चीन में सिर्फ 'बोलना' कितना घातक है यह किसी से छिपा नहीं है। वहां खुलकर बोलने वालों की कभी खैर नहीं रहती है। नया मामला चीनी अरबपति व अलीबाबा कंपनी के संस्थापक जैक मा का है। जैक  मा अपने ही देश में पिछले दो महीनों से गायब हैं। वह जिंदा भी हैं या नहीं इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।
विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में जैक मा के गायब होने के पीछे चीन की सरकार के खिलाफ उनके आवाज उठाने को वजह बताया जा रहा है। चीन के इस दिग्गज कारोबारी ने पिछले साल अक्टूबर में एक कार्यक्रम के दौरान अपने भाषण में चीन की नियामक प्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए थे। इसके बाद जैक मा को चीनी सरकार के गुस्से का सामना करना पड़ा। वहां की सरकार ने उनके एंट ग्रुप फिनटेक आर्म के 37 अरब डॉलर के आईपीओ को निलंबित कर दिया था।
<strong>चीन में खुलकर कुछ कहने वालों पर यह पहली बार नहीं है जब चीन की सरकार ने कड़ी कार्रवाई की। ऐसे कई वाकये हैं आइए जानते हैं उन लोगों के बारे में…</strong>
रियल स्टेट टायकून रेन जीकियांग ने चीन में कोरोना वायरस फैलने के बाद इससे निपटने में असफल रहने को लेकर चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना की थी। उन्होंने राष्ट्रपति को जोकर तक कह दिया था। सरकार की आलोचना के बाद रेन के तीन दोस्तों ने पिछले साल मार्च में उनके गायब होने की जानकारी दी। उनके गायब होने को लेकर सरकार के साथ ही पुलिस की तरफ से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई।
<img class="wp-image-23035 size-full" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2021/01/real-state.jpg" alt="रियल स्टेट टायकून रेन जीकियांग" width="1200" height="900" /> रियल स्टेट टायकून रेन जीकियांग। (फाईल फोटो)बाद में पता लगा कि चीनी सरकार की आलोचना के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। पिछले साल सितंबर में उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में 18 साल की जेल की सजा सुनाई गई। रेन चीन की सत्ताधारी कम्यूनिस्ट पार्टी के सदस्य रह चुके हैं। वह सरकारी नियंत्रण वाली पेइजिंग हुआयुआन ग्रुप कंपनी लिमिटेड के चेयरमैन भी थे।
इसी प्रकार, फोटोग्राफर ली गुआंग को चीन में लोगों की दुर्दशा को अपने फोटो के जरिये दिखाना महंगा पड़ गया। लू गुआंग ने चीन के उस रूप को अपने कैमरे में कैद किया जिनसे दुनिया अंजान थी। उन्होंने अपनी तस्वीरों के जरिये नशे की लत शिकार होते नौजवान, एचआईवी रोगियों की जिंदगी और पर्यावरण के विनाश की कहानियां को दिखाया। उनकी खींची गई तस्वीरों को सरकार ने संवेदनशील मानते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। उनकी पत्नी को उनकी गिरफ्तारी के संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई।
<img class="wp-image-23038 size-full" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2021/01/photographar.jpg" alt="फोटोग्राफर ली गुआंग" width="1200" height="900" /> फोटोग्राफर ली गुआंग। (फाईल फोटो)लु गुआंग का जन्म चीन के झेजियांग प्रांत में 1961 में हुआ था। 27 साल के अपने फोटोग्राफी करियर में उनका काम मुख्य रूप से चीन के संवेदनशील सामाजिक मसलों और पर्यावरण पर केंद्रित रहा है। वह तीन बार वर्ल्ड प्रेस फोटो पुरस्कार जीत चुके हैं।
ऐसे ही इंटरपोल के पूर्व चीफ मेंग होंगवेई साल 2018 में रहस्मय तरीके से लापता हो गए थे। उस समय वह फ्रांस के इंटरनेशनल पुलिस हेडक्वार्टर से चीन के दौरे पर आए थे। बाद में खबर आई कि उन्हें चीन में हिरासत में ले लिया गया है। इसके बाद उन्हें कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। गिरफ्तारी के बाद बाद मेंग की पत्नी ने खुद और अपने बच्चे को किडनैप होने की आशंका जताई थी। तब फ्रांस ने उन लोगों को राजनीतिक शरण दे दी थी।
<img class="wp-image-23037 size-full" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2021/01/interpol.jpg" alt="इंटरपोल के पूर्व चीफ मेंग होंगवेई" width="1200" height="900" /> इंटरपोल के पूर्व चीफ मेंग होंगवेई। (फाईल फोटो)<strong>मेंग साल 2005 से 2017 तक चीन में पब्लिक सेफ्टी और कोस्टगार्ड के मिनिस्टर रह चुके थे। पिछले साल जनवरी में भ्रष्टाचार के मामले में मेंग को 13 साल कैद की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने उन पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। इस पर चीन सरकार ने कहा था कि मेंग ने अपने सभी जुर्म कबूल कर लिए हैं और वह फैसले के खिलाफ अपील नहीं करेंगे। </strong>
ईसाई पादरी वांग यी को चीन में धार्मिक स्वतंत्रता का समर्थन एवं उसकी वकालत करने का खामियाजा हिरासत और फिर सजा के रूप में भुगतना पड़ा। चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने पादरी वांग यी को चेंगडु के चर्च पर कार्रवाई के बाद नौ दिसंबर 2018 को उनके समूह के अन्य सदस्यों के साथ गिरफ्तार कर लिया।
<img class="wp-image-23041 size-full" src="https://hindi.indianarrative.com/wp-content/uploads/2021/01/padari-vang-1.jpg" alt="padari vang" width="1200" height="900" /> ईसाई पादरी वांग यी। (फाईल फोटो)दक्षिण-पश्चिम चेंगदू शहर की एक अदालत ने उन पर मुकदमा चलाकर उन्हें नौ साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने पादरी वांग यी को अवैध कारोबार करने का भी दोषी ठहराया। मालूम हो कि चीनी अपने नियंत्रण के बाहर किसी भी संगठन की गतिविधियों को लेकर चौकन्ना रहती है। सरकार ने 2018 में इस्लाम और ईसाई धर्म के कई धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया था।.
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