Protest Against Hijab in Iran: ईरान में पिछले कई दिनों से हिजाब (Protest Against Hijab in Iran) को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इसमें हजारों महिलाएं शामिल हैं। 22 साल की युवती महसा अमीनी की पुलिस द्वारा अरेस्ट कर लिया गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई थी। इसके बाद पूरे ईरान (Protest Against Hijab in Iran) में विरोध प्रदर्शन और ज्यादा बढ़ गया। महिला अपने हिजाब और बुर्के को उतार फेंककर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस हिजाब प्रदर्शन में अब तक कई लोगों की जान जा चुकी है। दुनियाभर से ईरानी महिलाओं का साथ मिल रहा है। महसा अमीनी की मौत को लेकर बड़े पैमाने पर जारी प्रदर्शन देश में 2009 में हुए ‘ग्रीन मूवमेंट’ प्रदर्शन के बाद से ईरान के धर्मतंत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। अमीनी की मौत के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में तेल कर्मचारी, स्कूलों के विद्यार्थी और महिलाएं शामिल हैं, जो बिना हिजाब के मार्च कर रही हैं। ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य है। इसके साथ ही इस प्रदर्शन में अब मुल्लाओं को भाग जाने का भी नारा लग रहा है। वैसे ईराम में हिजाब बवाल (Protest Against Hijab in Iran) को लेकर कट्टरपंथी मुसलमानों के मुंह पर ताला लग गया है। वरना वो तो एक छोटे से भी मुद्दे पर गला फाड़ते नजर आते हैं। कहां चला गया पाकिस्तान, कुवैत, सऊदी अरब। भारत को इस्लाम के नाम पर ज्ञान देने वाले ये सारे इस्लामिक देश अब गूंगे हो गए हैं।
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ईरान में लग रहे मुल्लाओं भाग जाओ के नारे
महसा अमीनी (22) की मौत ईरान के पुलिस हिरासत में हुई, हिजाब प्रदर्शन के बाद उन्हें पुलिस उठाकर ले गई और उसके बाद लोगों ने कहा कि उसे मार दिया। इसी के बाद ये मामला और भी ज्यादा भड़क गया। महसा की मौत को करीब पांच हफ्ते हो गए हैं लेकिन, इसके बाद भी देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन जारी है। यहां तक की बुधवार को पूरे देश में इंटरनेट सेवा ठप करनी पड़ी थी। शनिवार को ईरान में तेहरान के शरीयती टेक्निकल एंड वोकेशनल कॉलेज में बिना हिजाब के प्रदर्शन कर रही महिलाओं को गन, टैंक और ‘मुल्लाओं भाग जाओ’ जैसा नारा लगाते हुए देखा गया है। नारेबाजी का वीडियो भी सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। न्यूज एजेंसी एएफपी की ओर से जारी फुटेज में बताया गया है कि तेहरान के पश्चिम में स्थित हमदान शहर में एक ऐतिहासिक गोल चक्कर के पार भारी संख्या में मौजूद प्रदर्शनकारियों ने नारा लगाया और सुरक्षाबलों पर चीजें फेंकी।
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ड्रेस कोड के उल्लंघन में हुई थी गिरफ्तारी
ईरान की नैतिकता पुलिस ने तेहरान में इस्लामिक गणराज्य के सख्त ‘ड्रेस कोड’ का उल्लंघन करने के आरोप में महसा अमीनी को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पुलिस हिरासत में ही अमीनी की मौत गई थी। ईरान की सरकार का कहना है कि पुलिस हिरासत में अमीनी के साथ दुर्व्यवहार नहीं किया गया। लेकिन उसके परिवार का कहना है कि हिरासत में लिए जाने के बाद उसके शरीर पर चोट के निशान थे। इसी के बाद लोग और ज्यादा आग बबूले हो गये और जमकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। अगर ईरान में हिसाब अनिवार्य को हटा दिया जाता है तो ये किसी इस्लामिक देश में इतिहास के तौर पर दर्ज किया जाएगा। वैसे भी मुल्ला और मौलवी शुरुआत से ही मुस्लिम महिलाओं के हक को छिनते आये हैं। वहीं, अमेरिका स्थित अधिकार निगरानीकर्ता HRANA के अनुसार, 17 सितंबर को ईरान में शुरू हुए प्रदर्शनों के बाद से कम से कम 233 प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। समूह ने कहा कि मृतकों में 32 की उम्र 18 वर्ष से कम थी। इससे पहले ओस्लो स्थित ईरान ह्यूमन राइट्स का अनुमान है कि 201 लोग मारे गए हैं।
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