सैन्य शासन का विरोध करता है।
सेना ने शुरु की क्रूर आतंकवाद विरोधी अभियान
इधर सेना ग्रामीण इलाकों में क्रूर आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू कर दिया है, जिसमें ग्रामीणों को बेघर करना उनका घर आग के हवाले कर देना और सैकड़ों हजारों लोगों को उनके घरों से खदेड़कर भगा देना शामिल है। सागांग, म्यांमार का ऐतिहासिक और सत्तारूढ़ सेना के सशस्त्र प्रतिरोध का गढ़ है। वहीं, न्गवे ट्विन गांव सरकार के प्रति सहानुभूति रखने वाले कुछ गांवों में से एक हैं।यहां के निवासी कथित तौर पर सेना के द्वारा ग्रामीणों के खिलाफ आतंकवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहे हैं।
नाम नहीं छापने के शर्त पर एक लड़ाकू ने कहा कि मारे गए सभी 15 लोग सेना समर्थक मिलिशिया के सदस्य थे। वहीं एक अधिकारी का कहना है कि लड़ाई के दौरान बच्चों और बुजुर्गों को गांव से सुरक्षित निकाल लिया गया था,जबकि उनके पास किसी भी नागरिक के हताहत होने की कोई खबर या रिपोर्ट नहीं आई थी।
हमले में शामिल पीपुल्स सर्वेंट रिवोल्यूशन-वेटलेट ने अपने फेसबुक पेज के जरिए कहा कि सेना और उससे संबंध रखने वाले कुल 19 लोग मारे गए हैं जबकि 20 से ज्यादा घायल हैं।
सैन्य नियंत्रित सरकार आने के बाद से तीन हजार से ज्यादा लोग मारे गए
असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स के मुताबिक, सेना के सत्ता में आने के बाद से अब तक सुरक्षा बलों द्वारा 3,750 नागरिक मारे गए हैं। बता दें कि असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स देश के राजनीतिक संघर्षों से जुड़ी गिरफ्तारियों और हताहतों की जानकारी रखता है।
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