हिंदू गणतंत्र बनेगा नेपाल, पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचे पीएम ओली, शी जिनपिंग को लगी मिर्ची

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नेपाल की राजनीति में बहुत बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की है। यह पहली बार है कि नेपाली पीएम ओली पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा करने गए हैं और मीडिया ने उनकी फुल कवरेज की है। केपी शर्मा ओली के इस अवतार को देखकर चीन की कम्युनिस्ट सरकार के मुखिया शी जिनपिंग जलभुनकर खाक हो गए हैं। शी जिनपिंग को अपने मंसूबों पर पानी फिरता दिखाई दे रह है। बहरहाल, चीन के साथ ही नेपाल की सियासत में भी केपी शर्मा ओली के इस नये अवतार पर तरह-तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं।</p>
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कभी दुनिया का एकमात्र हिंदू देश रहे नेपाल के पीएम ओली का यह अचानक ह्दय परिवर्तन ऐसे समय पर हुआ है जब नेपाल में राजतंत्र को फिर से बहाल करने और देश को हिंदू राष्‍ट्र बनाने की मांग चरम पर है। नेपाली पीएम मंदिर गए और करीब सवा घंटे तक वहां पर रहे। नेपाली अखबार काठमांडू पोस्‍ट की रिपोर्ट के मुताबिक कार्ल मार्क्‍स को मानने वाले पीएम ओली अब तक कभी किसी मंदिर में नहीं गए थे। ओली के अचानक इस दांव से विशेषज्ञ हतप्रभ हैं।</p>
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केपी ओली पहले ऐसे कम्‍युनिस्‍ट प्रधानमंत्री हैं जिन्‍होंने पशुपतिनाथ मंदिर की यात्रा की है। यही नहीं अन्‍य वामपंथी नेता जैसे पुष्‍प कमल दहल प्रचंड, माधव कुमार नेपाल, बाबूराम भट्टाराई और झालानाथ खनल कभी भी पशुपतिनाथ मंदिर नहीं गए हैं। यही नहीं इन नेताओं में से कई ने तो ईश्‍वर के नाम पर शपथ लेने से भी इनकार कर दिया था।</p>
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नेपाल के वामपंथी आंदोलन पर लंबे समय से नजर रखने वाले श्‍याम श्रेष्‍ठ कहते हैं कि ओली राजतंत्र समर्थक और हिंदू समर्थक मतदाताओं को अपने पाले में लाना चाहते हैं। नेपाल में राजतंत्र समर्थक ताकतें और हिंदू समर्थक दल बिखरे हुए हैं और वे अलग-अलग नामों से काम करते हैं। इनमें राष्‍ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ही एक दल है जो संगठित होकर हिंदू राष्‍ट्र बनाने के लिए प्रयास कर रही है।</p>
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नेपाली कांग्रेस के नेता शेखर कोईराला कहते हैं कि जिस तरह के बयान ओली दे रहे हैं और राजनीतिक घटनाक्रम जिस तरह से बदल रहा है, उससे लोगों को यह लगता है कि वह नेपाल को एक हिंदू राष्‍ट्र में बदल सकते हैं। ओली के रुख में बड़ा बदलाव का एक कारण यह भी बताया जाता है कि ओली भारत और चीन में संतुलन बना रहे हैं और नई दिल्‍ली को यह संकेत दे रहे हैं कि वह उसके साथ चलने को तैयार हैं। कई लोग यह भी कह रहे हैं कि वर्ष 2014में जिस तरह से पीएम मोदी ने पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा की थी, उसी तरह से केपी ओली ने पूजा की है।</p>

Rajeev Sharma

Rajeev Sharma, writes on National-International issues, Radicalization, Pakistan-China & Indian Socio- Politics.

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